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HC ने विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम को लेकर केंद्र सरकार, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ से मांगा जवाब - हाई कोर्ट हरियाणा सरकार नोटिस जारी

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम को लागू करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Punjab and Haryana High Court Heard on Witness Protection Scheme
हाई कोर्ट ने विटनेस प्रोटक्शन स्कीम को लेकर केंद्र सरकार, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ से मांगा जबाब
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Published : Jul 14, 2020, 2:17 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पानीपत निवासी महेंद्र चावला की विटनेस प्रोटक्शन स्कीम को लागू करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याची के वकील संजय रावत ने बेंच को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में महेंद्र चावला बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले का निपटारा करते हुए आपराधिक मुकदमों के गवाहों को सुरक्षा के लिए सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे.

इस आदेश के अनुसार सभी राज्यों में जिला जज की अगुवाई में स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया गया. स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष संबंधित गवाहों को सुरक्षा के लिए आवेदन करना होगा. कमेटी पूरे मामले की जांच करने के बाद गवाह को सुरक्षा देने का आदेश जारी करेगी.
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याची के वकील ने बताया कि याची आसाराम केस में मुख्य गवाह है और उसकी जान को खतरा है. इसलिए उसने सुरक्षा के लिए पानीपत स्टैंडिंग कमेटी के सामने आवेदन किया. लेकिन स्टैंडिंग कमेटी ने उसके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि राज्य सरकार ने अभी विटनेस प्रोटक्शन स्कीम 2018 को लागू करने की अधिसूचना जारी नहीं की है.

याची के वकील ने बेंच को बताया कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी विटनेस प्रोटक्शन स्कीम को लागू करने के प्रति गंभीर नहीं है. इसलिए हाई कोर्ट राज्य सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को इस बाबत आदेश जारी करें.

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पानीपत निवासी महेंद्र चावला की विटनेस प्रोटक्शन स्कीम को लागू करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याची के वकील संजय रावत ने बेंच को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में महेंद्र चावला बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले का निपटारा करते हुए आपराधिक मुकदमों के गवाहों को सुरक्षा के लिए सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे.

इस आदेश के अनुसार सभी राज्यों में जिला जज की अगुवाई में स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया गया. स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष संबंधित गवाहों को सुरक्षा के लिए आवेदन करना होगा. कमेटी पूरे मामले की जांच करने के बाद गवाह को सुरक्षा देने का आदेश जारी करेगी.
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याची के वकील ने बताया कि याची आसाराम केस में मुख्य गवाह है और उसकी जान को खतरा है. इसलिए उसने सुरक्षा के लिए पानीपत स्टैंडिंग कमेटी के सामने आवेदन किया. लेकिन स्टैंडिंग कमेटी ने उसके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि राज्य सरकार ने अभी विटनेस प्रोटक्शन स्कीम 2018 को लागू करने की अधिसूचना जारी नहीं की है.

याची के वकील ने बेंच को बताया कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी विटनेस प्रोटक्शन स्कीम को लागू करने के प्रति गंभीर नहीं है. इसलिए हाई कोर्ट राज्य सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को इस बाबत आदेश जारी करें.

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