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खरगोशों ने फौजियों के खिलाफ जीती लड़ाई, जानिए कैसे - rabbits won court battle against soldiers

पेरिस (paris) से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. जहां खरगोशों ने पेरिस के सैनिकों के साथ कोर्ट की लड़ाई (rabbits won court battle) जीत ली है. दरअसल, वह ऐतिहासिक स्थल जहां आर्मी म्यूजियम और नेपोलियन का मकबरा स्थित है. वहां सेना सक्रिय है. वहां हर साल ये सैनिक करीब 40 खरगोशों को मारते हैं, क्योंकि ये खरगोश जमीन खोदकर पानी के पाइप में छेद कर देते हैं.

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खरगोशों ने फौजियों के खिलाफ जीती लड़ाई, जानिए कैसे
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Published : Jul 31, 2021, 1:32 PM IST

पेरिस: पेरिस (paris)से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. जहां खरगोशों ने पेरिस के सैनिकों के साथ कोर्ट की लड़ाई (rabbits won court battle) जीत ली है. दरअसल, वह ऐतिहासिक स्थल जहां आर्मी म्यूजियम और नेपोलियन का मकबरा स्थित है. वहां सेना सक्रिय है. यहां हर साल ये सैनिक करीब 40 खरगोशों को मारते हैं, इसका मुख्य कारण यह है कि ये खरगोश यहां जमीन खोदकर पानी के पाइप में छेद कर देते थे. बहुत नुकसान होता है, लेकिन सैनिकों द्वारा निर्दोष लोगों की हत्या करना सही समाधान नहीं है.

संग्रहालय में खरगोशों पर सैनिकों द्वारा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था. इन नुकसानों को रोकने के लिए सैनिक वहां मौजूद खरगोशों को मारते थे, लेकिन जब मामले की जांच की गई तो कई बातें सामने आईं, जिसमें सैनिकों द्वारा खरगोशों पर लगाए गए सभी आरोप झूठे निकले. वहां के पशु चिकित्सा अधिकारी ने शिकायतों को झूठा बताकर खारिज कर दिया. जब इस मुद्दे को पेरिस में अदालत में ले जाया गया, तो खरगोश जीत गए.

कुछ महीने पहले एक जज ने खरगोशों को मारने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. तब से, खरगोशों को राहत मिली है. इस मुद्दे पर गंभीरता व्यक्त करते हुए और बेघरों पर हो रहे अत्याचारों का विरोध करते हुए, पेरिस स्थित पशु अधिकार समूह ज़ुपोलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि खरगोश के नुकसान के दावे निराधार थे. उन्होंने कहा, "हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि सैनिक खरगोशों के साथ शांति से रह सकते हैं।"

ये भी पढ़ें- हरियाणा में स्कूल खुलते ही कोरोना ने दी दस्तक, इस जिले में मिले 6 बच्चे पॉजिटिव

पेरिस: पेरिस (paris)से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. जहां खरगोशों ने पेरिस के सैनिकों के साथ कोर्ट की लड़ाई (rabbits won court battle) जीत ली है. दरअसल, वह ऐतिहासिक स्थल जहां आर्मी म्यूजियम और नेपोलियन का मकबरा स्थित है. वहां सेना सक्रिय है. यहां हर साल ये सैनिक करीब 40 खरगोशों को मारते हैं, इसका मुख्य कारण यह है कि ये खरगोश यहां जमीन खोदकर पानी के पाइप में छेद कर देते थे. बहुत नुकसान होता है, लेकिन सैनिकों द्वारा निर्दोष लोगों की हत्या करना सही समाधान नहीं है.

संग्रहालय में खरगोशों पर सैनिकों द्वारा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था. इन नुकसानों को रोकने के लिए सैनिक वहां मौजूद खरगोशों को मारते थे, लेकिन जब मामले की जांच की गई तो कई बातें सामने आईं, जिसमें सैनिकों द्वारा खरगोशों पर लगाए गए सभी आरोप झूठे निकले. वहां के पशु चिकित्सा अधिकारी ने शिकायतों को झूठा बताकर खारिज कर दिया. जब इस मुद्दे को पेरिस में अदालत में ले जाया गया, तो खरगोश जीत गए.

कुछ महीने पहले एक जज ने खरगोशों को मारने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. तब से, खरगोशों को राहत मिली है. इस मुद्दे पर गंभीरता व्यक्त करते हुए और बेघरों पर हो रहे अत्याचारों का विरोध करते हुए, पेरिस स्थित पशु अधिकार समूह ज़ुपोलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि खरगोश के नुकसान के दावे निराधार थे. उन्होंने कहा, "हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि सैनिक खरगोशों के साथ शांति से रह सकते हैं।"

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