चंडीगढ़: इसी महीने नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) में डेपुटेशन पूरा करके लौटे हरियाणा कैडर के सीनियर आईपीएस आलोक मित्तल को क्रिमिनल इनवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) का एडीजीपी बनाया गया है. जब वे लौटे थे तो उन्हें सीआईडी का ओएसडी नियुक्त कर दिया गया था. इस संबंध में नए आदेश गुरुवार को गृह विभाग के एसीएस विजय वर्धन ने जारी किए हैं.
बता दें कि, हरियाणा सीआईडी प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनिल राव 31 जुलाई को सेवानिवृत हो रहे हैं. इससे पहले अब आलोक मित्तल को ये पद सौंप दिया गया है. अभी वे एनआईए में बतौर आईजी पदभार संभाल रहे है, वहां उनका डेपुटेशन का समय पूरा हो चुका है.
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कौन हैं आईपीएस आलोक मित्तल?
आलोक मित्तल 1969 में प्रयागराज में पैदा हुए थे. उन्होंने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग, उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पुलिस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री, नालसर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से सायबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया है. वे 1993 में यूपीएससी की परीक्षा उतीर्ण करके आईपीएस बने थे. पुलिस में आने से पहले उन्होंने करीब साल भर तक जमशेदपुर में टाटा मोटर्स में नौकरी की थी. उन्होंने हरियाणा कैडर ज्वाइन किया था. आईपीएस आलोक ने ही देश में सबसे पहले 2007 में फरीदाबाद में बतौर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महिला पीसीआर शुरू की थी. उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी नवाजा गया है.
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आलोक मित्तल शुरूआती दिनों में दिसंबर 1996 से अक्तूबर 1999 तक वे पंचकूला के पुलिस अधीक्षक रहे. इसके बाद नवंबर-2001 से नवंबर 2005 तक मित्तल सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिेशन (सीबीआई) की आर्थिक अपराध शाखा और साइबर सैल के एसपी रह चुके हैं. वे दिसंबर 2005 से जनवरी 2007 तक पानीपत, जून 2007 से जून 2008 तक फरीदाबाद, जून 2008 से जून 2009 तक रोहतक के एसएसपी रहें. जून 2009 से अक्तूबर-2011 तक गुरुग्राम कमिश्नरी में ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस और अक्तूबर-2011 से फरवरी 2013 तक रोहतक रेंज के आईजी रह चुके हैं.