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वेंडर्स को शिफ्ट कर सुविधाएं देना भूल गया प्रशासन, जल्द आ सकती है भूखे मरने की नौबत

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Published : Dec 9, 2019, 6:31 PM IST

चंडीगढ़ में जगह-जगह बैठे वेंडर्स को प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए वेंडिंग जोन में शिफ्ट तो कर दिया गया है लेकिन प्रशासन इन जगहों पर वेंडर्स को मूलभूत सुविधाएं देना भूल गया है.

chandigarh street vendors case
chandigarh street vendors case

चंडीगढ़: यूटी प्रशासन और वेंडर्स के बीच काफी समय से एक संघर्ष चल रहा था. जहां एक तरफ चंडीगढ़ प्रशासन रजिस्टर्ड़ वेंडर्स को निर्धारित वेंडिंग जोन में भेजना चाहता था और अवैध वेंडर्स को हटाना चाहता था तो वहीं दूसरी तरफ वेंडर्स किसी हालत में हटने को तैयार नहीं थे.

फिर सुप्रीम कोर्ट ने वेंडर्स को हटाने के आदेश दिए. कोर्ट की तरफ से वेंडर्स को शिफ्ट करने का आदेश आने के वाद वेंडर्स ने विरोध दर्ज किया और जगह छोड़ने से मना कर दिया था. वेंडर्स का कहना था कि अगर उन्हें हटाया जाएगा तो उनके बच्चे क्या खाएंगे. यहां उनकी रोजी रोटी का एकमात्र जरिया है. जिस नई जगह उन्हें भेजा जाएगा वहां बिक्री नहीं होती है. ग्राहक कम आते हैं. तो ऐसे में उनके लिए खाना कमाना मुश्किल हो जाएगा.

चंडीगढ़ में वेंडर्स को शिफ्ट कर सुविधाएं देना भूला प्रशासन, देखिए ये रिपोर्ट.

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कई बार कहने पर भी वेंडर्स अपने पुराने स्थान को छोड़ने को तैयार नहीं थे. भारी विरोध के बीच बीते शुक्रवार को नगर निगम की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की और पॉश इलाकों से वेंडर्स को हटा दिया. भारी संख्या में पुलिस बल और नगर निगम के अधिकारियों ने सेक्टर-1 से 6, सेक्टर-17, 19 और सेक्टर-22 में मार्केट में बैठे वेंडर्स को हटाया था. निगम ने वेंडर्स को शिफ्ट तो कर दिया है लेकिन प्रशासन इन जगहों पर वेंडर्स को मूलभूत सुविधाएं देना भूल गया है.

सेक्टर-15 में बनाए गए वेंडिंग जोन में वेंडर्स को खुले मैदान में बैठा दिया गया है. यहां पर ना पीने के पानी की व्यवस्था है ना ही शौचालय की और ना ही यहां पर किसी तरह का कोई शेड लगाया गया है. वेंडर्स को कहना है कि अभी सर्दियों का मौसम है तो वह लोग खुले आसमान के नीचे बैठे हैं लेकिन गर्मियों के मौसम में वे तपती धूप में यहां कैसे बैठेंगे.

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शायद प्रशासन इस बारे में सोचना भूल गया. साथ ही उन्होंने कहा कि जहां पर नया वेंडिंग जोन बनाया गया है वहां पर ना तो पीने के पानी की कोई व्यवस्था है और ना ही शौचालय की कोई व्यवस्था है. वेंडिंग जोन में महिला वेंडर्स भी बैठी हैं उन्हें शौचालय जाने के लिए असुविधा होगी. इसके अलावा इन लोगों का कहना है कि यहां पर ये लोग सुबह से शाम तक बैठ कर चले जाते हैं और उनका कुछ भी सामान बिक नहीं पाता है.

प्रशासन ने अतिक्रमण की समस्या को दूर करने के लिए वेंडर्स को शिफ्ट करके अपनी पीठ तो थपथपा ली है लेकिन इन वेंडर्स की समस्याओं की ओर प्रशासन को कोई ध्यान नहीं है. जिस तरह नई जगह पर ये लोग समस्याओं को सामना कर रहे हैं अगर ऐसा ही रहा तो वेंडर्स के भूखे मरने की नौबत आ सकती है.

ये भी पढ़िए: रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ नई SIT गठित, बिजली मंत्री रहते पद का दुरुपयोग करने का आरोप

चंडीगढ़: यूटी प्रशासन और वेंडर्स के बीच काफी समय से एक संघर्ष चल रहा था. जहां एक तरफ चंडीगढ़ प्रशासन रजिस्टर्ड़ वेंडर्स को निर्धारित वेंडिंग जोन में भेजना चाहता था और अवैध वेंडर्स को हटाना चाहता था तो वहीं दूसरी तरफ वेंडर्स किसी हालत में हटने को तैयार नहीं थे.

फिर सुप्रीम कोर्ट ने वेंडर्स को हटाने के आदेश दिए. कोर्ट की तरफ से वेंडर्स को शिफ्ट करने का आदेश आने के वाद वेंडर्स ने विरोध दर्ज किया और जगह छोड़ने से मना कर दिया था. वेंडर्स का कहना था कि अगर उन्हें हटाया जाएगा तो उनके बच्चे क्या खाएंगे. यहां उनकी रोजी रोटी का एकमात्र जरिया है. जिस नई जगह उन्हें भेजा जाएगा वहां बिक्री नहीं होती है. ग्राहक कम आते हैं. तो ऐसे में उनके लिए खाना कमाना मुश्किल हो जाएगा.

चंडीगढ़ में वेंडर्स को शिफ्ट कर सुविधाएं देना भूला प्रशासन, देखिए ये रिपोर्ट.

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कई बार कहने पर भी वेंडर्स अपने पुराने स्थान को छोड़ने को तैयार नहीं थे. भारी विरोध के बीच बीते शुक्रवार को नगर निगम की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की और पॉश इलाकों से वेंडर्स को हटा दिया. भारी संख्या में पुलिस बल और नगर निगम के अधिकारियों ने सेक्टर-1 से 6, सेक्टर-17, 19 और सेक्टर-22 में मार्केट में बैठे वेंडर्स को हटाया था. निगम ने वेंडर्स को शिफ्ट तो कर दिया है लेकिन प्रशासन इन जगहों पर वेंडर्स को मूलभूत सुविधाएं देना भूल गया है.

सेक्टर-15 में बनाए गए वेंडिंग जोन में वेंडर्स को खुले मैदान में बैठा दिया गया है. यहां पर ना पीने के पानी की व्यवस्था है ना ही शौचालय की और ना ही यहां पर किसी तरह का कोई शेड लगाया गया है. वेंडर्स को कहना है कि अभी सर्दियों का मौसम है तो वह लोग खुले आसमान के नीचे बैठे हैं लेकिन गर्मियों के मौसम में वे तपती धूप में यहां कैसे बैठेंगे.

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शायद प्रशासन इस बारे में सोचना भूल गया. साथ ही उन्होंने कहा कि जहां पर नया वेंडिंग जोन बनाया गया है वहां पर ना तो पीने के पानी की कोई व्यवस्था है और ना ही शौचालय की कोई व्यवस्था है. वेंडिंग जोन में महिला वेंडर्स भी बैठी हैं उन्हें शौचालय जाने के लिए असुविधा होगी. इसके अलावा इन लोगों का कहना है कि यहां पर ये लोग सुबह से शाम तक बैठ कर चले जाते हैं और उनका कुछ भी सामान बिक नहीं पाता है.

प्रशासन ने अतिक्रमण की समस्या को दूर करने के लिए वेंडर्स को शिफ्ट करके अपनी पीठ तो थपथपा ली है लेकिन इन वेंडर्स की समस्याओं की ओर प्रशासन को कोई ध्यान नहीं है. जिस तरह नई जगह पर ये लोग समस्याओं को सामना कर रहे हैं अगर ऐसा ही रहा तो वेंडर्स के भूखे मरने की नौबत आ सकती है.

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Intro:चंडीगढ़ में जगह जगह बैठे वेंडर्स को प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए वेंडिंग जोन में शिफ्ट कर दिया गया है वेडर्स धीरे-धीरे इन वेंडिंग जोन में शिफ्ट होने शुरू हो गए हैं वहीं बहुत से वेंडर्स वेंडिंग जोन में शिफ्ट होने बाकी है।


Body:चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से सेक्टर 15 सेक्टर 50 सेक्टर 49 आईटी पार्क समेत कई जगहों पर वेंडिंग जोन बनाए गए हैं ।जहां पर सेक्टर 17, सेक्टर 22, सेक्टर 19 से वंडर्स को उठाकर शिफ्ट कर दिया गया है। ।
लेकिन प्रशासन इन जगहों पर वेंडर्स को मूलभूत सुविधाएं देना भूल गया है। सेक्टर 15 में बनाए गए वेंडिंग जोन में वेंडर्स को खुले मैदान में बैठा दिया गया है। यहां पर ना पीने के पानी की व्यवस्था है ना ही शौचालय की और ना ही यहां पर किसी तरह का कोई शेड लगाया गया है। वेंडर्स को कहना है कि अभी सर्दियों का मौसम है तो वह लोग खुले आसमान के नीचे बैठे हैं लेकिन गर्मियों के मौसम में वे तपती धूप में यहां कैसे बैठेंगे। शायद प्रशासन इस बारे में सोचना भूल गया। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां पर नया वेंडिंग जोन बनाया गया है वहां पर ना तो पीने के पानी की कोई व्यवस्था है और ना ही शौचालय की कोई व्यवस्था है वेंडिंग जोन में महिला वंडर्स भी बैठी है उन्हें शौचालय जाने के लिए असुविधा होगी।
साथ ही इन लोगों को कहना है कि वे जहां पहले बैठे थे वहां वे कई सालों से अपनी दुकान चला रहे थे। जिससे वहां पर उनके पास ठीक-ठाक ग्राहक आ जाते थे। जिससे उनकी अच्छी आमदनी हो रही थी और वह अपने घर का खर्च चला पा रहे थे। लेकिन नए वेंडर जोन में ग्राहक नहीं आ रहे। वह सुबह से शाम तक बैठ कर चले जाते हैं और उनका कुछ भी सामान बिक नहीं पाता। जिससे अब उन्हें अपने परिवार को पालने में दिक्कत पेश आने लगी है । वे इसी उम्मीद है बैठे हैं कि जल्दी ही वहां पर भी ग्राहक आने शुरू हो जाएंगे। अगर ऐसा ना हुआ तो उनके भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।

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