गुरुग्राम: राजस्थान में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच अब सबकी नजरें गुरुग्राम के मानेसर में स्थित आईटीसी ग्रैंड भारत होटल पर टिकी हैं जहां सचिन पायलट समर्थक कांग्रेसी विधायक ठहरे हैं. सचिन पायलट किसी भी वक्त इन विधायकों से मिलने आ सकते हैं. बताया जा रहा है कि होटल में करीब 15 कांग्रेसी विधायक व निर्दलीय सहित 20 विधायक ठहरे हुए हैं.
बर्खास्तगी के बाद सचिन पायलट ने किया ट्वीट
वहीं राजस्थान में उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं. इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल से उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का उल्लेख हटा दिया. अब उनके प्रोफाइल में उनके विधायक (टोंक) और पूर्व केंद्रीय मंत्री होने तथा कांग्रेस के वेबसाइट लिंक का उल्लेख है. कांग्रेस आलाकमान के निर्णय के बाद उन्होंने ट्वीट किया, 'सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं.'
पायलट खेमे पर कांग्रेस ने अपनाया कड़ा रुख
गौरतलब है कि कांग्रेस ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले पायलट को मंगलवार को उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया. इसके साथ ही पार्टी ने कड़ा रुख अपनाते हुए पायलट खेमे में गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह एवं रमेश मीणा को भी उनके पदों से तत्काल हटा दिया. पार्टी के निर्णय से अवगत कराते हुए कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट को बीते 72 घंटे में कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया.
उन्होंने कहा कि पायलट ही नहीं दोनों मंत्रियों और बाकी विधायकों से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया. सीडब्ल्यूसी के मेंबर्स और राजस्थान के संगठन महामंत्री अविनाश पांडे ने भी उनसे कई बार बात की. सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट जो 2003 में राजनीति में आए थे, उन्हें 2004 में 26 साल की उम्र में सांसद बनाया, 32 साल की उम्र में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया और 36 साल की उम्र में उन्हें राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तो 40 साल की उम्र में उन्हें कांग्रेस पार्टी ने उपमुख्यमंत्री जैसा पद दिया. इसका कारण यह था कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी का उन पर व्यक्तिगत स्नेह था.
आईटीसी ग्रैंड होटल पर टिकी अब सबकी नजरें
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इसी के चलते बीते 4 दिनों से यह प्रयास हो रहा था कि अगर कोई परिवार का सदस्य रास्ता भटक जाए तो उसे वापस लाने का प्रयास होना चाहिए, लेकिन वह इनमें सफल नहीं हुए तो ऐसे में उन्हें मजबूरी में यह निर्णय लेना पड़ा. इसके साथ ही पायलट के करीबी विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पदों से हटा दिया गया है. वहीं अब सचिन पायलट की बर्खास्तगी के बाद सबकी नजरें मानेसर स्थित आईटीसी ग्रैंड भारत होटल पर टिकी हैं जहां सचिन पायलट समर्थक कांग्रेसी विधायक ठहरे हैं.
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