पंचकूला: हरियाणा पुलिस अकादमी में नवनियुक्त न्यायिक अधिकारियों के लिए तीन सप्ताह का विशेष पुलिस प्रशिक्षण गुरुवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया. न्यायिक अकादमी चण्डीगढ़ के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में 15 महिला न्यायिक अधिकारियों और पांच पुरुष न्यायिक अधिकारियों ने भाग लिया. समापन अवसर पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस हरिपाल वर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया.
हरियाणा पुलिस अकादमी के निदेशक व एडीजीपी डॉ सीएस राव की ओर से अकादमी के डीआइजी डॉ अरूण सिंह ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया तथा आभार व्यक्त किया. यह कार्यक्रम 1 अप्रैल को आरंभ हुआ था.
मुख्य अतिथि जस्टिस हरिपाल वर्मा ने प्रतिभागियों को कहा कि निचली अदालतों में नियुक्त मैजिस्ट्रेट अपराधिक न्याय प्रणाली की नींव होते हैं. न्याय उपलब्ध कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसलिए मैजिस्ट्रेट को अपना कर्तव्य न्याय के प्रति सचेत और संवेदनशील रहते हुए निभाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्य पालन में गरीब फरियादी का ध्यान रखें क्योंकि यह संभव है कि वह अनुभवी वकील करने में संक्षम न हो, इस बात का भी ध्यान रखें कि अनुभवी वकील को अपेक्षाकृत कानूनी बारीकियों की अधिक जानकारी होती है. मुख्य अतिथि जस्टिस वर्मा ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए.
इससे पूर्व अकादमी के पुलिस अधीक्षक राजेश कालिया ने अकादमी की ओर से मुख्य अतिथि व प्रतिभागियों का स्वागत किया. अकादमी के जिला न्यायवादी अशोक कुमार बागड़ी व डीडीए अनिता मान ने प्रशिक्षण कार्यक्रम से अवगत कराते हुए कहा कि प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियोंं को साइबर अपराध, फॉरेंसिक विज्ञान, बच्चों, महिलाओं जुड़े विशेष कानून, व्यक्तित्व विकास, पेशेवर शिष्टाचार व नैतिकता, दीवानी मामलों, आतंक विरोधी मामलों में कानूनी प्रक्रिया संबंधी जानकारी दी गई है. प्रतिभागी न्यायिक अधिकारियों की ओर से गन्नौर उपमण्डल अदालत में नियुक्त महिला न्यायिक अधिकारी जपजी सिंह ने प्रशिक्षण संबंधी अनुभवों से अवगत कराया.