हिसार: आज देश भर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जा रही है. पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक ने नेताजी की जयंती पर उनको याद किया. वहीं हिसार के कैंप चौक पर आज कांग्रेस पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने भी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर देश के नागरिकों को सुभाष चंद्र बोस के नीतियों पर चलने के लिए कहा. इस दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार को पूंजीपतियों की सरकार करार दिया.
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है. ये सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है. यहीं कारण है कि सरकार में शामिल मंत्रियों को जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
सरकार के मंत्रियों की जनता के बीच जाने की नहीं है हिम्मत: सैलजा
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार के मंत्रियों को गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने में दिक्कत आ रही है. ये डरी हुई सरकार है. आज सरकार के मंत्रियों की लोगों के सामने जाने की हिम्मत नहीं हो रही है. कुमारी सैलजा ने कहा कि आजादी के समय बाहरी हुकूमतों से लड़ाई लड़ी गई थी और आज के दिन किसान एक नया आंदोलन छेड़े हुए हैं. इस आंदोलन की शुरुआत बीजेपी सरकार ने करवाई है.
'पूंजीपतियों के लिए बीजेपी नहीं रद्द कर रही कृषि कानून'
कुमारी सैलजा ने कहा कि अपने हक के लिए इस भीषण ठंड में हमारे किसान और मजदूर सड़कों पर बैठने को मजबूर हैं. कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के कारण बीजेपी सरकार कृषि विरोधी काले कानूनों को रद्द नहीं करना चाहती है. पूंजीपतियों के हितों के आगे बीजेपी सरकार को कुछ भी नजर नहीं आ रहा है.
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'किसानों के साथ कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ खड़ी है'
सैलजा ने कहा कि ये बेहद ही दुखद है कि आज देश के अन्नदाता को सड़क पर उतर कर अपने हितों की लड़ाई लड़नी पड़ रही है. अन्नदाताओं के इस संघर्ष में कांग्रेस पार्टी पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ी है.
किसानों के साथ बातचीत के नाम पर बीजेपी कर रही ढोंग: सैलजा
कुमारी सैलजा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार केवल बातचीत के नाम पर ढोंग कर रही है. बीजेपी सरकार की मंशा शुरुआत से ही सही नहीं रही है. इस भीषण ठंड में 70 से ज्यादा किसान अपना बलिदान दे चुके हैं, लेकिन इस सरकार का दिल पसीज नहीं रहा है. किसानों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. सरकार को किसानों की मांगें माननी ही पड़ेगी.