हिसार: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर निशाना साधा है. गुरुवार को हिसार में उन्होंने कहा कि बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार का काम सौ में से जीरो नंबर देने लायक भी नहीं है. ये गठबंधन विकास की बजाय प्रदेश को विनाश की तरफ ले जा रहा है. हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार के नकारापन की केंद्र सरकार की रिपोर्ट ने पोल खोल दी है.
हुड्डा ने कहा कि रोहतक, महम, हांसी रेल परियोजना का शिलान्यास कांग्रेस सरकार के दौरान 31.07.2013 को हुआ था. इसकी लागत उस वक्त सिर्फ 287 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार के नकारापन की वजह से परियोजना में देरी होती चली गई और देरी के चलते लागत 161.32 प्रतिशत बढ़कर 750 करोड़ रुपये हो गई है, लेकिन अभी तक रेल परियोजना का आधा काम भी नहीं हुआ.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गठबंधन सरकार पर निशाना
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ऐसी बहुत सारी परियोजनाएं हैं. जिन्हें हमारी सरकार के वक्त मंजूरी मिली थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने अपने निकम्मेपन की वजह से उन परियोजनाओं को रद्द कर दिया या फिर अब तक लटकाया हुआ है, लेकिन जल्द ही प्रदेश की जनता को इस निकम्मी सरकार से मुक्ति मिल सकती है. क्योंकि इस बेमेल गठबंधन सरकार की नींव बहुत कमजोर है और कमजोर नींव वाली इमारतें अपने आप गिर जाती हैं.
बीजेपी-जेजेपी सरकार से हर वर्ग परेशान- हुड्डा
हुड्डा ने कहा कि बरोदा उपचुनाव के नतीजे से साफ हो गया है कि जनता का रुझान पूरी तरह कांग्रेस की तरफ है. क्योंकि मौजूदा बीजेपी-जेजेपी सरकार से हर वर्ग परेशान है. खास तौर पर किसान और मजदूर इस सरकार की नीतियों और रवैये के सबसे ज्यादा शिकार हुए हैं. हुड्डा ने कहा कि आज भी मंडियों में किसानों की फसल एमएसपी पर नहीं खरीदी जा रही है. खुद सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले साल के मुकाबले अबकी बार धान की खरीद कम हुई है.
हुड्डा ने कहा कि किसान विरोधी तीन नए कानून आने के साथ ही हमने और किसान संगठनों ने इसकी आशंका जताई थी. वो तमाम आशंकाएं आज सच साबित हो रही हैं. सरकारी खरीद कम होती जा रही है और किसानों को एमएसपी नहीं मिल पा रही है. हुड्डा ने कहा कि किसान आज भी अपनी धान और बाजरे को बेचने का इंतजार कर रहे हैं. जिन किसानों ने अपनी फसल बेच दी है उन्हें पेमेंट का इंतजार है.
सरकार नौजवानों और बच्चों को लेकर भी असंवेदनशील- हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि किसान ही नहीं मौजूदा सरकार नौजवानों और बच्चों को लेकर भी असंवेदनशीलता बरत रही है. जिस तरह से एमबीबीएस की फीस को बढ़ाकर 40 लाख रुपये किया गया है. ये बेहद ही निंदनीय काम है. इससे गरीब और मिडिल क्लास ही नहीं, अपर मिडिल क्लास के बच्चे भी मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर पाएंगे. सरकार को बिना देरी किए ये फैसला वापस लेना चाहिए.
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हुड्डा ने साथ ही कोरोना काल में स्कूल खोले जाने को लेकर भी खट्टर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिना तमाम जरूरी एहतियात बरते स्कूल खोलने को लेकर भी सरकार ने जल्दबाजी दिखाई. इसका नतीजा ये हुआ कि सैकड़ों बच्चे संक्रमण की चपेट में आ गए और स्कूल स्टाफ भी कोरोना पॉजिटिव हो गया.
सरकार को समझना चाहिए कि बच्चों से सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन जैसे नियमों की पालना करवाना थोड़ा मुश्किल है. इसलिए सरकार को स्कूलों को खोलने से पहले एहतियात बरतने चाहिए थे. भूपेंद्र सिंह हुड्डा वीरवार को हांसी में कई निजी कार्यकर्मों में पहुंचे थे. उन्होंने राजेश ठुकराल की माता के निधन पर भी श्रद्धासुमन अर्पित किए.