हिसार: कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत आगामी 12 से 20 अक्टूबर तक 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों और युवाओं को एलबेंडाजोल गोलियां खिलाई जाएंगी. अभियान की सफलता को लेकर अतिरिक्त उपायुक्त अनीश यादव ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कृमि अनीमिया का कारण बनते हैं. इसलिए इस बार 20 से 24 वर्ष की विवाहित महिलाओं को एलबेंडाजोल गोलियां खिलाई जाएंगी. जो गर्भवती नहीं हैं और बच्चों को दूध नहीं पिला रही हैं.
अतिरिक्त उपायुक्त अनीश यादव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोविड महामारी के चलते शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग से एएनएम, आशा वर्कर, आईसीडीएस विभाग की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर एलबेंडाजोल गोलियां खिलाएं.
अनीश यादव ने जिला शिक्षा अधिकारी को भी निर्देश दिए कि वे वर्तमान में चल रही ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अभिभावकों को एलबेंडाजोल गोलियों के बारे में जानकारी दें. इसी प्रकार से खाद्य एवं आपूर्ति, आईडीसीएस, श्रम विभाग को भी ईंट भटों, बस्तियों और अन्य क्षेत्रों में इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए.
एडीसी अनीश यादव ने कहा कि बुखार से ग्रस्त बच्चों को ये दवा नहीं दी जाएंगी. एक से दो साल के बच्चों को एलबेंडाजोल की आधी खुराक दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कृमि अस्वच्छता और गंदगी की स्थिति में संक्रमित मिट्टी के संपर्क में आने से शरीर में आते हैं. दस्त, पेट में दर्द, उल्टी, भूख न लगना और कमजोरी होना इसके मुख्य लक्षण हैं. एलबेंडाजोल के प्रयोग से कृमि संक्रमण का ईलाज किया जा सकता है. इससे स्वास्थ्य और पोषण में सुधार, रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्घि और अनीमिया नियंत्रण होता है.
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