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सूरजकुंड मेला: 300 साल पुराना हरियाणवी हुक्का बना आर्कषण का केन्द्र

1 से 16 फरवरी तक चलने वाला 34वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला शुरू हो चुका है. मेले में 300 साल पुराना हरियाणवी हुक्का आर्कषण का केन्द्र बना हुआ है.

300 year old hookah  in Surajkund Fair
300 साल पुराना हरियाणवी हुक्का
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Published : Feb 2, 2020, 5:09 PM IST

फरीदाबाद: हरियाणा यूं तो प्राचीन स्थलों के लिए मशहूर है लेकिन हरियाणा की कुछ चीजे ऐसी भी हैं जो हरियाणा को अगल स्थान दिलाती हैं. सूरजकुंड मेले में हरियाणा की प्राचीन धरोहर में 300 साल पुराना हुक्का को देखने के लोग आते हैं और हुक्कों के बारे में जानकारी लेते हैं.

300 year old hookah  in Surajkund Fair
घरों के लिए शोपीस हुक्के

300 साल पुराना हुक्का

सूरजकुंड मेले में हरियाणा की भाईचारे की पहचान माने जाने वाले हुक्कों की दुकान आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है. मेले के गेट नंबर एक के पास खुली हुक्कों की दुकान पर लोग 300 साल पुराना हुक्का देखने के ‌लिए आते हैं.

300 year old hookah  in Surajkund Fair
घरों के लिए शोपीस हुक्के

वहीं दुकान में रखे नए हुक्कों के बारे में भी जानकारी हासिल करते हैं. इस दुकान के मालिक हैं गोपाल राम जोकि जींद के रहने वाले हैं और पिछली 5 पीढ़ियों से हुक्के की धरोहर को संभाल रहे हैं.

300 year old hookah  in Surajkund Fair
पीतल के हुक्के

गोपाल राम ने बताया कि वो तीसरी बार इस मेले में आए हैं. उनके पास चार प्रकार के हुक्के हैं जिनमें मिट्टी से बने हुक्के, लकड़ी से बने हुक्के, पीतल से बने हुक्के और कांच से बने हुक्के शामिल हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास 300 साल पुराने हुक्के हैं जो वो हर बार के मेले में दिखाने के लिए लेकर आते हैं. उन्होंने कहा कि हुक्का हरियाणा के भाईचारे का प्रतीक हैं.

300 year old hookah  in Surajkund Fair
300 साल पुराने चांदी के हुक्के के साथ

आपको बता दें कि इस बार सूरजकुंड मेले का थीम राज्य हिमाचल प्रदेश है. हिमाचल प्रदेश के विभिन्न कलाकार शिल्प और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करेंगे.

300 year old hookah  in Surajkund Fair
300 साल पुराने चांदी के हुक्के के साथ

ये भी पढ़ें- ...जब कोरोना वायरस का खतरा भूल हरियाणवी गाने पर डांस करने लगे लोग, देखें वीडियो

फरीदाबाद: हरियाणा यूं तो प्राचीन स्थलों के लिए मशहूर है लेकिन हरियाणा की कुछ चीजे ऐसी भी हैं जो हरियाणा को अगल स्थान दिलाती हैं. सूरजकुंड मेले में हरियाणा की प्राचीन धरोहर में 300 साल पुराना हुक्का को देखने के लोग आते हैं और हुक्कों के बारे में जानकारी लेते हैं.

300 year old hookah  in Surajkund Fair
घरों के लिए शोपीस हुक्के

300 साल पुराना हुक्का

सूरजकुंड मेले में हरियाणा की भाईचारे की पहचान माने जाने वाले हुक्कों की दुकान आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है. मेले के गेट नंबर एक के पास खुली हुक्कों की दुकान पर लोग 300 साल पुराना हुक्का देखने के ‌लिए आते हैं.

300 year old hookah  in Surajkund Fair
घरों के लिए शोपीस हुक्के

वहीं दुकान में रखे नए हुक्कों के बारे में भी जानकारी हासिल करते हैं. इस दुकान के मालिक हैं गोपाल राम जोकि जींद के रहने वाले हैं और पिछली 5 पीढ़ियों से हुक्के की धरोहर को संभाल रहे हैं.

300 year old hookah  in Surajkund Fair
पीतल के हुक्के

गोपाल राम ने बताया कि वो तीसरी बार इस मेले में आए हैं. उनके पास चार प्रकार के हुक्के हैं जिनमें मिट्टी से बने हुक्के, लकड़ी से बने हुक्के, पीतल से बने हुक्के और कांच से बने हुक्के शामिल हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास 300 साल पुराने हुक्के हैं जो वो हर बार के मेले में दिखाने के लिए लेकर आते हैं. उन्होंने कहा कि हुक्का हरियाणा के भाईचारे का प्रतीक हैं.

300 year old hookah  in Surajkund Fair
300 साल पुराने चांदी के हुक्के के साथ

आपको बता दें कि इस बार सूरजकुंड मेले का थीम राज्य हिमाचल प्रदेश है. हिमाचल प्रदेश के विभिन्न कलाकार शिल्प और हस्तशिल्प के माध्यम से अपनी अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करेंगे.

300 year old hookah  in Surajkund Fair
300 साल पुराने चांदी के हुक्के के साथ

ये भी पढ़ें- ...जब कोरोना वायरस का खतरा भूल हरियाणवी गाने पर डांस करने लगे लोग, देखें वीडियो

Intro:हरियाणा यूं तो प्राचीन स्थलों के लिए मशहूर है लेकिन हरियाणा की कुछ चीजे ऐसी भी है जो हरियाणा को अगल स्थान दिलाती है। सूरजकुंड मेले में हरियाणा की प्राचीन धरोहर में 300 साल पुराने हुक्का को देखने के लोग आते है। और हुक्कों के बारे में जानकारी लेते है। Body:फोटो-1-गोपाल राम की दुकान
फोटो-2--300 साल पुराने चांदी के हुक्के के साथ
फोटो- 3- पीतल के हुक्के
फोटो-4-5- में घरों से लिए शोपीस हुक्के Conclusion:सूरजकुंड मेले में हरियाणा की भाईचारे की पहचान माने जाने वाले हुक्कों की दुकान आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है। मेले के गेट नंबर एक पास खुली हुक्कों की दुकान पर मेले में आने वाले लोग जंहा 300 साल पुराने हुक्कों को देखने के ‌लिए आते है वहीं दुकान में रखे नये हुक्कों के बारे में भी जानकारी हासिल करते है। इस दुकान के मालिक है गोपाल राम जोकि जींद के रहने वाले है और पिछली 5 पिढीयों से हुक्के की धरोहर को संभाल रहे है। गोपाल राम ने बताया कि वो तीसरी बार इस मेले में आये है उनके पास चार प्रकार के हुक्के है जिनमे मिट्टी से बने हुक्के, लकडी से बने हुक्के, पीतल से बने हुक्के, और कांच से बने हुक्के शामिल है उन्होंने बताया कि उनके पास 300 साल पुराने हुक्के है जो वो हर बार के मेले में दिखाने के लिए लेकर आते है उन्होंने कहा कि हुक्का हरियाणा के भाईचारे का प्रतीक है
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