चंडीगढ़: हरियाणा सरकार राज्य में लोगों को रोजगार दिलवाने व अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए जरूरी प्रयासों में लगी हुई है और इसी कड़ी में औद्योगिक इकाइयों को पुन खोलने के लिए ऑटोमेटिक स्वीकृति या उद्यमियों को प्रदान की जा रही है और अब तक 19,626 इकाइयों को स्वीकृति प्रदान कर दी गई हैं तथा 11,21,287 श्रमिकों को कार्य करने की अनुमति प्रदान की गई है.
साथ ही महामारी की वजह से हरियाणा में औद्योगिक इकाइयों की सुविधा के लिए उनके अपने कार्यों को पुनर्जीवित करने तथा कम आर्थिक गतिविधि के कारण से वित्तीय अवरोध के चलते अपने कर्मचारियों को बनाए रखने के लिए हरियाणा सरकार ने हरियाणा रिवाइवल ब्याज लाभ योजना तैयार की है यह योजना इकाइयों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद करेगी.
ये भी पढ़ें- हरियाणा में गुरुग्राम से 17 और कुल 46 नए कोरोना पॉजिटिव केस, अब एक्टिव मरीज हुए 327
इस मदद से औद्योगिक इकाइयां स्थाई अनुबंधित कर्मचारियों व श्रमिकों सहित अपने कर्मचारियों को मजदूरी का भुगतान कर सकेंगी और अन्य आवश्यक खर्चों को पूरा कर सकेंगी. सूक्ष्म, लघु और मध्यम औद्योगिक इकाइयों (एमएसएमई) को प्रति कर्मचारी अधिकतम 20 हजार रुपये तक वेतन और अन्य खर्चों के भुगतान के लिए लोन मिलेगा. इस लोन पर छह महीने तक कोई ब्याज नहीं देना पड़ेगा.
वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नई दिशा निर्देशों के तहत 4 मई 2020 से ऑटो सुकृति को एक्सीडेंट कर दिया गया है और 7338 आवेदनों के तहत 4,89,182 श्रमिकों को उद्योगों में काम करने की स्वीकृति दी गई है जिनमें से 4164 इकाइयों के 3,02,084 श्रमिक शहरी क्षेत्रों तथा 3174 इकाइयों के 1,84,098 श्रमिक ग्रामीण क्षेत्र में काम करेंगे.
ये भी पढ़ें- हरियाणा में खुले शराब के ठेके, कर्नाटक की तर्ज पर बेरिकेडिंग