चंडीगढ़: कुछ दिनों पहले ही प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने यमुनानगर में भगवाकरण को देश में आगे बढ़ाने की बात की थी. इस बयान के बाद राजनेताओं द्वारा इस बयान को लेकर गुर्जर की आलोचना भी की गई.
जब इस बयान के बारे में गुर्जर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हम गाय, गीता, गंगा और सरस्वती के लिए काम करते हैं और आगे भी करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि ये तो हिंदू ही हैं जिसने दुनिया को धर्मनिरपेक्षता का विचार दिया.
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उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा के आदिबद्री नामक स्थान पर आयोजित सरस्वती समारोह में परंपरागत हिंदू विश्वासों के समर्थन में भाषण दिया था जिसमें यह बात कही गई थी. गाय, गीता, गंगा और सरस्वती के लिए काम करेंगे, भगवा रंग भी एक आदर्श है इसको देखते ही श्रद्धा पैदा होती है.
इसको लेकर अनावश्यक सांप्रदायिकता दिखाई जाती है. आदिबद्री को प्राचीन वैदिक कालीन सरस्वती नदी का उद्दम स्थल माना जाता है. इसी नदी के किनारे वेदों की रचना की गई थी. भगवाकरण के पीछे लोगों का आशय क्या होता है यह पौधों की दी गई संस्कृति है और इसको अपनाते हुए आधुनिक विकास भी जारी रखा जाएगा और इसको लेकर पूरे देश में आगे भी कार्य करते रहेंगे.
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