गुरुग्राम: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट पेश किया. हालांकि कोरोना आपदा और किसान आंदोलन को देखते हुए लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें थी, लेकिन ज्यादातर लोगों का कहना है कि उन्हें बजट से निराशा हाथ लगी है. वहीं किसानों ने इस बजट को बड़े उद्योगपतियों का बजट बताया है.
किसानों को हाथ लगी निराशा
किसानों ने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए बजट पर कुछ घोषणा नहीं की है. उम्मीद थी कि सरकार एमएसपी पर कानून बनाने की घोषणा कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सरकार ने इस बजट से किसानों को और ज्यादा निराश कर दिया.
कोरोना काल के बाद स्वास्थ्य के बजट पर सबकी निगाहें टिकी हुई थी. ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का ऐलान किया. सरकार की ओर से 64,180 करोड़ रुपये इसके लिए दिए गए हैं और स्वास्थ्य के बजट को बढ़ाया गया है. डॉक्टर्स का कहना है कि स्वास्थ्य के बजट को बढ़ाया गया है जो कि जरूरी भी था.
ये भी पढ़ें- आम बजट 2021 पर पीएम मोदी बोले- आत्मविश्वास को उजागर करने वाला बजट
इस बजट से उद्योग से जुड़े लोगों को काफी उम्मीद थी, लेकिन उद्योग से जुड़े लोग लोग भी इस बजट से खासा खुश होते हुए नजर नहीं रहे. वहीं रियल स्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों की मानें तो इस बजट में उन्हें राहत जरूर मिली है क्योंकि इस बजट में अफोर्डेबल हॉउसिंग स्कीम में एक साल के लिए जीएसटी में छूट दी गई है जिससे रियल स्टेट सेक्टर में उछाल आने की उम्मीद है.
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग भी मायूस
कोरोना काल में तमाम स्कूल बन्द थे. ऐसे में सरकार ने 100 नए सैनिक स्कूल बनाने की घोषणा की है, लेकिन उसके बावजूद शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों की मानें तो इस बजट से उनको कुछ खास राहत नहीं मिली है. स्कूलों के लिए और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए सरकार को कई और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है.
बजट पर मिली जुली प्रतिक्रिया
इस बजट को लेकर साइबर सिटी गुरुग्राम के लोगों से मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. किसी ने इस बजट को ठीक-ठाक बताया तो किसी ने इस बजट को लेकर निराशा जाहिर की. जिससे साफ हो जाता है कि जनता की उम्मीदों के मुताबिक ये बजट खरा नहीं उतर पाया.
ये भी पढ़ें- बजट 2021-22 : जम्मू कश्मीर में शुरू होगी गैस पाइप लाइन परियोजना, मोबाइल हो सकते हैं महंगे