गुरुग्राम: लॉकडाउन के दौरान इन दिनों सड़कों पर लोगों के जत्थे नजर आ रहे हैं. हाथों में बैग और कंधे पर छोटे-छोटे बच्चों को बैठाकर लोग पैदल ही लंबी दूरी तय करने के लिए निकल पड़े हैं. सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया है.
लॉकडाउन के चलते फैक्ट्रियों में काम करने वाले बाहर से आए मजदूर और उनके परिवार को रोटी की चिंता सताने लगी है. संकट की इस घड़ी में ये लोग बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश का सफर पैदल चलकर ही तय करने के लिए निकल पड़े हैं.
लॉकडाउन के बाद साइबर सिटी गुरुग्राम के औद्योगिक क्षेत्र भी बंद हो कर दिए गए हैं. जिसमें काम करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और मेहनत मजदूरी कर अपने और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. लेकिन लॉकडाउन में फैक्ट्रियां बंद होने से इनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है.
इनके पास ना तो काम बचा और ना ही खाने पीने का सामान खरीदने के लिए पैसे बचे हैं. ऐसे में ये लोग अपने घरों को पलायन करने को मजबूर हैं. ये लोग पैदल ही भूखे प्यासे सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं. गुरूग्राम की सड़कों से गुजरने वाले इन लोगों का दर्द साफ इनके चेहरे पर देखा जा सकता है.
पलायन करने वाले एक परिवार से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि वह मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और मेहनत मजदूरी कर अपना गुजर-बसर कर रहे थे. लेकिन कोरोना की वजह से ठेकेदार ने मकान निर्माण बंद करा दिया है. अब उनके पास घर जाने के सिवा कोई और विकल्प नहीं बचा है.
ये खबर भी पढ़िए : लॉकडाउन का तीसरा दिन : जानें देश के क्या हैं हालात..
हालांकि राज्य सरकार और जिला प्रशासन ऐसे लोगों के लिए तमाम प्रबंध कर रही है लेकिन उसके बावजूद इन लोगों का कहना है कि इनके पास अब तक ना तो खाना पहुंचा है और ना ही किसी प्रकार की कोई मदद इसलिए इनके पास अपने घर जाने के सिवा कोई और चारा नहीं बचता है.