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निजीकरण के खिलाफ यूपी के बिजली कर्मचारियों को हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ का समर्थन

बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ हिसार सर्व कर्मचारी संघ ने सभी उपमंडल अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. सर्व कर्मचारी नेता अशोक सैनी ने कहा कि बीजेपी सरकार को केवल पूंजीपतियों के हितों की चिंता है. उसे आम आदमी के हितों से कोई लेना देना नहीं है.

Protest in Hisar against privatization of electricity department in UP
बिजली विभाग के निजीकण के खिलाफ हिसार में प्रदर्शन
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Published : Oct 6, 2020, 12:18 PM IST

हिसार: उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों के निजीकरण के खिलाफ सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर्स यूनियन ने हिसार में सभी उपमंडल अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर्स यूनियन के नेता अशोक सैनी और दिलबाग जांगड़ा ने कहा कि बिजली संशोधन बिल 2020 अभी तक संसद में पारित नहीं हो पाया है. इसके बावजूद केंद्र सरकार के निर्देश पर बीजेपी शासित राज्यों में बिजली का निजीकरण करना शुरू कर दिया है. जिसका देशभर में विरोध किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि यूपी सरकर के निजीकरण फैसले के खिलाफ 18 संगठनों की संयुक्त संघर्ष समिति पिछली एक महीने से आंदोलन चलाए हुए है. लेकिन सरकार ने उनसे बातचीत करना भी उचित नहीं समझा. अशोक सैनी ने कहा कि यदि योगी सरकार ने आंदोलन को दबाने के लिए बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ दमन की कार्रवाई की तो प्रदेश के बिजली कर्मचारी भी सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे.

अशोक सैनी ने कहा कि बीजेपी सरकार को केवल पूंजीपतियों के हितों की चिंता है. उसे आम आदमी के हितों से कोई लेना देना नहीं है. बिजली के निजीकरण की सबसे बड़ी मार किसान और आम आदमी पर पड़ेगी. जिसका वो लगातर विरोध कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में बन सकता है तीसरा मोर्चा, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने दिए संकेत

हिसार: उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों के निजीकरण के खिलाफ सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर्स यूनियन ने हिसार में सभी उपमंडल अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर्स यूनियन के नेता अशोक सैनी और दिलबाग जांगड़ा ने कहा कि बिजली संशोधन बिल 2020 अभी तक संसद में पारित नहीं हो पाया है. इसके बावजूद केंद्र सरकार के निर्देश पर बीजेपी शासित राज्यों में बिजली का निजीकरण करना शुरू कर दिया है. जिसका देशभर में विरोध किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि यूपी सरकर के निजीकरण फैसले के खिलाफ 18 संगठनों की संयुक्त संघर्ष समिति पिछली एक महीने से आंदोलन चलाए हुए है. लेकिन सरकार ने उनसे बातचीत करना भी उचित नहीं समझा. अशोक सैनी ने कहा कि यदि योगी सरकार ने आंदोलन को दबाने के लिए बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ दमन की कार्रवाई की तो प्रदेश के बिजली कर्मचारी भी सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे.

अशोक सैनी ने कहा कि बीजेपी सरकार को केवल पूंजीपतियों के हितों की चिंता है. उसे आम आदमी के हितों से कोई लेना देना नहीं है. बिजली के निजीकरण की सबसे बड़ी मार किसान और आम आदमी पर पड़ेगी. जिसका वो लगातर विरोध कर रहे हैं.

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