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पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी को लेकर हाइकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा से मांगा जवाब

हाई कोर्ट ने पूछा है कि पंजाब और हरियाणा ने हाई कोर्ट के रिटायर जजों को पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी का चेयरमैन बनाने की योग्यता से कैसे बाहर किया है.

High court seeks response from Punjab and Haryana
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट
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Published : Jan 13, 2020, 10:41 PM IST

चंडीगढ़: पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी के चेयरमैन पद के लिए रिटायर जजों को अयोग्य घोषित करने पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि रिटायर जज ही चेयरमैन होंगे तो राज्य सरकार ने खुद से फैसला कैसे लिया है. हाई कोर्ट ने अब हरियाणा और पंजाब सरकार से पूछा है कि उनकी तरफ से पुलिस एक्ट को क्या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट से मांगा जवाब
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने पूछा है कि पंजाब और हरियाणा ने हाई कोर्ट के रिटायर जजों को पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी का चेयरमैन बनाने की योग्यता से कैसे बाहर किया है. हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर जजों को चेयरमैन बनाने के आदेश दिए तो राज्य सरकारों ने कैसे अलग नियम बनाया है.

हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकील एचसी अरोड़ा ने हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा और पंजाब में पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी के चेयरमैन पद पर नियुक्ति के लिए केवल नौकरशाहों को ही चुनने के लिए नियम बनाएं हैं. याची ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट प्रकाश सिंह मामले में ये तय कर चुका है कि जिला स्तरीय अथॉरिटी में रिटायर सेशन जज और राज्य स्तरीय अथॉरिटी में रिटायर हाई कोर्ट के जज को लगाया जाना चाहिए. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट सभी राज्यों को निर्देश जारी कर चुका है.

जिला स्तरीय अथॉरिटी डीएसपी रैंक तक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई का अधिकार रखती है. राज्य स्तरीय अथॉरिटी एसपी रैंक से ऊपर के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सुनने का अधिकार रखती है.

हाईकोर्ट ने जताई हैरानी

पंजाब सरकार ने इस दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पंजाब सरकार ने एक्ट बनाकर नए प्रावधान जोड़ें हैं. इस पर हाई कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कैसे राज्य सरकार कानून बना सकती है. अब हाइकोर्ट ने पूछा है कि हरियाणा ओर पंजाब ने पुलिस एक्ट को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी या नहीं. अब इसपर दोनों राज्यों को जवाब देना है.

गौरतलब है कि जिला स्तरीय अथॉरिटी डीएसपी रैंक तक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई का अधिकार रखती है. जबकि राज्य स्तरीय अथॉरिटी एसपी रैंक से ऊपर के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सुनने का अधिकार रखती है.

ये भी पढ़ें- रोहतक: सुनारिया जेल में राम रहीम से मिली हनीप्रीत, चौथी बार की मुलाकात

चंडीगढ़: पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी के चेयरमैन पद के लिए रिटायर जजों को अयोग्य घोषित करने पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि रिटायर जज ही चेयरमैन होंगे तो राज्य सरकार ने खुद से फैसला कैसे लिया है. हाई कोर्ट ने अब हरियाणा और पंजाब सरकार से पूछा है कि उनकी तरफ से पुलिस एक्ट को क्या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट से मांगा जवाब
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने पूछा है कि पंजाब और हरियाणा ने हाई कोर्ट के रिटायर जजों को पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी का चेयरमैन बनाने की योग्यता से कैसे बाहर किया है. हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर जजों को चेयरमैन बनाने के आदेश दिए तो राज्य सरकारों ने कैसे अलग नियम बनाया है.

हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकील एचसी अरोड़ा ने हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा और पंजाब में पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी के चेयरमैन पद पर नियुक्ति के लिए केवल नौकरशाहों को ही चुनने के लिए नियम बनाएं हैं. याची ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट प्रकाश सिंह मामले में ये तय कर चुका है कि जिला स्तरीय अथॉरिटी में रिटायर सेशन जज और राज्य स्तरीय अथॉरिटी में रिटायर हाई कोर्ट के जज को लगाया जाना चाहिए. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट सभी राज्यों को निर्देश जारी कर चुका है.

जिला स्तरीय अथॉरिटी डीएसपी रैंक तक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई का अधिकार रखती है. राज्य स्तरीय अथॉरिटी एसपी रैंक से ऊपर के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सुनने का अधिकार रखती है.

हाईकोर्ट ने जताई हैरानी

पंजाब सरकार ने इस दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पंजाब सरकार ने एक्ट बनाकर नए प्रावधान जोड़ें हैं. इस पर हाई कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कैसे राज्य सरकार कानून बना सकती है. अब हाइकोर्ट ने पूछा है कि हरियाणा ओर पंजाब ने पुलिस एक्ट को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी या नहीं. अब इसपर दोनों राज्यों को जवाब देना है.

गौरतलब है कि जिला स्तरीय अथॉरिटी डीएसपी रैंक तक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई का अधिकार रखती है. जबकि राज्य स्तरीय अथॉरिटी एसपी रैंक से ऊपर के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सुनने का अधिकार रखती है.

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पुलिस कंपलेंट अथॉरिटी के चेयरमैन पद के लिए रिटायर जजों को अयोग्य घोषित करने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब सरकार को जमकर फटकर लगाई । कोर्ट ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि रिटायर जज ही चेयरमैन होंगे तो राज्य सरकार ने खुद से फैसला कैसे लिया है । हाईकोर्ट ने अब हरियाणा व पंजाब सरकार से पूछा है कि उनकी तरफ से पुलिस एक्ट को क्या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है । Body:वीओ -
पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट ने पूछा है कि पंजाब ओर हरियाणा ने हाईकोर्ट के रिटायर जजों को पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी का चेयरमैन बनाने की योग्यता से कैसे बाहर किया है । हाइकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर जजों को चेयरमैन बनाने के आदेश दिए तो राज्य सरकारों ने कैसे अलग नियम बनाया है । हाइकोर्ट में वरिष्ठ वकील एचसी अरोड़ा ने हाईकोर्ट को बताया कि हरियाणा और पंजाब में पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी के चेयरमैन पद पर नियुक्ति के लिए केवल नौकरशाहों को ही चुनने के लिए नियम बनाएं हैं । याची ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट प्रकाश सिंह मामले में यह तय कर चुका है कि जिला स्तरीय अथॉरिटी में रिटायर सेशन जज और राज्य स्तरीय अथॉरिटी में रिटायर हाईकोर्ट के जज को लगाया जाना चाहिए । इसके लिए सुप्रीम कोर्ट सभी राज्यों को निर्देश जारी कर चुका है । जिला स्तरीय अथॉरिटी डीएसपी रैंक तक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई का अधिकार रखती है । राज्य स्तरीय अथॉरिटी एसपी रैंक से उपर के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सुनने का अधिकार रखती है । पंजाब सरकार ने इस दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पंजाब सरकार ने एक्ट बनाकर नए प्रावधान जोड़ें हैं । इसपर हाईकोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कैसे राज्य सरकार कानून बना सकती है । अब हाइकोर्ट ने पूछा है कि हरियाणा ओर पंजाब ने पुलिस एक्ट को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी या नही अब इसपर दोनों राज्यो को जवाब देना है। Conclusion:गौरतलब है कि जिला स्तरीय अथॉरिटी डीएसपी रैंक तक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई का अधिकार रखती है । जबकि राज्य स्तरीय अथॉरिटी एसपी रैंक से उपर के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सुनने का अधिकार रखती है ।
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