चंडीगढ़: केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस बढ़ा दिया है. हालंकि इससे पेट्रोल डीजल के दाम उपभोक्ता के लिए नहीं बढ़ेंगे बल्कि वही रहेंगे. पेट्रोल पर 8 रुपये रोड सेस और 2 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई, इस तरह 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी हुई है. इसी तरह डीजल पर 8 रुपये रोड सेस और 5 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है, इस तरह कुल 13 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है.
वहीं इस बदलाव को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कोरोना संकट के दौरान पेट्रोल-डीजल के एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस बढ़ाने को 130 करोड़ भारतीयों पर वार और पीएम मोदी को देश को लूटने वाला बताया है.
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कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे हैं!
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 5, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
तेल के कम दामों का फ़ायदा जो पेट्रोल-डीज़ल की कम क़ीमतों से किसान-दुकानदार-व्यापारी-नौकरीपेशा वर्ग को होना चाहिए, टैक्स लगा भाजपा सरकार अपनी जेब में डाल रही है।
क्या जनता को लूट जेबें भरना “राजधर्म” है?#TheGreatBJPLoot https://t.co/9P7rGDfbpz
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 5, 2020
तेल के कम दामों का फ़ायदा जो पेट्रोल-डीज़ल की कम क़ीमतों से किसान-दुकानदार-व्यापारी-नौकरीपेशा वर्ग को होना चाहिए, टैक्स लगा भाजपा सरकार अपनी जेब में डाल रही है।
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तेल के कम दामों का फ़ायदा जो पेट्रोल-डीज़ल की कम क़ीमतों से किसान-दुकानदार-व्यापारी-नौकरीपेशा वर्ग को होना चाहिए, टैक्स लगा भाजपा सरकार अपनी जेब में डाल रही है।
क्या जनता को लूट जेबें भरना “राजधर्म” है?#TheGreatBJPLoot https://t.co/9P7rGDfbpz
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रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया है कि कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे हैं. तेल के कम दामों का फ़ायदा जो पेट्रोल-डीज़ल की कम क़ीमतों से किसान-दुकानदार-व्यापारी-नौकरी-पेशा वर्ग को होना चाहिए, टैक्स लगा भाजपा सरकार अपनी जेब में डाल रही है. उन्होंने सवाल किया है कि क्या जनता को लूट जेबें भरना ‘राजधर्म’ है?
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जब देश के लोग कोरोना से लड़ रहे हैं,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 5, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
जब देश के लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं,
जब रोज़ी-रोटी-रोज़गार की मार झेल रहे हैं,
तब
कच्चे तेल की औंधे मुँह गिरी क़ीमतों का फ़ायदा देश के लोगों को क्यों नही मिल रहा?
पेट्रोल-डीज़ल पर ₹10-₹13/लीटर बढ़ा देश की जनता को लूटना देश द्रोह है। https://t.co/ouQOM5hcwi
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 5, 2020
जब देश के लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं,
जब रोज़ी-रोटी-रोज़गार की मार झेल रहे हैं,
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पेट्रोल-डीज़ल पर ₹10-₹13/लीटर बढ़ा देश की जनता को लूटना देश द्रोह है। https://t.co/ouQOM5hcwiजब देश के लोग कोरोना से लड़ रहे हैं,
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जब देश के लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं,
जब रोज़ी-रोटी-रोज़गार की मार झेल रहे हैं,
तब
कच्चे तेल की औंधे मुँह गिरी क़ीमतों का फ़ायदा देश के लोगों को क्यों नही मिल रहा?
पेट्रोल-डीज़ल पर ₹10-₹13/लीटर बढ़ा देश की जनता को लूटना देश द्रोह है। https://t.co/ouQOM5hcwi
सुरजेवाला ने लिखा कि यह रात के अंधेरे में 130 करोड़ भारतीयों पर वार है. देश लॉकडाउन से धीरे धीरे बाहर आ रहा है, दुकानदार कुछ दुकानें खोल पा रहा है, ट्रक की माल ढुलाई थोड़ी शुरू हो रही है, किसान फसल कटाई पूरी कर रहा है, पर मोदी जी पेट्रोल-डीज़ल पर ₹10 व ₹13 प्रति लीटर टैक्स लगा जनता को लूट रहे हैं.
बता दें कि, उत्पाद शुल्क में इस बढ़ोतरी के बाद लोगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटी कीमतों का कोई भी फायदा नहीं मिल पाएगा. कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मांग नहीं होने के कारण पिछले माह ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 18.10 डॉलर के निम्न स्तर पर पहुंच गई थी. यह 1999 के बाद से सबसे कम कीमत थी. हालांकि इसके बाद कीमतों में थोड़ी वृद्धि हुई और यह 28 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई.
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