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यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजन पहुंचे करनाल डीसी ऑफिस, लगाई मदद की गुहार

रूस के हमले के बाद यूक्रेन में फंसे छात्रों (students trapped in Ukraine) के परिजन सदमें हैं. भारतीय दूतावास द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर काम नहीं करने से परिजन बेचैन हैं और नाराजगी जताई है. शनिवार को परिजन करनाल डीसी ऑफिस पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

students trapped in Ukraine
यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजन पहुंचे डीसी ऑफिस.
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Published : Feb 26, 2022, 6:58 PM IST

करनाल: यूक्रेन में अभी भी हरियाणा के करनाल के कुछ छात्र फंसे (students trapped in Ukraine) हैं. वहां के हालात को लेकर अभिभावक चिंतित हैं. शनिवार को परिजन और यूक्रेन से लौटे कुछ छात्र उपायुक्त कार्यालय पर गुहार लगाने के लिए पहुंचे (parents reached Karnal DC office) थे, लेकिन छुट्टी का दिन होने के चलते उन्होंने एसडीएम गौरव कुमार से बात की और ज्ञापन दिया.


हाल ही में यूक्रेन से वापस आये बच्चों ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए वहां के ताजा हालातों की जानकारी देते हुए बताया कि स्थिति भयंकर बनी हुई है. सभी लोग सहमे हुए हैं. घर लौटने के लिए उन्हें दोगुने दाम में फ्लाइट टिकट खरीदनी पड़ी. इतना ही नहीं टिकट के दाम लगातार बढ़ ही रहे हैं. ऐसे में बच्चों और उनके अभिभावकों ने गुहार लगाई है कि सरकार इस मसले का भी हल निकाले. मिडिल क्लास लोग पहले ही स्टडी लोन के तले दबे पड़े हैं और ऊपर से एयरलाइन्स भी मौके का फायदा उठा रही हैं.

यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजन पहुंचे डीसी ऑफिस.

अभिभावकों ने कहा कि उनके बच्चे यूक्रेन में इमरजेंसी लगने के कारण घरों में कैद हो गए हैं. ऐसे में वे अपने बच्चों के हालात को लेकर चिंतित हैं. हजारों किलोमीटर दूर रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग (Russia Ukraine war) की गूंज भारत के विभिन्न शहरों में भी सुनाई दे रही है. यही कारण है कि वहां फंसे भारतीयों के परिजनों की धड़कने बढ़ गई हैं. ऐसे में एक ओर जहां परिजन लगातार यूक्रेन में रहने वाले अपनों का कुशलक्षेम जानने में जुटे रहे. वहीं, दूसरी ओर ज्ञापन सौंप कर सरकार से अपनों को वापस लाने की गुहार लगा रहें. इस दौरान भारतीय दूतावास की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर काम नहीं करने से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

वहीं, एसडीएम गौरव कुमार ने कहा कि हमारे पास करनाल से यूक्रेन गए बच्चों के परिजन आ रहे हैं. बच्चों को वापस लाने के लिए ऊपर अधिकारियों को जानकारी भेजी जा रही है. सरकार अपने स्तर पर बच्चों को वापस लाने का काम कर रही है. किसी को घबराने की जरूरत नहीं है.

ये भी पढ़ें: यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की सरकार से मदद की गुहार, बेसमेंट और बंकरों में छिपने को मजबूर

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करनाल: यूक्रेन में अभी भी हरियाणा के करनाल के कुछ छात्र फंसे (students trapped in Ukraine) हैं. वहां के हालात को लेकर अभिभावक चिंतित हैं. शनिवार को परिजन और यूक्रेन से लौटे कुछ छात्र उपायुक्त कार्यालय पर गुहार लगाने के लिए पहुंचे (parents reached Karnal DC office) थे, लेकिन छुट्टी का दिन होने के चलते उन्होंने एसडीएम गौरव कुमार से बात की और ज्ञापन दिया.


हाल ही में यूक्रेन से वापस आये बच्चों ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए वहां के ताजा हालातों की जानकारी देते हुए बताया कि स्थिति भयंकर बनी हुई है. सभी लोग सहमे हुए हैं. घर लौटने के लिए उन्हें दोगुने दाम में फ्लाइट टिकट खरीदनी पड़ी. इतना ही नहीं टिकट के दाम लगातार बढ़ ही रहे हैं. ऐसे में बच्चों और उनके अभिभावकों ने गुहार लगाई है कि सरकार इस मसले का भी हल निकाले. मिडिल क्लास लोग पहले ही स्टडी लोन के तले दबे पड़े हैं और ऊपर से एयरलाइन्स भी मौके का फायदा उठा रही हैं.

यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजन पहुंचे डीसी ऑफिस.

अभिभावकों ने कहा कि उनके बच्चे यूक्रेन में इमरजेंसी लगने के कारण घरों में कैद हो गए हैं. ऐसे में वे अपने बच्चों के हालात को लेकर चिंतित हैं. हजारों किलोमीटर दूर रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग (Russia Ukraine war) की गूंज भारत के विभिन्न शहरों में भी सुनाई दे रही है. यही कारण है कि वहां फंसे भारतीयों के परिजनों की धड़कने बढ़ गई हैं. ऐसे में एक ओर जहां परिजन लगातार यूक्रेन में रहने वाले अपनों का कुशलक्षेम जानने में जुटे रहे. वहीं, दूसरी ओर ज्ञापन सौंप कर सरकार से अपनों को वापस लाने की गुहार लगा रहें. इस दौरान भारतीय दूतावास की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर काम नहीं करने से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

वहीं, एसडीएम गौरव कुमार ने कहा कि हमारे पास करनाल से यूक्रेन गए बच्चों के परिजन आ रहे हैं. बच्चों को वापस लाने के लिए ऊपर अधिकारियों को जानकारी भेजी जा रही है. सरकार अपने स्तर पर बच्चों को वापस लाने का काम कर रही है. किसी को घबराने की जरूरत नहीं है.

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