पंचकूला: कोरोना वायरस के चलते इन दिनों पंचकूला जिले में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसी के चलते पंचकूला में ऑक्सीजन की खपत इन दिनों काफी बढ़ गई है.
कई राज्यों में ऑक्सीजन ना मिलने से कोरोना वायरस से ग्रस्त कई मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन पंचकूला में अभी ऑक्सीजन की कोई किल्लत देखने को नहीं मिली है. पंचकूला की सिविल सर्जन डॉक्टर जसजीत कौर ने बताया कि पंचकूला के सेक्टर-6 अस्पताल सहित तीन अन्य निजी अस्पतालों में लगभग 2 दिन का स्टॉक उपलब्ध है.
उन्होंने बताया कि पंचकूला जिले में 7000 मीट्रिक टन की क्षमता है और रोजाना ऑक्सीजन की 2800 मीट्रिक टन की खपत हो रही है. रोजाना की खपत के लिए उनके प्रबंध मुकम्मल हैं. सीएमओ ने बताया कि अभी तक पंचकूला में किसी प्रकार से ऑक्सीजन की किल्लत सामने नहीं आई है और पंचकूला के पास बैकअप के लिए कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध हैं.
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उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन द्वारा ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी भी बनाई जा रही है ताकि ऑक्सीजन की जरूरत की मांग को पूरा किया जा सके और जिन्हें ज्यादा जरूरत है उन्हें समय पर ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा सके. उनका प्रयास है कि ऑक्सीजन सही तरीके से प्रयोग हो.
उन्होंने कहा कि पंचकूला स्वास्थ्य विभाग स्टेट हेड क्वार्टर से लगातार संपर्क में है. एयर लिक्विड ऑक्सीजन की टीम पानीपत से आएगी और लिक्विड ऑक्सीजन को भी जल्द शुरू कर दिया जाएगा.
सीएमओ ने कहा कि सिविल हॉस्पिटल के पास दो दिन की ऑक्सीजन सप्लाई उपलब्ध है और इसके अलावा निजी अस्पताल ओजस के पास एक दिन की ऑक्सीजन है और अन्य दो निजी अस्पतालों में भी दो दिन की ऑक्सीजन बैकअप उपलब्ध है.
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उन्होंने कहा कि आज के दिन में 345 ऐसे मरीज हैं जिनको ऑक्सीजन दी जा रही है और आज शाम को एक बैठक भी है जिसमें ऑक्सीजन इस्तेमाल पर बात होगी. आशंका है कि आने वाले दिनों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होगी उसको लेकर सरकारी व निजी अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है.
उन्होंने कहा कि पंचकूला में 400 ऐसे बेड हैं जिनके साथ ऑक्सीजन की सपोर्ट है और करीब 350 बेड बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के हैं. जरूरत पड़ने पर कोविड-19 केयर सेंटर को भी ऑक्सीजन की सप्लाई कर ऑक्सीजन बेड बनाया जाएगा.
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