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गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन में शादी समारोह को लेकर बनाए गए नियम को हाई कोर्ट में दी गई चुनौती - lockdown marriage rule high court

कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में शादी समारोह में 50 लोगों को शामिल होने की इजाजत दी गई थी, जिसको पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिस पर हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता द्वारा दी गई दलील पर ध्यान दिया जाए और उसके मुताबिक फैसला लिया जाए.

haryana high court
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Published : Jun 24, 2020, 10:32 PM IST

चंडीगढ़: लॉकडाउन के दौरान शादी समारोह में 50 लोगों के शामिल होने के गृह मंत्रालय के नियम को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि गृह मंत्रालय द्वारा शादी समारोह में 50 लोगों को शामिल होने की इजाजत दी गई थी, लेकिन कई जगह देखा गया कि 50 से ज्यादा लोग शादी समारोह में शामिल हो रहे हैं.

ऐसे में गृह मंत्रालय के आदेशों को चुनौती दी गई थी और कहा गया कि करोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ी जा रही है, ऐसे में यदि शादी समारोह में 50 लोग भी शामिल होते हैं तो इससे कोरोना का संक्रमण फैलने का डर बना रहेगा. याचिकाकर्ता ने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा आदेश जारी किए गए हैं. इसमें इस बात की ओर ध्यान नहीं दिया गया कि पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ में दहेज निषेध अधिनियम 1961 में 25 लोगों से ज्यादा की बारात लेकर आना कानूनी अपराध है.

गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन में शादी समारोह को लेकर बनाए गए नियम को हाई कोर्ट में दी गई चुनौती.

ये भी पढ़ें- बेटा भये डिप्टी तो डर काहे का! देखिए कैसे अजय चौटाला के सामने उड़ती रही नियमों की धज्जियां

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में जालंधर में 50 लोगों से ज्यादा के शादी समारोह में शामिल होने की बात लिखी है. जिसे जालंधर प्रशासन द्वारा मंजूरी दी गई थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने आज पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और केंद्र सरकार को निर्देश जारी किए हैं कि वह इस मुद्दे को लेकर याचिकाकर्ता द्वारा दिए जाने वाले रिप्रेजेंटेशन पर शीघ्रता से उचित निर्णय लें.

चंडीगढ़: लॉकडाउन के दौरान शादी समारोह में 50 लोगों के शामिल होने के गृह मंत्रालय के नियम को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि गृह मंत्रालय द्वारा शादी समारोह में 50 लोगों को शामिल होने की इजाजत दी गई थी, लेकिन कई जगह देखा गया कि 50 से ज्यादा लोग शादी समारोह में शामिल हो रहे हैं.

ऐसे में गृह मंत्रालय के आदेशों को चुनौती दी गई थी और कहा गया कि करोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ी जा रही है, ऐसे में यदि शादी समारोह में 50 लोग भी शामिल होते हैं तो इससे कोरोना का संक्रमण फैलने का डर बना रहेगा. याचिकाकर्ता ने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा आदेश जारी किए गए हैं. इसमें इस बात की ओर ध्यान नहीं दिया गया कि पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ में दहेज निषेध अधिनियम 1961 में 25 लोगों से ज्यादा की बारात लेकर आना कानूनी अपराध है.

गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन में शादी समारोह को लेकर बनाए गए नियम को हाई कोर्ट में दी गई चुनौती.

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याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में जालंधर में 50 लोगों से ज्यादा के शादी समारोह में शामिल होने की बात लिखी है. जिसे जालंधर प्रशासन द्वारा मंजूरी दी गई थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने आज पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ और केंद्र सरकार को निर्देश जारी किए हैं कि वह इस मुद्दे को लेकर याचिकाकर्ता द्वारा दिए जाने वाले रिप्रेजेंटेशन पर शीघ्रता से उचित निर्णय लें.

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