करनाल: सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के लिए 78 नामों की पहली सूची जारी कर दी. इस सूची में करनाल जिले की पांच विधानसभा के लिए प्रत्याशियों के नाम हैं. करनाल में बीजेपी ने 4 मौजूदा विधायकों को टिकट दी गई है. बता दें कि आज सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपना पर्चा भर दिया. वहीं आज ही करनाल जिले के 3 बीजेपी प्रत्याशियों ने अपना पर्चा दाखिल कर दिया. वहीं 2 प्रत्याशी असंध से बख्शीश सिंह विर्क और इंद्री से चुनाव लड़ रहे रामकुमार कश्यप 3 अक्टूबर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे.
करनाल जिले की विधानसभा से इन्हें मिला टिकट
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1-इंद्री विधानसभा
इंद्री विधानसभा से बीजेपी ने रामकुमार को टिकट दिया है. वो हाल ही इनेलो छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए है. रामकुमार कश्यप इनेलो के एकमात्र राज्यसभा सदस्य थे. वो मूलरूप से अंबाला जिले के गांव उगाला के रहने वाले हैं. बताया जाता है कि राज्यसभा सांसद रामकुमार कश्यप बीजेपी की नीतियों और प्रधानमंत्री मोदी के काम करने की शैली से काफी प्रभावित हुए. इसी वजह से उन्होंने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइन की. अब पार्टी ने उनके ऊपर विश्वाश जताते हुए करनाल जिले के इंद्री विधानसभा से उनको टिकट दिया है. रामकुमार कश्यप 3 अक्टूबर को अपना नामांकन करेंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपना नामांकन करने से पहले जनसभा के दौरान ही ये घोषणा की थी कि रामकुमार कश्यप का नामांकन 3 अक्टूबर को होगा.
- उम्मीदवार का नाम - राम कुमार कश्यप
- जन्म तिथि - 6 मार्च 1951( उम्र 68 )
- पत्नी का नाम- जीतो देवी
- फैमिली डिटेल- दो बेटे और दो बेटियां
- प्रोफेशन - एग्रीकल्चर
- विधानसभा सीट- इंद्री
2- असंध विधानसभा
असंध विधानसभा से बीजेपी ने एक बार फिर सरदार बख्शीश सिंह विर्क को टिकट दिया है. विधायक बख्शीश सिंह 2014 में बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की. बख्शीश सिंह को इसके बाद सरकार ने इन्हें दिया और सीपीएस बनाया लेकिन सरकार द्वारा जरूरत से ज्यादा सीपीएस बनाए जाने के कोर्ट में डाले एक मामले की वजह से इन्हें सीपीएस पद से हटाना पड़ा. बख्शीश सिंह विर्क का नामांकन 1 अक्टूबर को ही होना था, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नामांकन से पहले हुई जनसभा के चलते बख्शीश सिंह रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर वक्त पर नहीं पहुंच पाए, जिसके चलते उनका नामांकन नहीं हो पाया और अब उनका नामांकन अब 3 अक्टूबर को होने की संभावना है.
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बख्शीश सिंह की 2014 के चुनाव में 4608 वोटों से जीत हुई थी. बीएसपी के वीरेंदर मराठा को हराकर बख्शीश सिंह ने ये जीत हासिल की थी. बक्शीश सिंह के 30 हजार 723 मिले थे. बख्शीश सिंह इनलो-बीजेपी के गठबंधन के दौरान बीजेपी में शामिल हुए थे. वो अब तक चार विधायक के चुनाव लड़े, लेकिन एक में जीत मिली. 1999 में इनेलो से लड़ा पहला चुनाव था लेकिन वो चुनाव हार गए थे. फिर 2004 में नीलोखेड़ी से चुनाव लड़ा लेकिन हार मिली.
वहीं 2009 में असंध से चुनाव लड़ा तब भी हार हुई. 2014 में देश और हरियाणा में मोदी लहर की वजह से असंध से बख्शीश सिंह की जीत हुई और पहली बार वो विधायक बने.
- उम्मीदवार का नाम - सरदार बख्शीश सिंह विर्क (मौजूदा विधायक)
- जन्म तिथि - 27 जुलाई 1957( उम्र 62 )
- पत्नी का नाम- दविंदर कौर
- फैमिली डिटेल- दो बेटे
- प्रोफेशन - एग्रीकल्चरिस्ट, कमीशन एजेंट
- विधानसभा सीट- असंध
3- नीलोखेड़ी विधानसभा
नीलोखेड़ी विधानसभा सीट से बीजेपी ने एक बार फिर भगवान दास कबीरपंथी को टिकट दी है. 2014 में बीजेपी के प्रत्याशी भगवान दास कबीरपंथी ने कांग्रेस की मीणा मण्डल को हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी. कबीरपंथी की 34410 वोटों से जीत हुई थी. अब 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए भी भगवान दास कबीरपंथी ने 1 अक्टूबर को अपना नामांकन कर दिया है.
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करीब 12 विधानसभा चुनाव में ज्यादातर इस सीट से आजाद प्रत्याशी की जीत हुई है. जबकि भारतीय जनसंघ, कांग्रेस और इनेलो ने ये सीट दो-दो बार जीती और नीलोखेड़ी की जनता ने चार बार निर्दलियों को यहां से चुनकर विधानसभा भेजा.
भगवान दास कबीरपंथी का राजनीतिक सफर भगवान दास कबीरपंथी एक समय मे कांग्रेस पार्टी में थे. फिर बीजेपी में शामिल हुए और 2014 में पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2009 में परिसीमन ने नीलोखेड़ी को आरक्षित दर्जा दिया गया और 2014 में भगवान दास कबीरपंथी ने बीजेपी की टिकट से यहां से जीत हासिल की.
- उम्मीदवार का नाम - भगवान दास कबीरपंथी (मौजूदा विधायक )
- जन्म तिथि - 22 अप्रैल 1969 ( उम्र 50 )
- पत्नी का नाम- सविता देवी
- फैमिली डिटेल- तीन बेटे
- प्रोफेशन - खादी भंडार वर्कर,
- विधानसभा सीट- नीलोखेड़ी
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4- घरौंडा विधानसभा
घरौंडा विधानसभा से बीजेपी ने एक बार फिर हरविंदर कल्याण को टिकट दिया है. घरौंडा विधानसभा क्षेत्र रोचक चुनाव मुकाबलों के लिए जाना जाता है. यहां तीन बार 12 वोटों से नीचे हार-जीत का फैसला हुआ है.
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1968 में 12 वोटों से भारतीय जनसंघ को जीत मिली थी. 1996 में 11 वोटो से यहां बीजेपी पहली बार जीती थी. 2005 में इनेलो ने 16 वोटों से जीत हासिल की थी. खास बात ये रही कि 1996 में 11 वोट से बीजेपी को जीत दिलाने वाले रमेश कश्यप समता पार्टी के रमेश राणा ने कोर्ट में चुनौती दी थी जब तक उनके पक्ष में फैसला आया तब तक रमेश कश्यप का कार्यकाल पूरा हो चुका था. इसके बाद इनेलो ने घरौंडा से जीत की हैट्रिक बनाई 2014 बीजेपी के हरविंदर कल्याण ने इनेलो के इस किले को ढाने का काम किया और एक बार फिर से हरविंदर कल्याण ने 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए 1 अक्टूबर को अपना नामांकन कर दिया है.
- उम्मीदवार का नाम - हरविंदर कल्याण (मौजूदा विधायक )
- जन्म तिथि - 15 जनवरी 1967 ( उम्र 52 )
- पत्नी का नाम- रेशमा कल्याण
- फैमिली डिटेल- एक बेटी
- प्रोफेशन - एग्रीकल्चरिस्ट
- विधानसभा सीट- घरौंडा
5- करनाल विधानसभा
करनाल विधानसभा सीट से सीएम मनोहर लाल खट्टर एक बार चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 में मनोहर लाल ने अपना पहला चुनाव करनाल से लड़ा और इस चुनाव में उनकी 63,773 मतों से जीत हुई थी. उन्होंने आजाद उम्मीदवार जय प्रकाश को हराया था जो दूसरे नम्बर पर थे.
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करनाल में ज्यादा तर पंजाबी समुदाय का दबदबा है. इसी को लेकर साल 2014 में बीजेपी ने पंजाबी कैंडिडेट मनोहर लाल खट्टर को करनाल से टिकट दी और मनोहर ने करनाल नगरी में जीत हासिल की. करनाल सीट पर पंजाबी और एससी-बीसी का दबदबा है.
करनाल विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने 1987 और 1996 में जीत हासिल की थी. इससे पहले जनसंघ के उम्मीदवार भी 1967 और 1972 में जीते थे. लेकिन विधानसभा सीट करनाल 2014 में बीजेपी उम्मीदवार मनोहर लाल खट्टर की जीत वोट प्रतिशत के हिसाब से पूरे हरियाणा में सबसे बड़ी जीत रही.
उनके मुकाबले चुनाव में उतरे हर उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई. मनोहर लाल शुरू से संघ से जुड़े हुए हैं. पार्टी में रहकर सेवा की और इसी की बदौलत उन्हें पार्टी ने 2014 में करनाल सीट से टिकट दी और विधायक के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली. मनोहर लाल खट्टर ने अब एक बार फिर से 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन कर दिया है.
- उम्मीदवार का नाम - मनोहरलाल खट्टर (मौजूदा विधायक और मुख्यमंत्री हरियाणा)
- जन्म तिथि - 22 अप्रैल 1954 ( उम्र 65 )
- प्रोफेशन - पॉलिटिशियन
- विधानसभा सीट- करनाल