चंडीगढ़: साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला की सीबीआई अदालत की तरफ से 25 अगस्त 2017 को डेरा मुखी को दोषी करार देने के बाद हुई हिंसा मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
हिंसा में हुआ करोड़ों का नुकासान
हरियाणा के एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने हाईकोर्ट को बताया कि दंगों में पंचकूला सहित पूरे हरियाणा में डेरा समर्थकों की तोड़फोड़ और आगजनी में 126 करोड़ से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ. इसमें 18 करोड़ निजी संपत्तियों का तथा बाकी सरकारी का है. साथ ही आयकर विभाग की तरफ से बताया गया कि डेरे पर 350 करोड़ की देनदारी है.
आयकर विभाग की डेरा पर 350 करोड़ की देनदारी
आयकर विभाग ने बताया कि डेरे की सभी सम्पत्तियों और बैंक खातों का निरीक्षण कर पाया गया कि डेरे पर आयकर विभाग की कुल 350 करोड़ की देनदारी है. इसपर जस्टिस राजीव शर्मा ने सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता से कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट और अन्य हाईकोर्ट के फैसलों का अध्ययन कर नुक्सान की भरपाई की जिम्मेदारी तय करने में हाईकोर्ट की मदद करें. शुक्रवार शाम साढ़े 4 बजे के बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई सोमवार तक स्थगित कर दी है सोमवार को गुप्ता फिर अपना पक्ष रखेंगे.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या हाईकोर्ट के सभी आदेशों का पालन हुआ था और ऐसा क्या करें कि डेरों को रेगुलराइज किया जा सके ताकि भविष्य में ऐसी घटना न हो. केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन ने बताया कि आदेशों पर केंद्र सरकार ने तत्काल ही हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में अर्ध सैनिक बलों की तैनाती कर दी थी.
जिम्मेदारी समझी होती तो ऐसा नहीं होता- हाईकोर्ट
हरियाणा के एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने कहा कि हरियाणा ने भी सभी आदेशों का पालन किया. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अगर तब जिम्मेदारी समझी होती तो ऐसा नहीं होता. कोर्ट ने कहा कि उन्हें पता चला कि दंगों में कुछ जगह पुलिस कर्मी भाग खड़े हुए थे. अर्ध सैनिक बलों ने ही इन दंगों को काबू किया. कोर्ट ने कहा कि पंजाब के एजी को मौजूद होना चाहिए था पर वो नहीं हैं ऐसे में अगली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को हाजिर रहने के आदेश दिए है.
फैसला बनेगा देश के लिए नजीर!
गौरतलब है कि हिंसा के बाद लोगों के नुकसान की भरपाई को लेकर चल रही सुनवाई में तय होगा कि भरपाई कौन करेगा. हाईकोर्ट की फुल बेंच का फैसला नजीर बनेगा, इसके बाद भविष्य में अगर इस तरह की कोई घटना होती है तो तय किया जा सकता है कि दंगों में हुए नुकसान की भरपाई कैसे और किससे की जा सके.
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