मथुरा/चंडीगढ़: मथुरा में जन्माष्टमी का पर्व 12 अगस्त की मध्य रात्रि 12 बजे धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. पूर्व के सालों की भांति सभी मंदिरों में विशेष सजावट की गई है. रात के समय चारों तरफ लाइटों से श्री कृष्ण जन्मभूमि का परिसर जगमगा उठेगा. हालांकि महामारी कोविड-19 के चलते इस बार श्रद्धालुओं का प्रवेश मंदिर परिसर में वर्जित है. मंदिर परिसर में विधि-विधान के अनुसार, सभी कार्यक्रम भव्य और दिव्यता के साथ मनाए जाएंगे. भक्त अपने नटखट कन्हैया का जन्मोत्सव मनाने के लिए आतुर हैं. भगवान श्री कृष्ण का 5248वां जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मंदिरों में मनाया जाएगा.
मंदिरों में होगी विशेष सजावट
झिलमिल लाइटों से श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर जगमगा उठेगी. जन्म स्थान के गर्भगृह स्थित भागवत भवन में ढोल नगाड़े, झांझ और शंख ध्वनि से उत्सव मनाया जाएगा. 11 अगस्त शाम 6:30 पर ठाकुर जी के लिए विशेष पोशाक समक्ष भेंट की जाएगी. वहीं 12 अगस्त की सुबह 10 बजे भागवत भवन में पुष्पांजलि कार्यक्रम संपन्न होंगे. नटखट कन्हैया पुष्प वृंत पोशाक धारण करके भक्तों को टीवी के माध्यम से दर्शन देंगे. रजत कमल पुष्प में विराजमान होकर ठाकुर जी का प्रकट उत्सव महाभिषेक किया जाएगा.
ये है पूजा कार्यक्रम का विवरण
- 12 अगस्त बुधवार की रात्रि श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में होंगे कार्यक्रम.
- रात्रि 11 से 11:55 तक श्री गणेश नवग्रह पूजन किया जाएगा.
- 11:55 से 11:59 तक प्रकट उत्सव दर्शन पट बंद किए जाएंगे.
- भागवत भवन में 12 बजे नटखट कन्हैया भगवान श्रीकृष्ण का प्रकट उत्सव.
- मध्य रात्रि 12 से 12:05 पर प्रकट आरती.
- रात्रि 12:10 से 12:20 तक जन्मोत्सव महाभिषेक.
- 12:20 से 12:30 तक जन्म महाभिषेक रजत कमल पुष्प में विराजमान होंगे प्रभु.
- 12:40 से 12:50 तक भागवत भवन में श्रृंगार आरती.
- रात्रि 1 बजे भागवत पाठ में शयन आरती.
कोविड-19 के चलते श्रद्धालु इस बार जन्माष्टमी का पर्व का आनंद ऑनलाइन ले सकेंगे. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश वर्जित किए गए हैं.