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अगर आपके पास है ई-सिगरेट तो हो जाईए सावधान, जाना पड़ सकता है जेल

केंद्र सरकार द्वारा ई सिगरेट पर लगाए गए बैन को पूरे प्रदेश में लागू कराने के लिए हरियाणा पुलिस एक महीने का विशेष अभियान चलाएगी. बता दें कि केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट के उत्पादन और बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगाया है.

haryana Police special campaign against e cigarette
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Published : Nov 10, 2019, 8:47 PM IST

Updated : Nov 10, 2019, 10:06 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस ने प्रदेश भर में एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत हरियाणा पुलिस ई-सिगरेट और अन्य सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन वितरण प्रणालियों की उपलब्धता और उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए काम करेगी.

10 नवम्बर-10 दिसंबर तक चलेगा अभियान

हरियाणा पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अध्यादेश के प्रावधानों को सख्ती से लागू करवाना सुनिश्चित करें. इस संबंध में तलाशी, जब्ती और जांच करने के लिए कम से कम पुलिस सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को अधिकृत किया गया है.

शैक्षणिक संस्थानों पर अतिरिक्त सतर्कता

स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह के प्रतिबंधित उत्पादों के उपयोग को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी.

  • Haryana Police: We will undertake a month-long drive for enforcement of 'Prohibition of Electronic Cigarettes Ordinance 2019' from today, to put a check on availability and usage of e-cigarettes and all other forms of electronic nicotine delivery systems across the state. pic.twitter.com/TqRJIM5Txp

    — ANI (@ANI) November 10, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नियमों का उल्लंघन करना पड़ सकता है महंगा

नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडित भी किया जाएगा. पहली बार अपराध के मामले में एक साल तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों, और अगले अपराध के लिए में तीन साल तक कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

केंद्र सरकार ने लगाया है प्रतिबंध

हरियाणा पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए अध्यादेश जारी किया है. अध्यादेश के तहत, ई-सिगरेट का उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण और विज्ञापन एक संज्ञेय अपराध है.

जिसमें पहली बार अपराध के मामले में एक साल तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों, और अगले अपराध के लिए में तीन साल तक कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा, ई-सिगरेट के भंडारण के लिए छह महीने तक कैद अथवा 50,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों दंड दिए जा सकते हैं. महानिदेशक ने कहा कि सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अध्यादेश के प्रावधानों को सख्ती से लागू करवाना सुनिश्चित करें.

ये भी पढ़ें- हरियाणा कांग्रेस का प्रदर्शन रद्द, कुमारी सैलजा ने दी जानकारी

चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस ने प्रदेश भर में एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत हरियाणा पुलिस ई-सिगरेट और अन्य सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन वितरण प्रणालियों की उपलब्धता और उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए काम करेगी.

10 नवम्बर-10 दिसंबर तक चलेगा अभियान

हरियाणा पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अध्यादेश के प्रावधानों को सख्ती से लागू करवाना सुनिश्चित करें. इस संबंध में तलाशी, जब्ती और जांच करने के लिए कम से कम पुलिस सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को अधिकृत किया गया है.

शैक्षणिक संस्थानों पर अतिरिक्त सतर्कता

स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह के प्रतिबंधित उत्पादों के उपयोग को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी.

  • Haryana Police: We will undertake a month-long drive for enforcement of 'Prohibition of Electronic Cigarettes Ordinance 2019' from today, to put a check on availability and usage of e-cigarettes and all other forms of electronic nicotine delivery systems across the state. pic.twitter.com/TqRJIM5Txp

    — ANI (@ANI) November 10, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नियमों का उल्लंघन करना पड़ सकता है महंगा

नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडित भी किया जाएगा. पहली बार अपराध के मामले में एक साल तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों, और अगले अपराध के लिए में तीन साल तक कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

केंद्र सरकार ने लगाया है प्रतिबंध

हरियाणा पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए अध्यादेश जारी किया है. अध्यादेश के तहत, ई-सिगरेट का उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण और विज्ञापन एक संज्ञेय अपराध है.

जिसमें पहली बार अपराध के मामले में एक साल तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों, और अगले अपराध के लिए में तीन साल तक कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा, ई-सिगरेट के भंडारण के लिए छह महीने तक कैद अथवा 50,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों दंड दिए जा सकते हैं. महानिदेशक ने कहा कि सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अध्यादेश के प्रावधानों को सख्ती से लागू करवाना सुनिश्चित करें.

ये भी पढ़ें- हरियाणा कांग्रेस का प्रदर्शन रद्द, कुमारी सैलजा ने दी जानकारी

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हरियाणा पुलिस ने प्रदेश भर में में एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है जिसके तहत हरियाणा पुलिस ई-सिगरेट और अन्य सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन वितरण प्रणालियों की उपलब्धता और उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए काम करेगी । 10 नवम्बर से शुरू ये अभियान 10 दिसंबर तक जारी रहेगा । हरियाणा पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अध्यादेश के प्रावधानों को सख्ती से लागू करवाना सुनिश्चित करें ।इस संबंध में तलाशी , जब्ती व जांच करने के लिए कम से कम पुलिस सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को अधिकृत किया गया है । स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह के प्रतिबंधित उत्पादों के उपयोग को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी । नियमों की उल्लंघना करने वालों को दंडित भी किया जाएगा । पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों, और अगले अपराध के लिए में तीन साल तक कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है । Body:वीओ -
हरियाणा पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए अध्यादेश जारी किया है । अध्यादेश के तहत, ई-सिगरेट का उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण और विज्ञापन एक संज्ञेय अपराध है जिसमें पहनी बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों, और अगले अपराध के लिए में तीन साल तक कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है । इसके अलावा, ई-सिगरेट के भंडारण के लिए छह माह तक कैद अथवा 50,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों दंड दिए जा सकते हैं । महानिदेशक ने कहा कि सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में अध्यादेश के प्रावधानों को सख्ती से लागू करवाना सुनिश्चित करें । एक माह तक चलने वाले विशेष अभियान के अंतर्गत अध्यादेश के प्रावधानों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस सभी आवश्यक कदम उठाएगी । स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह के प्रतिबंधित उत्पादों के उपयोग को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी । इसके अतिरिक्त, जिलों में जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा व नियमों की उल्लंघना करने वालों को दंडित भी किया जाएगा ।
उन्होंने बताया कि अध्यादेश के अनुसार, ई-सिगरेट, सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन वितरण प्रणाली, ई-हुक्का और इस तरह के अन्य उत्पादों को प्रतिबंधित कर अपराध की श्रेणी में रखने का फैसला लिया गया है जिनसे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है । उन्होंने कहा कि इस संबंध में तलाशी, जब्ती व जांच करने के लिए कम से कम पुलिस सब-इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को अधिकृत किया गया है। हालांकि, अध्यादेश के अनुसार व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए ई-सिगरेट का होना अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं है।
Conclusion:केंद्र सरकार की तरफ से हाल ही में जारी अध्यादेश के तहत ई-सिगरेट का उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण और विज्ञापन एक संज्ञेय अपराध है जिसमें पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों, और अगले अपराध के लिए में तीन साल तक कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है । इसके अलावा, ई-सिगरेट के भंडारण के लिए छह माह तक कैद अथवा 50,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों दंड दिए जा सकते हैं । फिलहाल 1 महीने तक चलने वाले इस अभियान में पुलिस को इसकी रोक पर कितनी सफलता मिल पाती है ये देखना होगा ।
Last Updated : Nov 10, 2019, 10:06 PM IST
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