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लॉकडाउनः किसानों को नहीं मिल रहे मजदूर और न आ रही मशीनें, कैसे कटेगी फसल ?

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Published : Mar 31, 2020, 11:18 AM IST

लॉकडाउन ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. किसानों के पास आने वाली जरूरी मशीनरी और मजदूरों का आना भी रुक गया है. जिस कारण किसान को खेत में तैयार खड़ी गेहूं की फसल की कटाई में दिक्कतें आ रही है. अगर वक्त रहते मशीनरी किसानों तक नहीं पहुंची तो किसानों का गेहूं खेत में ही बर्बाद हो जाएगा.

farmer troubled by lockdown in faridabad
farmer troubled by lockdown in faridabad

फरीदाबाद: कोरोना वायरस के चलते लॉकउड़ान होने के कारण हर तरफ संकट गहराया हुआ है. इस संकट की घड़ी में अन्नदाता किसान पर फिर से संकट आकर खड़ा हो गया है. किसान की गेहूं की फसल पककर तैयार है, लेकिन किसान को ना तो मशीनरी मिल पा रही है और ना ही मजदूर. जो मजदूर मिल रहे हैं उन्होंने कीमत कई गुना कर दी है.

किसानों को नहीं मिल रही मशीनें

इस समय तक किसान के पास दूसरे राज्यों से आकर हारवेस्टर मशीन, रीपर जैसी मशीनें आ जाती थी, जो वक्त रहते गेहूं की फसल की कटाई करती थी लेकिन इस बार लॉकडाउन होने के कारण कोई भी ऐसी मशीनरी किसान के पास अभी तक नहीं पहुंची है. जिससे किसान के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं.

फरीदाबाद के किसानों के लिए जी का जंजाल बना लॉकडाउन, देखें वीडियो

किसानों का कहना है कि हाथ से पूरी गेहूं की फसल की कटाई नहीं की जा सकती. जिस कारण मशीनों का सहारा लिया जाता है. लेकिन इस बार उनके पास ना तो कोई मशीन आई है. ना ही मजदूर उनके पास आए हैं. जिस कारण उनके सामने सबसे बड़ा संकट ये है कि वे गेहूं की फसल की कटाई पूरी कैसे करेंगे?

ये भी पढ़िए: चंडीगढ़ में 5 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज आए सामने

परेशान फरीदाबाद के किसान

इसके अलावा किसानों ने बताया कि सरकार की तरफ से गेहूं की खरीद को लेकर अभी तक किसी भी तरह का निर्णय नहीं हुआ है. जिस कारण उनके सामने गेहूं फसल को स्टोर करना भी एक बड़ी मुसीबत है. किसी भी किसान के पास इतनी जगह नहीं है कि वो अपनी गेहूं की फसल को स्टोर कर सके. अगर वक्त रहते किसानों के लिए कोई समाधान नहीं निकाला गया तो किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. पहले 5 मन (एक मन में 40 किलो) अनाज प्रति एकड़ की कटाई की जाती थी. आज उसी एकड़ के 7 मन से लेकर 8 मन अनाज लिया जा रहा है.

फरीदाबाद: कोरोना वायरस के चलते लॉकउड़ान होने के कारण हर तरफ संकट गहराया हुआ है. इस संकट की घड़ी में अन्नदाता किसान पर फिर से संकट आकर खड़ा हो गया है. किसान की गेहूं की फसल पककर तैयार है, लेकिन किसान को ना तो मशीनरी मिल पा रही है और ना ही मजदूर. जो मजदूर मिल रहे हैं उन्होंने कीमत कई गुना कर दी है.

किसानों को नहीं मिल रही मशीनें

इस समय तक किसान के पास दूसरे राज्यों से आकर हारवेस्टर मशीन, रीपर जैसी मशीनें आ जाती थी, जो वक्त रहते गेहूं की फसल की कटाई करती थी लेकिन इस बार लॉकडाउन होने के कारण कोई भी ऐसी मशीनरी किसान के पास अभी तक नहीं पहुंची है. जिससे किसान के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं.

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किसानों का कहना है कि हाथ से पूरी गेहूं की फसल की कटाई नहीं की जा सकती. जिस कारण मशीनों का सहारा लिया जाता है. लेकिन इस बार उनके पास ना तो कोई मशीन आई है. ना ही मजदूर उनके पास आए हैं. जिस कारण उनके सामने सबसे बड़ा संकट ये है कि वे गेहूं की फसल की कटाई पूरी कैसे करेंगे?

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परेशान फरीदाबाद के किसान

इसके अलावा किसानों ने बताया कि सरकार की तरफ से गेहूं की खरीद को लेकर अभी तक किसी भी तरह का निर्णय नहीं हुआ है. जिस कारण उनके सामने गेहूं फसल को स्टोर करना भी एक बड़ी मुसीबत है. किसी भी किसान के पास इतनी जगह नहीं है कि वो अपनी गेहूं की फसल को स्टोर कर सके. अगर वक्त रहते किसानों के लिए कोई समाधान नहीं निकाला गया तो किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. पहले 5 मन (एक मन में 40 किलो) अनाज प्रति एकड़ की कटाई की जाती थी. आज उसी एकड़ के 7 मन से लेकर 8 मन अनाज लिया जा रहा है.

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