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करनाल के नवदीप सैनी का भारतीय क्रिकेट टीम में चयन, ईटीवी भारत ने की घरवालों से बातचीत

करनाल के तरावड़ी क्षेत्र के रहने वाले तेज गेंदबाज नवदीप सैनी का विंडीज दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम में चयन हुआ है. नवदीप सैनी के घर पर खुशी का माहौल है और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. नवदीप के माता-पिता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि नवदीप ने अपना ये सफर कैसे तय किया है.

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Published : Jul 22, 2019, 6:07 PM IST

Updated : Jul 22, 2019, 6:20 PM IST

navdeep saini

करनाल: एक दिन ऐसा भी था जब नवदीप के पास दिल्ली जाने के लिए भी पैसे नहीं थे. लेकिन इस तेज गेंदबाज के होसले और जुनून के आगे मुश्किलों की भी एक ना चली.

यहां देखें वीडियो.

पिता ने गौतम गंभीर को दिया श्रेय
नवदीप की माता गुरमीत कौर ग्रहणी हैं और पिता अमरजीत सैनी सरकारी ड्राइवर रहे हैं. नवदीप के पिता ने बताया कि चौथी कक्षा से ही नवदीप ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. स्कूल से आते ही घर की छत पर और बाहर खेलता रहता था. उन्होंने नवदीप के इस मुकाम तक पहुंचने में पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर और सुमित नरवाल को श्रेय दिया.

उन्होंने आगे बताया कि नवदीप 12वीं कक्षा तक तरावड़ी में ही खेला और इसके बाद करनाल के दयाल सिंह कॉलेज में दाखिला लिया. एक दिन कॉलेज की टीम के साथ क्रिकेट खेल रहा था तभी कोच सुमित ने नवदीप की गेंदबाजी देखी. मैच खत्म होते ही उन्होंने नवदीप से कहा कि तुम बहुत अच्छी गेंदबाजी करते हो.

कोच लेकर गए दिल्ली
उन्होंने नवदीप से दिल्ली चलने के लिए कहा. दिल्ली जाने की बात पर नवदीप ने कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि दिल्ली जा सकूं. तब कोच ने कहा कि मैं अपनी गाड़ी में लेकर जाऊंगा. अगले दिन दिल्ली जाकर उन्होंने नवदीप को क्रिकेटर गौतम गंभीर से मिलवाया. इसके बाद गंभीर ने नवदीप की मदद की. फिर नवदीप का चयन दिल्ली की रणजी टीम में हुआ. जिसके बाद इस तेज गेंदबाज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज भारतीय टीम में अपनी जगह बना ली.

मां रही हैं नवदीप की पहली कोच
वहीं नवदीप की मां से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि बचपन में मैं ही नवी (नवदीप का घर का नाम) की कोच थी. जब भी वह स्कूल से आता मैं अपना घर का काम कर रही होती थी और वो मेरा काम छुड़वाकर क्रिकेट खेलने के लिए कहता था. ऐसा नवी हर रोज करता था. धीरे-धीरे वह अपनी गेंदबाजी को अच्छा करता गया और भगवान की कृपा से आगे बढ़ता गया.

करनाल: एक दिन ऐसा भी था जब नवदीप के पास दिल्ली जाने के लिए भी पैसे नहीं थे. लेकिन इस तेज गेंदबाज के होसले और जुनून के आगे मुश्किलों की भी एक ना चली.

यहां देखें वीडियो.

पिता ने गौतम गंभीर को दिया श्रेय
नवदीप की माता गुरमीत कौर ग्रहणी हैं और पिता अमरजीत सैनी सरकारी ड्राइवर रहे हैं. नवदीप के पिता ने बताया कि चौथी कक्षा से ही नवदीप ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. स्कूल से आते ही घर की छत पर और बाहर खेलता रहता था. उन्होंने नवदीप के इस मुकाम तक पहुंचने में पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर और सुमित नरवाल को श्रेय दिया.

उन्होंने आगे बताया कि नवदीप 12वीं कक्षा तक तरावड़ी में ही खेला और इसके बाद करनाल के दयाल सिंह कॉलेज में दाखिला लिया. एक दिन कॉलेज की टीम के साथ क्रिकेट खेल रहा था तभी कोच सुमित ने नवदीप की गेंदबाजी देखी. मैच खत्म होते ही उन्होंने नवदीप से कहा कि तुम बहुत अच्छी गेंदबाजी करते हो.

कोच लेकर गए दिल्ली
उन्होंने नवदीप से दिल्ली चलने के लिए कहा. दिल्ली जाने की बात पर नवदीप ने कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि दिल्ली जा सकूं. तब कोच ने कहा कि मैं अपनी गाड़ी में लेकर जाऊंगा. अगले दिन दिल्ली जाकर उन्होंने नवदीप को क्रिकेटर गौतम गंभीर से मिलवाया. इसके बाद गंभीर ने नवदीप की मदद की. फिर नवदीप का चयन दिल्ली की रणजी टीम में हुआ. जिसके बाद इस तेज गेंदबाज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज भारतीय टीम में अपनी जगह बना ली.

मां रही हैं नवदीप की पहली कोच
वहीं नवदीप की मां से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि बचपन में मैं ही नवी (नवदीप का घर का नाम) की कोच थी. जब भी वह स्कूल से आता मैं अपना घर का काम कर रही होती थी और वो मेरा काम छुड़वाकर क्रिकेट खेलने के लिए कहता था. ऐसा नवी हर रोज करता था. धीरे-धीरे वह अपनी गेंदबाजी को अच्छा करता गया और भगवान की कृपा से आगे बढ़ता गया.

Intro:करनाल के तरावड़ी क्षेत्र के रहने वाले तेज गेंदबाज नवदीप सैनी का वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया में हुआ चयन, नवदीप ने चौथी कक्षा से ही क्रिकेट की की थी शुरुआत इंडिया की टीम में चयन होने पर माता-पिता ने वाहेगुरु का किया शुक्रिया अदा ।


Body:बचपन से ही तेज गेंदबाज नवदीप सैनी द्वारा क्रिकेट में गेंदबाजी को शौक और फिर जनून होने पर आज भारतीय टीम में अपनी जगह बना मुकाम को हासिल किया है । बारहवीं कक्षा तक तरावड़ी में ही खेला इसके बाद करनाल दयाल सिंह कॉलेज में दाखिला लिया एक दिन कालेज की टीम के साथ क्रिकेट खेल रहा था कोच सुमित ने नवीन सैनी की गेंदबाजी देखी मैच खत्म होते ही कुछ बोले तुम बहुत अच्छी गेंदबाजी करते हो उन्होंने कुछ दिन तक 30 फरवरी को चेक दिन बोले दिल्ली चलना है नवदीप ने कहा मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि दिल्ली जा सकूं कोच ने कहा कि मैं अपनी गाड़ी में लेकर जाऊंगा अगले दिन दिल्ली जाकर क्रिकेटर गौतम गंभीर से मिलवाया इसके बाद गंभीर ने नवदीप को दिल्ली रणजी में सिलेक्ट कर लिया । जिसके बाद फिर नवदीप ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज भारतीय टीम में अपनी जगा बना ली


Conclusion:वीओ- नवदीप के दादा आर्मी से सेवा निवृत्त ,माता ग्रहणी ओर पिता सरकारी ड्राइवर सेवा निवृत है ने बताया कि चौथी कक्षा से ही नवदीप ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था शुरू में जैसे प्लास्टिक के बल्ले से खेलते हैं वैसे ही नवदीप ने भी शुरुआत की ।स्कूल से आते ही घर की छत और बाहर खेलता रहता था । वाहेगुरु की कृपा से आज नवदीप ने मुकाम हासिल किया है हमें उस पर गर्व है उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने में क्रिकेटर सुमित निरवाल और गौतम गंभीर को श्रय दिया ।

वही नवी की माता से जब बात की गई तो उन्होंने बताया बचपन में मैं ही नवी की कोच थी जब भी वह स्कूल से आता मैं अपना घर का काम कर रही होती मेरा काम छुड़वा कर मुझे गेंदबाजी करने के लिए कहता ऐसा नवी वह हर रोज करता । धीरे धीरे वह अपनी गेंदबाजी को अच्छा करता गया और भगवान की कृपा से आगे बढ़ता गया ।

0ne to one with parents on cricketer navdeep saini
father _ amarjeet saini
mother_ gurmeet kaur
Last Updated : Jul 22, 2019, 6:20 PM IST
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