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करनाल: ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने 18 हजार रुपये न्यूनतम वेतन की मांग की

यूनियन के प्रदेश महासचिव विनोद कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सफाई कर्मचारियों की सेवाएं नियमित हों, जब तक नियमित ना हो तब तक 18 हजार रुपये न्यूनतम वेतन मिले.

प्रदर्शन करते ग्रामीण सफाई कर्मचारी
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Published : Sep 8, 2019, 7:40 AM IST

करनाल: प्रदेश के हजारों ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने शनिवार को करनाल में अपनी मांगों को लेकर महापड़ाव शुरू कर दिया है. सीटू के नेतृत्व में ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा के बैनर तले पिछले 27 अगस्त से लगातार हड़ताल पर हैं. सरकार की उपेक्षापूर्ण रवैये के खिलाफ प्रदेश भर से हजारों कर्मचारी मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे.

ये भी पढ़ें- फोन पर आर्मी ऑफिसर की बेटी को धमकी, पुलिस ने दर्ज किया मामला

सफाई कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और जमकर नारेबाजी करते हुए जिला सचिवालय पहुंचे. यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रशासन से सीधे तौर पर मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा जताई, जिसके बाद प्रशासन से आश्वासन अगले 2 दिन के बाद का मिला. तब तक के लिए सभी सफाई कर्मचारियों ने जिला सचिवालय के बाहर ही अपना डेरा जमा लिया है.

ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने करनाल में डाला डेरा, देखें वीडियो

क्या हैं मांगें

यूनियन के प्रदेश महासचिव विनोद कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सफाई कर्मचारियों की सेवाएं नियमित हों, जब तक नियमित ना हों तब तक ₹18000 न्यूनतम वेतन मिले. 2000 की बजाय 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की नियुक्ति हो. सफाई कर्मचारियों को सभी प्रकार के अवकाश दिए जाएं और बेगार प्रथा पर रोक लगे.

काम के नार्म्स तय हो. हर माह की 7 तारीख तक वेतन मिले. बकाया वेतन और वर्दी भत्ते का तुरंत प्रभाव से भुगतान हो. उन्होंने कहा कि हालात ये हैं कि 2013 में शहरी और ग्रामीण सफाई कर्मियों को एक समान 8100 वेतन मिलता था, लेकिन आज सरकार ने भेदभाव पैदा करते हुए ग्रामीण सफाई कर्मियों को 11000 और शहरों में ठेके पर काम करने वाले कर्मियों को 15000 दिए जा रहे हैं, जो ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.

करनाल: प्रदेश के हजारों ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने शनिवार को करनाल में अपनी मांगों को लेकर महापड़ाव शुरू कर दिया है. सीटू के नेतृत्व में ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा के बैनर तले पिछले 27 अगस्त से लगातार हड़ताल पर हैं. सरकार की उपेक्षापूर्ण रवैये के खिलाफ प्रदेश भर से हजारों कर्मचारी मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे.

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सफाई कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और जमकर नारेबाजी करते हुए जिला सचिवालय पहुंचे. यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रशासन से सीधे तौर पर मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा जताई, जिसके बाद प्रशासन से आश्वासन अगले 2 दिन के बाद का मिला. तब तक के लिए सभी सफाई कर्मचारियों ने जिला सचिवालय के बाहर ही अपना डेरा जमा लिया है.

ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने करनाल में डाला डेरा, देखें वीडियो

क्या हैं मांगें

यूनियन के प्रदेश महासचिव विनोद कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सफाई कर्मचारियों की सेवाएं नियमित हों, जब तक नियमित ना हों तब तक ₹18000 न्यूनतम वेतन मिले. 2000 की बजाय 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की नियुक्ति हो. सफाई कर्मचारियों को सभी प्रकार के अवकाश दिए जाएं और बेगार प्रथा पर रोक लगे.

काम के नार्म्स तय हो. हर माह की 7 तारीख तक वेतन मिले. बकाया वेतन और वर्दी भत्ते का तुरंत प्रभाव से भुगतान हो. उन्होंने कहा कि हालात ये हैं कि 2013 में शहरी और ग्रामीण सफाई कर्मियों को एक समान 8100 वेतन मिलता था, लेकिन आज सरकार ने भेदभाव पैदा करते हुए ग्रामीण सफाई कर्मियों को 11000 और शहरों में ठेके पर काम करने वाले कर्मियों को 15000 दिए जा रहे हैं, जो ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.

Intro:सीएम सिटी करनाल में प्रदेशभर से आए हजारों ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का अपने मुख्य मांगों को लेकर महापड़ाव शुरू, सीटू के नेतृत्व में ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा के बैनर तले पिछले स्थाई का से लगातार हड़ताल पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन करते हुए पहुंचे जिला सचिवालय, प्रशासन से मुख्यमंत्री को मिलने की जताई इच्छा, अगले 2 दिन तक दिन-रात लघु सचिवालय के बाहर करेंगे महापड़ाव ,जब तक सरकार बातचीत कर कोई समाधान नहीं करती तब तक आंदोलन रहेगा जारी ।


Body:प्रदेश के हजारों ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने आज करनाल में अपनी मांगों को लेकर महापड़ाव शुरू कर दिया है । सीटू के नेतृत्व में ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा के बैनर तले पिछले 27 अगस्त से लगातार हड़ताल पर हैं । सरकार की उपेक्षा पूर्ण रवैया के खिलाफ आज प्रदेश भर से हजारों कर्मचारी मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे । सफाई कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और जमकर नारेबाजी करते हुए जिला सचिवालय पहुंचे ।यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रशासन से सीधे तौर पर मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा जताई जिसके बाद प्रशासन से आश्वासन अगले 2 दिन के बाद का मिला । तब तक के लिए सभी सफाई कर्मचारियों ने जिला सचिवालय के बाहर ही अपना डेरा जमा लिया ।


Conclusion:यूनियन के प्रदेश महासचिव विनोद कुमार ने बताया उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सफाई कर्मचारियों की सेवाएं नियमित हो ,जब तक नियमित ना हो तब तक ₹18000 न्यूनतम वेतन मिले ।2000 की बजाय 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की नियुक्ति हो ।सफाई कर्मचारियों को सभी प्रकार के अवकाश दिए जाएं और बेगार प्रथा पर रोक लगे । काम के नार्म्स तय हो । हर माह की 7 तारीख तक वेतन मिले । बकाया वेतन व वर्दी भत्ते का तुरंत प्रभाव से भुगतान हो । हालात यह है कि 2013 में शहरी और ग्रामीण सफाई कर्मियों को एक समान 8100 वेतन मिलता था लेकिन आज सरकार ने भेदभाव पैदा करते हुए ग्रामीण सफाई कर्मियों को 11000 और शहरों में ठेके पर काम करने वाले कर्मियों को 15000 दिए जा रहे हैं ,जो ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता ।

बाइट - विनोद कुमार - ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन महासचिव
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