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Haryana urban body Election: जानिए इस बार हरियाणा निकाय चुनाव में कितनी है उम्मीदवारों के खर्च की सीमा - हरियाणा निकाय चुनाव में खर्च का नियम

हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव के लिए मतदान की तारीख करीब आ रही है. 17 जून को चुनाव प्रचार थम जायेगा. इस बार उम्मीदवारों के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बदले हैं. कैंडिडेट के प्रचार में खर्च की सीमा (Expenditure limit in Haryana civic election) को इस चुनाव में बढ़ा दिया गया है.

Expenditure limit in Haryana civic election
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Published : Jun 16, 2022, 8:22 PM IST

हिसार: प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव के लिए 19 जून को मतदान है. 17 जून यानि शुक्रवार को चुनाव प्रचार शाम तक खत्म हो जायेगा. ज्यादातर नगर पालिका और नगर परिषद में पहली बार चेयरमैन का सीधा चुनाव हो रहा है. निकाय चुनाव में इस बार कुछ नियम इस बार बदल गये हैं. खर्च और प्रचार के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कुछ नियम तय किए गए हैं. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई सीमा से ज्यादा अगर कोई उम्मीदवार इससे ज्यादा खर्च करता है तो उस पर चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाई जा सकती है.

प्रदेश में कुल 46 शहरों में चुनाव होने हैं. जिनमें 18 नगर परिषद और 28 नगर पालिका शामिल हैं. इन चुनावों में कुल 18 लाख 30 हजार 208 मतदाता प्रत्यक्ष चुनाव के जरिये पालिका चेयरमैन और परिषद प्रधान के साथ ही पार्षद का चुनाव करेंगे. प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव में सभी उम्मीदवारों को चुनाव आयोग की तरफ से हिदायतें जारी की गई हैं. बकायदा नियमों की लिस्ट भी उम्मीदवारों को दिखाई गई है. जहां उन्हें अपने प्रचार प्रसार में किए जाने वाले खर्च (Expenditure limit in Haryana civic election) को लेकर एक रजिस्टर मेंटेन करना जरूरी है. इस रजिस्टर को चुनाव आयोग द्वारा बनाई गई टीम समय समय पर चेक करती है. हालांकि अभी तक प्रदेश में इस तरह का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया है जहां टीम ने ज्यादा खर्च पकड़ा हो.

हरियाणा निकाय चुनाव में खर्च का नियम- चुनावी खर्चे के लिए उम्मीदवार को अलग से बैंक खाता खुलवाना होगा. अपने खर्चे का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा. चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद 30 दिनों के भीतर चुनावी खर्चों की जानकारी रिटर्निंग अधिकारी को देनी होगी. यह जानकारी नहीं देने वाले प्रत्याशियों को अगले पांच वर्षों के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है. हलांकि चुनाव लड़ रहे अधिकतर उम्मीदवार रजिस्टर में सिर्फ जरूरी और सामान्य खर्च ही लिखते हैं ताकि रिकॉर्ड में खर्च ज्यादा ना बने. इसके अलावा दूसरे माध्यमों से वह पैसा बहुत ज्यादा खर्च कर रहे हैं. क्योंकि इसको लेकर कोई सख्त चेकिंग या फिर ऑडिट नहीं होता और अधिकारी रजिस्टर चेक करने की खानापूर्ति तक ही सीमित रहते हैं.

नगर निकाय चुनाव में खर्च की सीमा- इस बार चुनाव आयोग ने चुनाव में होने वाल खर्च को लेकर कुछ नियम बदले हैं. इस बार चुनावी खर्च लिमिट में भी बढ़ोतरी की गई है. नगर परिषद में चेयरमैन पद के उम्मीदवार की खर्च सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 16 लाख रुपये कर दी गई है. नगर परिषद में पार्षदों की खर्च सीमा तीन लाख 30 हजार रुपये से बढ़ाकर तीन लाख पचास हजार रुपये हो गई है. जबकि नगर पालिका के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार 10 लाख के बजाय साढ़े 10 लाख रुपये तक प्रचार पर खर्च कर सकते हैं. वहीं नगर पालिका में वार्ड पार्षद के प्रत्याशी सवा दो लाख की जगह अब ढाई लाख रुपये तक चुनावी खर्चा कर पायेंगे.

चुनाव अधिकारी और नगर पालिका में सहायक एसेसिंग ऑफिसर (AO) रविंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव आयोग के सभी नियमों का पालन करना होगा. उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. रविंदर शर्मा ने कहा कि एक चेयरमैन प्रत्याशी को साढ़े दस लाख रुपये तक खर्च करने की अनुमति है. जिसका ब्योरा उसे सम्बंधित चुनाव अधिकारी कार्यालय में देना होगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि फ्लेक्स और होर्डिंग लगाने के लिए भी स्थान निर्धारित किए गए हैं.

ये भी पढ़ें-Civic Elections In Haryana: बीजेपी ने जारी किया संकल्प पत्र, इन मुद्दों पर लड़ेगी चुनाव

हिसार: प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव के लिए 19 जून को मतदान है. 17 जून यानि शुक्रवार को चुनाव प्रचार शाम तक खत्म हो जायेगा. ज्यादातर नगर पालिका और नगर परिषद में पहली बार चेयरमैन का सीधा चुनाव हो रहा है. निकाय चुनाव में इस बार कुछ नियम इस बार बदल गये हैं. खर्च और प्रचार के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कुछ नियम तय किए गए हैं. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तय की गई सीमा से ज्यादा अगर कोई उम्मीदवार इससे ज्यादा खर्च करता है तो उस पर चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाई जा सकती है.

प्रदेश में कुल 46 शहरों में चुनाव होने हैं. जिनमें 18 नगर परिषद और 28 नगर पालिका शामिल हैं. इन चुनावों में कुल 18 लाख 30 हजार 208 मतदाता प्रत्यक्ष चुनाव के जरिये पालिका चेयरमैन और परिषद प्रधान के साथ ही पार्षद का चुनाव करेंगे. प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव में सभी उम्मीदवारों को चुनाव आयोग की तरफ से हिदायतें जारी की गई हैं. बकायदा नियमों की लिस्ट भी उम्मीदवारों को दिखाई गई है. जहां उन्हें अपने प्रचार प्रसार में किए जाने वाले खर्च (Expenditure limit in Haryana civic election) को लेकर एक रजिस्टर मेंटेन करना जरूरी है. इस रजिस्टर को चुनाव आयोग द्वारा बनाई गई टीम समय समय पर चेक करती है. हालांकि अभी तक प्रदेश में इस तरह का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आया है जहां टीम ने ज्यादा खर्च पकड़ा हो.

हरियाणा निकाय चुनाव में खर्च का नियम- चुनावी खर्चे के लिए उम्मीदवार को अलग से बैंक खाता खुलवाना होगा. अपने खर्चे का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा. चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद 30 दिनों के भीतर चुनावी खर्चों की जानकारी रिटर्निंग अधिकारी को देनी होगी. यह जानकारी नहीं देने वाले प्रत्याशियों को अगले पांच वर्षों के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है. हलांकि चुनाव लड़ रहे अधिकतर उम्मीदवार रजिस्टर में सिर्फ जरूरी और सामान्य खर्च ही लिखते हैं ताकि रिकॉर्ड में खर्च ज्यादा ना बने. इसके अलावा दूसरे माध्यमों से वह पैसा बहुत ज्यादा खर्च कर रहे हैं. क्योंकि इसको लेकर कोई सख्त चेकिंग या फिर ऑडिट नहीं होता और अधिकारी रजिस्टर चेक करने की खानापूर्ति तक ही सीमित रहते हैं.

नगर निकाय चुनाव में खर्च की सीमा- इस बार चुनाव आयोग ने चुनाव में होने वाल खर्च को लेकर कुछ नियम बदले हैं. इस बार चुनावी खर्च लिमिट में भी बढ़ोतरी की गई है. नगर परिषद में चेयरमैन पद के उम्मीदवार की खर्च सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 16 लाख रुपये कर दी गई है. नगर परिषद में पार्षदों की खर्च सीमा तीन लाख 30 हजार रुपये से बढ़ाकर तीन लाख पचास हजार रुपये हो गई है. जबकि नगर पालिका के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार 10 लाख के बजाय साढ़े 10 लाख रुपये तक प्रचार पर खर्च कर सकते हैं. वहीं नगर पालिका में वार्ड पार्षद के प्रत्याशी सवा दो लाख की जगह अब ढाई लाख रुपये तक चुनावी खर्चा कर पायेंगे.

चुनाव अधिकारी और नगर पालिका में सहायक एसेसिंग ऑफिसर (AO) रविंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव आयोग के सभी नियमों का पालन करना होगा. उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. रविंदर शर्मा ने कहा कि एक चेयरमैन प्रत्याशी को साढ़े दस लाख रुपये तक खर्च करने की अनुमति है. जिसका ब्योरा उसे सम्बंधित चुनाव अधिकारी कार्यालय में देना होगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि फ्लेक्स और होर्डिंग लगाने के लिए भी स्थान निर्धारित किए गए हैं.

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