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कुरुक्षेत्र गुरुकुल में प्राकृतिक खेती के मॉडल को देखने आएंगे गुजरात के मुख्यमंत्री, इस दिन होगा कार्यक्रम

कुरुक्षेत्र गुरुकुल में प्राकृतिक खेती के मॉडल (Natural farming in Kurukshetra Gurukul) को देखने गुजरात के मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्री 15 और 16 सितंबर को कुरुक्षेत्र पहुंचेंगे. इस दौरान उनके साथ गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत सहित कई कृषि विश्वविद्यालयों की रिसर्च टीमें भी मौजूद रहेंगी. पढ़ें पूरी खबर...

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत.
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत.
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Published : Sep 13, 2022, 6:20 PM IST

कुरुक्षेत्र: गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत लगातार प्राकृतिक खेती (Governor of Gujarat Acharya Devvrat) को लेकर प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं. कुरुक्षेत्र गुरुकुल में आचार्य देवव्रत के द्वारा आज एक प्रेस वार्ता की गई. इस प्रेस वार्ता में उन्होंने प्राकृतिक खेती से होने वाले फायदों के बारे में बताया. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसान कि आय में वृद्धि होगी और लागत मूल्य कम आएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल में अब लगभग दो लाख किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ गए हैं.

यह एक सरकारी आंकड़ा है, जो किसान पंजीकृत है. उन्होंने कहा कि किसानों की संख्या इससे भी ज्यादा है. वहीं अगर बात गुजरात की जाए तो गुजरात में भी यह आंकड़ा ढाई लाख से ऊपर पहुंच चुका है. पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में कृषि विश्वविद्यालय में भी प्राकृतिक खेती को लेकर सिलेबस को शामिल किया जाएगा. जिसकी पूरी रूप रेखा तैयार कर दी गई है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग के मुख्य सलाहकार की देखरेख में यह सिलेबस तैयार किया गया है.

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत.

इसके अलावा उन्होंने 15 व 16 तारीख को गुरुकुल में होने वाले कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी (Gujarat CM will visit Kurukshetra Gurukul) दी. उन्होंने बताया कि 15 तारीख को केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी अपनी टीम के साथ उनके गुरुकुल के फार्म पर 200 एकड़ में की गई प्राकृतिक खेती के मॉडल को देखने के लिए आ रहे हैं. वहीं, 16 तारीख को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, गुजरात के मुख्यमंत्री, हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल, गुजरात के कृषि मंत्री, गुजरात के शिक्षा मंत्री के साथ-साथ विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों से रिसर्च टीमें भी यहां पहुंचेंगी. ताकि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा सके.

उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि मौजूदा समय में रसायनिक खेती से हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता (Natural farming in Kurukshetra Gurukul) है. इसलिए आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए हमें प्राकृतिक खेती को बचाना होगा उस मॉडल को देखने के लिए है. यह लोग यहां पर आ रहे हैं ताकि पूरे भारत में इसका विस्तार किया जा सके.

ये भी पढ़ें: हिमाचल का राजभवन दे रहा बचत और अनुशासन को प्राथमिकता, नए राज्यपाल निभा रहे परंपरा

कुरुक्षेत्र: गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत लगातार प्राकृतिक खेती (Governor of Gujarat Acharya Devvrat) को लेकर प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं. कुरुक्षेत्र गुरुकुल में आचार्य देवव्रत के द्वारा आज एक प्रेस वार्ता की गई. इस प्रेस वार्ता में उन्होंने प्राकृतिक खेती से होने वाले फायदों के बारे में बताया. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसान कि आय में वृद्धि होगी और लागत मूल्य कम आएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल में अब लगभग दो लाख किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ गए हैं.

यह एक सरकारी आंकड़ा है, जो किसान पंजीकृत है. उन्होंने कहा कि किसानों की संख्या इससे भी ज्यादा है. वहीं अगर बात गुजरात की जाए तो गुजरात में भी यह आंकड़ा ढाई लाख से ऊपर पहुंच चुका है. पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में कृषि विश्वविद्यालय में भी प्राकृतिक खेती को लेकर सिलेबस को शामिल किया जाएगा. जिसकी पूरी रूप रेखा तैयार कर दी गई है. उन्होंने कहा कि नीति आयोग के मुख्य सलाहकार की देखरेख में यह सिलेबस तैयार किया गया है.

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत.

इसके अलावा उन्होंने 15 व 16 तारीख को गुरुकुल में होने वाले कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी (Gujarat CM will visit Kurukshetra Gurukul) दी. उन्होंने बताया कि 15 तारीख को केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी अपनी टीम के साथ उनके गुरुकुल के फार्म पर 200 एकड़ में की गई प्राकृतिक खेती के मॉडल को देखने के लिए आ रहे हैं. वहीं, 16 तारीख को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, गुजरात के मुख्यमंत्री, हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल, गुजरात के कृषि मंत्री, गुजरात के शिक्षा मंत्री के साथ-साथ विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों से रिसर्च टीमें भी यहां पहुंचेंगी. ताकि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा सके.

उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि मौजूदा समय में रसायनिक खेती से हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता (Natural farming in Kurukshetra Gurukul) है. इसलिए आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए हमें प्राकृतिक खेती को बचाना होगा उस मॉडल को देखने के लिए है. यह लोग यहां पर आ रहे हैं ताकि पूरे भारत में इसका विस्तार किया जा सके.

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