हिसार: आदमपुर विधानसभा सीट (adampur assembly seat by election) पर भजनलाल परिवार का वर्चस्व रहा है. इस सीट पर भजनलाल परिवार का 1968 से कब्जा है. अब भजनलाल की तीसरी पीढ़ी चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. आदमपुर विधानसभा सीट से 1968, 1972, 1982 में लगातार भजन लाल विधायक बने. 1987 में भजन लाल की पत्नी जसमा देवी यहां से जीतीं. 1991 और 1996 में एक बार फिर भजन लाल विधायक बने. 1998 के उप चुनाव में कुलदीप बिश्नोई चुनाव जीते. 2005 में भजन लाल फिर से विजयी हुए. इसके बाद 2009 में कुलदीप बिश्नोई, 2011 के उप चुनाव में कुलदीप की पत्नी रेणुका बिश्नोई विधायक रहीं. 2014 और 2019 में कुलदीप बिश्नोई चुनाव जीतते आ रहे हैं.
भव्य बिश्नोई 2019 लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं- भव्य बिश्नोई ने पहला चुनाव 2019 में लोकसभा का लड़ा था. कांग्रेस ने हिसार सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया था लेकिन वो चुनाव हार गये. भव्य बिश्नोई इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे. पूर्व कांग्रेसी चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे ब्रिजेंद्र सिंह इस सीट पर चुनाव जीते थे. लोकसभा चुनाव में भव्य बिश्नोई को 1 लाख 84 हजार 369 वोट मिले थे. लोकसभा चुनाव में हारने के बाद वो लंदन में अपनी पढ़ाई पूरी करने चले गए. अभी कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफा देने के समय ही भव्य बिश्नोई वापस लौटे हैं.
लोक प्रशासन में मास्टर हैं भव्य बिश्नोई- हिसार में पले-बढ़े भव्य बिश्नोई की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के श्रीराम स्कूल से हुई है. उसके बाद भव्य बिश्नोई पढ़ाई के लिए लंदन चले गये. उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए किया है. इसके अलावा वो जून 2016 में मास्टर ऑफ साइंस इन कंटेम्परेरी इंडिया में ऑक्सफोर्ड से पास आउट हुए. भव्य ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से बैचलर ऑफ साइंस इन गवर्नमेंट एंड इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की है.
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क्रिकेट के शौकीन हैं भव्य बिश्नोई- भव्य बिश्नोई राजनीतिक के अलावा किक्रेट के शौकीन हैं. वो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी क्रिकेट टीम से खेलते रहे हैं. भव्य बिश्नोई दायें हाथ के मीडियम फास्ट बॉलर और दाये हाथ के बल्लेबाज हैं. लंदन यूनियन विश्वविद्यालय और दिल्ली अंडर-15 टीम का भी उन्होंने प्रतिनिधित्व किया. साथ ही अखिल भारतीय आईएससी और आईसीएसई मीट में कई पदक जीते हैं.
कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे से खाली हुई सीट- 3 अगस्त 2022 को कुलदीप बिश्नोई ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था. आदमपुर विधानसभा सीट (Adampur assembly seat by election) पर कुलदीप बिश्नोई ने 2019 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का खुलेआम विरोध करने और बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा का साथ देने के बाद उन्हें कांग्रेस के सभी पदों से हटा दिया गया था. कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बाद भूपेंद्र हुड्डा की चुनौती स्वीकार करते हुए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के बाद आदमपुर में उपचुनाव हो रहा है.
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आदमपुर की राह आसान नहीं- आदमपुर विधानसभा सीट वैसे तो भजनलाल का गढ़ रही है लेकिन इस बार इसे बचाना आसान नहीं है. भव्य बिश्नोई के पिता कुलदीप बिश्नोई का राजनीतिक कद हरियाणा में बड़ा माना जाता है. भव्य के दादा चौधरी भजन लाल की राजनीति उससे भी बड़ी रही है, लेकिन भव्य का राजनीतिक करियर बस शुरू होने की दहलीज पर है. ऐसे में फिलहाल उनका करियर कहीं न कहीं उनके पिता कुलदीप बिश्नोई के प्रभाव पर ही निर्भर है. इस बार उनके किले को भेदने के लिए विपक्षी दलों ने भी पूरी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल समेत आम आदमी पार्टी भी पूरे दमखम से मैदान में है. इसके अलावा सोनाली फोगाट की मौत भी कुलदीप बिश्नोई परिवार की जीत में रोड़ा बन सकती है.
राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि इससे पहले हुए दोनों उपचुनाव में राजनीतिक परिस्थितियां बिल्कुल अलग थी. जहां पर सीधे कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर थी. वे यह भी कहते हैं कि भले ही दोनों उपचुनाव में बीजेपी हारी हो लेकिन उन दोनों में बीजेपी ने एक तरफ जहां कांग्रेस के गढ़ में, दूसरे इंडियन नेशनल लोकदल के गढ़ में उसे कड़ी टक्कर दी थी. आदमपुर विधानसभा का उपचुनाव कई मायनों में अलग है. एक तो यह सीट भजनलाल के परिवार की परंपरागत सीट रही है, और वहीं इस सीट पर पूर्व में बीजेपी नेत्री सोनाली फोगाट कुलदीप बिश्नोई के सामने चुनाव लड़ चुकी हैं.
भव्य को लॉन्च करने का प्लान कुलदीप बिश्नोई पहले ही बना चुके थे. तभी तो 2019 लोकसभा चुनाव से पहले से ही भव्य ने जनसंपर्क करना शुरू कर दिया था. प्रदेश में नॉन जाट नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले कुलदीप बिश्नोई के नक्शे-कदम पर चलते हुए भव्य ने लोगों से मिलना शुरू किया और दादा भजन लाल की विरासत को आगे बढ़ाने का फैसला किया. आदमपुर में 3 नवंबर को मतदान होगा और 6 नवंबर को काउंटिंग है.