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करनाल से बड़ी जीत दर्ज करने वाले संजय भाटिया के बारे में जानते हैं आप? देखिए स्पेशल रिपोर्ट

लोकसभा चनाव में बीजेपी ने करनाल से पंजाबी समाज से आने वाले संजय भाटिया को टिकट दिया था और भाटिया ने जीत का परचम लहराते हुए पार्टी का भरोसा कायम रखा. हम आपको बता रहे हैं संजय भाटिया के बारे में.

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Published : May 28, 2019, 4:51 PM IST

sanjay bhatia bjp mp from karnal

करनाल: बीजेपी ने करनाल में चली आ रही परंपरा को बदलकर ब्राह्मण को इस सीट से टिकट ना देकर पानीपत के पंजाबी समाज से आने वाले संजय भाटिया को टिकट दिया था. 1952 में पहली लोकसभा से लेकर 2014 तक यहां 16 बार हुए चुनाव हैं. इसमें से केवल 3 बार ही गैर-ब्राह्मण उम्मीदवार करनाल से चुनाव जीत सके. गैर ब्राह्मणों में 1998 में पूर्व सीएम चौधरी भजन लाल, 2014 में अश्विनी चोपड़ा, 1970 में मोहिंदर सिंह लाठर उप चुनाव जीते थे.

करनाल से बड़ी जीत दर्ज करने वाले संजय भाटिया के बारे में जानते हैं आप? देखिए स्पेशल रिपोर्ट

कौन हैं संजय भाटिया?
52 वर्षीय संजय भाटिया का कभी कोई व्यक्तिगत राजनीतिक एजेंडा नहीं रहा और ना ही किसी से व्यक्तिगत मतभेद. राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण पानीपत शहरी विधायक रोहिता रेवड़ी और ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा से भले ही मतभेद रहा हो लेकिन पूरा संगठन भाटिया के साथ रहा. भाटिया को सीएम मनोहर लाल के करीबियों में गिना जाता है.

किसान जयदयाल भाटिया की चौथी संतान संजय भाटिया मॉडल टाउन पानीपत में रहते हैं. पत्नी मंजू भाटिया महिलाओं के क्लब से जुड़ी हैं. दो संतानों में बड़े बेटे चांद भाटिया ने अभी-अभी ग्रेजुएट किया है. वहीं छोटा बेटा ध्रुव भाटिया दिल्ली यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन कर रहा है.

दो बार हार चुके थे चुनाव
दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके भाटिया के नाम पर चर्चा के दौरान सबसे बड़ा नेगेटिव प्वाइंट यही सामने आया था. 2005 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायक बलबीर पाल शाह ने 88340 वोट और वर्ष 2009 के चुनाव में शाह से दूसरी बार 12159 वोट से हार गए थे. संजय भाटिया के सामने हार की छवि को बदलने के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी और वो इसे बदलने में कामयाब भी रहे.

करनाल: बीजेपी ने करनाल में चली आ रही परंपरा को बदलकर ब्राह्मण को इस सीट से टिकट ना देकर पानीपत के पंजाबी समाज से आने वाले संजय भाटिया को टिकट दिया था. 1952 में पहली लोकसभा से लेकर 2014 तक यहां 16 बार हुए चुनाव हैं. इसमें से केवल 3 बार ही गैर-ब्राह्मण उम्मीदवार करनाल से चुनाव जीत सके. गैर ब्राह्मणों में 1998 में पूर्व सीएम चौधरी भजन लाल, 2014 में अश्विनी चोपड़ा, 1970 में मोहिंदर सिंह लाठर उप चुनाव जीते थे.

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कौन हैं संजय भाटिया?
52 वर्षीय संजय भाटिया का कभी कोई व्यक्तिगत राजनीतिक एजेंडा नहीं रहा और ना ही किसी से व्यक्तिगत मतभेद. राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण पानीपत शहरी विधायक रोहिता रेवड़ी और ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा से भले ही मतभेद रहा हो लेकिन पूरा संगठन भाटिया के साथ रहा. भाटिया को सीएम मनोहर लाल के करीबियों में गिना जाता है.

किसान जयदयाल भाटिया की चौथी संतान संजय भाटिया मॉडल टाउन पानीपत में रहते हैं. पत्नी मंजू भाटिया महिलाओं के क्लब से जुड़ी हैं. दो संतानों में बड़े बेटे चांद भाटिया ने अभी-अभी ग्रेजुएट किया है. वहीं छोटा बेटा ध्रुव भाटिया दिल्ली यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन कर रहा है.

दो बार हार चुके थे चुनाव
दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके भाटिया के नाम पर चर्चा के दौरान सबसे बड़ा नेगेटिव प्वाइंट यही सामने आया था. 2005 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायक बलबीर पाल शाह ने 88340 वोट और वर्ष 2009 के चुनाव में शाह से दूसरी बार 12159 वोट से हार गए थे. संजय भाटिया के सामने हार की छवि को बदलने के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी और वो इसे बदलने में कामयाब भी रहे.

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करनाल से बड़ी जीत दर्ज करने वाले संजय भाटिया के बारे में जानते हैं आप? देखिए स्पेशल रिपोर्ट



लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने करनाल से पंजाबी समाज से आने वाले संजय भाटिया को टिकट दिया था और भाटिया ने जीत का परचम लहराते हुए पार्टी का भरोसा कायम रखा. हम आपको बताते हैं संजय भाटिया के बारे में.



करनाल: बीजेपी ने करनाल में चली आ रही परंपरा को बदलकर इस बार ब्राह्मण को इस सीट से टिकट ना देकर पानीपत के पंजाबी समाज से आने वाले संजय भाटिया को टिकट दिया था. 1952 में पहली लोकसभा से लेकर 2014 तक यहां 16 बार हुए चुनाव हैं. इसमें से केवल 3 बार ही गैर-ब्राह्मण उम्मीदवार ही करनाल से चुनाव जीत सके. गैर ब्राह्मणों में 1998 में पूर्व सीएम चौधरी भजन लाल, 2014 में अश्विनी चोपड़ा, 1970 में मोहिंदर सिंह लाठर उप चुनाव जीते थे.



कौन हैं संजय भाटिया?

52 वर्षीय संजय भाटिया का कभी कोई व्यक्तिगत राजनीतिक एजेंडा नहीं रहा और ना ही किसी से व्यक्तिगत मतभेद. राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण पानीपत शहरी विधायक रोहिता रेवड़ी और ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा से भले ही मतभेद रहा हो लेकिन पूरा संगठन भाटिया के साथ रहा. भाटिया को सीएम मनोहर लाल के करीबियों में गिना जाता है.

किसान जयदयाल भाटिया की चौथी संतान संजय भाटिया मॉडल टाउन पानीपत में रहते हैं. पत्नी मंजू भाटिया महिलाओं के क्लब से जुड़ी हैं. दो संतानों में बड़े बेटे चांद भाटिया ने अभी-अभी ग्रैजुएट किया है. वहीं छोटा बेटा ध्रुव भाटिया दिल्ली यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन कर रहा है. 



दो बार हार चुके थे चुनाव 

दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके भाटिया के नाम पर चर्चा के दौरान सबसे बड़ा नेगेटिव प्वाइंट यही सामने आया था. 2005 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायक बलबीर पाल शाह ने 88340 वोट और वर्ष 2009 के चुनाव में शाह से दूसरी बार 12159 वोट से हार गए थे. संजय भाटिया के सामने हार की छवि को बदलने के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी और वो इसे बदलने में कामयाब भी रहे. 


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