हिसार: जिले के कोविड-19 घोषित अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में बेड की संख्या बढ़ाकर 200 आइसोलेशन बेड कर दी गई है. अस्पताल में कोरोना के 196 मरीज दाखिल हैं. ज्यादातर की हालत गंभीर है. रोजाना की 7 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत के बावजूद मेडिकल कॉलेज प्रशासन के लिए 4 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित किया गया है. मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने कहा ऑक्सीजन की सप्लाई को देखकर ही कोई कदम उठाया जाएगा. यदि खपत के हिसाब से ऑक्सीजन आवंटित नहीं हुई तो बेड घटाए भी जा सकते हैं.
आपको बता कि इससे पहले मेडिकल कॉलेज में 150 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था थी. मगर कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते 3 दिन पहले ही 30 बेड बढ़ाए गए थे. अभी वह बेड भी फुल हो गए. ऐसे में मेडिकल कॉलेज को नजदीक के एक और वार्ड को आइसोलेशन वार्ड में मिलाना पड़ा. जहां पर 20 बेड की व्यवस्था थी, वहां पर भी केवल 4 बेड खाली है.
मेडिकल कॉलेज में गंभीर हालत के मरीजों को अस्पताल में दाखिल किया जाता है. अब मरीजों के बढ़ने से ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ गई है. मेडिकल कॉलेज जिले का पहला ऐसा इकलौता अस्पताल है, जहां पर 200 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था है.
कोरोना काल में कुछ सामाजिक संस्था से जुड़े लोग भी मरीजों की मदद के लिए सामने आए हैं, जिन्होंने चार हाई फ्लो नजल कैनूला यानी एचएफसीएल मशीन दान की है. इनमें डीडी गुप्ता टेलमोस इलेक्ट्रिकल से दो मशीन, आदमपुर से लाला लक्खी राम परिवार ने एक और बुड़ाक गांव से लाला खूबीराम परिवार ने एक मशीन दी है. इन मशीनें से उच्च गति से ऑक्सीजन थैरेपी दी जा सकती है. कोरोना मरीजों के लिए यह मशीन उपयोगी साबित होगी.
इस समय मेडिकल कॉलेज को जेएसल की ओर से निशुल्क ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है. वरना ऑक्सीजन की खपत के हिसाब से हालात बेकाबू हो सकते हैं. इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कोरोना काल में मदद के लिए जेएसल का आभार जताया है.
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वहीं अग्रोहा मेडिकल कॉलेज की डायरेक्टर डॉ. गीतिका दुग्गल ने बताया कि अभी हमारी ओर से बेड बढ़ाकर 200 आइसोलेशन बेड बना दिए गए हैं. फिलहाल 196 मरीज दाखिल हैं. हमारी प्रतिदिन अस्पताल की 7 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत है. प्रशासन की ओर से हमें केवल चार एमटी ऑक्सीजन आवंटित हुई है.