कोलकाता : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में संजय रॉय को दोषी करार दिया गया है. वहीं संजय रॉय की मां ने रविवार को कहा कि यदि उनका बेटा दोषी है, तो उसे उसके किए की सजा मिलनी चाहिए, फिर चाहे वह सजा फांसी ही क्यों न हो.
संजय की मां मालती रॉय का कहना था कि वह ‘अकेले में रोएंगी’ और उसकी सजा को नियति मानकर उसे स्वीकार करेंगी. बता दें कि सियालदह की एक अदालत ने संजय रॉय को शनिवार को मामले में दोषी ठहराया था. मामले में कोर्ट सोमवार को उसकी सजा की घोषणा करेगी. कोलकाता पुलिस के साथ नागरिक स्वयंसेवक के रूप में काम कर चुका संजय रॉय इस मामले में अरेस्ट किया जाना वाला इकलौता व्यक्ति है.
संजय की मां ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक महिला और तीन बेटियों की मां होने के नाते, ‘‘मैं उस महिला डॉक्टर की मां की पीड़ा और तकलीफ को महसूस कर सकती हूं...’’ अपनी झुग्गी के दरवाजे पर खड़ी मालती ने कहा कि यदि कोर्ट उसे फांसी के फंदे पर लटकाने का फैसला करती है, तो मुझे कोई एतराज नहीं होगा, क्योंकि कानून की नजर में उसका अपराध सिद्ध हो चुका है. उन्होंने कहा कि मैं अकेले में रोऊंगी, लेकिन इसे नियति का खेल मानकर स्वीकार कर लूंगी. सुनवाई के दौरान अदालत जाने या थाने में संजय से मिलने के बारे में उन्होंने कहा कि वह उससे नहीं मिली थीं.
उन्होंने कहा कि यदि आरोप झूठे पाए जाते तो मैं खराब स्वास्थ्य के बाद भी उससे मिलने की कोशिश करती. संजय रॉय की तीन बहनों में एक बहन की कई साल पहले मौत हो चुकी है. गौरतलब है कि संजय रॉय को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में महिला चिकित्सक का शव पाए जाने के एक दिन बाद 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार कर लिया गया था. उस पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 (रेप), 66 (मौत की वजह बनने के लिए सजा) और 103 (1) (हत्या) के तहत आरोप लगाए गए थे. धारा 103(1) में मौत या उम्रकैद की सजा देने का प्रावधान है.
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