चंडीगढ़: कुरुक्षेत्र शहर को हरियाणा की सांस्कृतिक राजधानी (cultural capital of Haryana) माना जाता है और शहर के प्राचीन इतिहास और ऐतिहासिक धरोहर के चलते ना केवल कुरुक्षेत्र बल्कि हरियाणा प्रदेश विश्व भर में अपनी अलग पहचान रखता है, लेकिन आज यही शहर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यह बदहाली पिछले कई सालों से बरकरार है, लेकिन प्रदेश सरकार इस पर गौर करना कभी जरूरी नहीं समझा. अगर भाजपा सरकार राम की नगरी अयोध्या को लेकर इतनी ज्यादा गंभीर है तो कृष्ण की कर्म भूमि कुरुक्षेत्र इस तरह की अनदेखी का शिकार क्यों होना पड़ रहा है.
क्षेत्र विधानसभा हलके लाडवा के कांग्रेस विधायक मेवा सिंह (Ladwa MLA Mewa Singh) ने इस बदहाली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र पीपली से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय थर्ड गेट तक की सड़क (kurukshetra Road condition) की हालत बेहद बिगड़ चुकी है, लेकिन इस तरफ किसी का ध्यान नहीं है. इतना ही नहीं बल्कि इस समय शहर की बाकी सड़कें भी बुरी तरह से बदहाल हो चुकी हैं. सड़कों की खराब हालत पिछले कई सालों से बरकरार है. इस बीच शहर में कई बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन भी हो चुके हैं. इसके बावजूद सरकार ने सड़कों की सुध लेना जरूरी नहीं समझा.
विधायक मेवा सिंह ने कहा कि पिहोवा से यमुनानगर कि सड़क को फोरलेन किया जाना था. यह मुख्य प्रोजेक्ट है क्योंकि यह सड़क 3 राज्यों को आपस में जोड़ती है और इस सड़क पर हरियाणा के 5 विधानसभा हलके पड़ते हैं. इसके बावजूद सरकार इस प्रोजेक्ट के बारे में भी नहीं सोच रही. उन्होंने कहा कि वे खुद पिहोवा से विधायक और मंत्री संदीप सिंह, थानेसर हलके से विधायक सुभाष सुधा से भी बात की, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला.
लाडवा भी बदहाली के आंसू बहा रहा है. लाडवा की अंबेडकर चौक की हालत भी बेहद खराब है. यमुनानगर से अवैध खनन कर रेत की गाड़ियां लाडवा से होकर गुजरती हैं. उनकी वजह से सड़कों की हालत बदतर हो चुकी हैं, लेकिन सरकार ना तो अवैध खनन पर रोक लगा पाई है और ना ही सड़कों की बदहाली को सुधार पाई है. जब कुरुक्षेत्र जैसे शहर की सड़कों की हालत को सुधार नहीं पाया तो लाडवा के बारे में तो कौन सोचेगा.
क्षेत्र की पीपली से थर्ड ग्रेड सड़क को लेकर उन्होंने कहा कि इसको लेकर 3 बार टेंडर हो चुके हैं, लेकिन तीनों कंपनियां बीच में ही काम छोड़ कर चली गईं. जिसकी अहम वजह सरकार की गलत नीतियां हैं. उस सड़क का स्तर पहले से ठीक था लेकिन उसे जानबूझकर 3 फीट ऊपर उठाया जा रहा है. जिससे सड़क पर पड़ने वाली बहुत सी दुकानें सड़क से नीचे हो चुकी हैं. इस वजह से दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ है. वहीं सड़क का काम अधूरा पड़े रहने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं और आम लोग काफी परेशान हैं.
मेवा सिंह ने कहा कि आने वाले विधानसभा के बजट सत्र (Budget session 2022) में वह इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाएंगे और विधायक सुभाष, सुधा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से इसका जवाब मांगेंगे कि आखिर यह कितना बड़ा प्रोजेक्ट है जिसे पिछले 7 सालों में भी पूरा नहीं किया जा सका.
हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें EtvBharat APP