चंडीगढ़: फल और सब्जियां हर इंसान के लिए पोषक तत्वों का एक आवश्यक स्रोत है. ऐसे में बागवानी का महत्व अपने आप बढ़ जाता है. बागवानी एक ऐसा क्षेत्र है जो फलों, सब्जियों, फूलों, मसालों और मशरूम की खेती से संबंधित है. हरियाणा में 1990- 91 में कृषि विभाग के साथ बागवानी विभाग का विभाजन किया था.
हॉर्टिकल्चर विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ. अर्जुन सिंह सैनी ने बताया कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई तरह की योजनाएं चला रखी है. इसका असर भी पड़ा है, किसानों ने फल और सब्जी की खेती का दायरा भी बढ़ाया है. किसानों को फल, फूल, सब्जियों की खेती के लिए अनुदान दिया जा रहा है.
हरियाणा में बागवानी के आंकड़े
- राज्य में साल 2019 में 5 लाख 28 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 70 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा फल और सब्जियों को उत्पादन हुआ था.
- वहीं साल 2020 में अब तक ये उत्पादन करीब 15 हजार हेक्टयर में और बढ़ा है और साल के अंत तक सरकार की योजना है कि पिछले साल के मुकाबले बागवानी क्षेत्र करीब 45 हजार हेक्टेयर और बढ़ाया जाए.
- इसके अलावा अगले दस साल यानि 2030 तक सरकार ने बागवानी का दायरा तीन गुणा बढ़ाकर 9 लाख हेक्टेयर करने की योजना बनाई है.
- 2030 तक बागवानी फसलों का उत्पादन तीन गुणा बढ़ाकर 2 करोड़ 10 मीट्रिक टन करने का लक्ष्य है.
- हरियाणा में पिछले साल बागवानी की मुख्य फसलों का जो उत्पादन हुआ था, उसकी कीमत 5-6 हजार करोड़ के बीच रही थी.
इजराइल के साथ मिलकर नई तकनीक पर किया काम
राज्य में बागवानी क्षेत्र का विस्तार करने को लेकर सरकार ने विभिन्न प्रकार की करीब 17 योजनाएं चलाई हैं. इसके अलावा राज्य सरकार इजराइल के साथ मिलकर बागवानी के क्षेत्र में नई तकनीक पर भी काम कर रही है. इस तकनीक को अपनाकर हरियाणा में अलग-अलग जिलों में फल-सब्जी पर आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार किए हैं और आने वाले कुछ समय में 3-4 सेंटर और स्थापित किए जाएंगे. इन केंद्रों में खेती करने की नई तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा.
हरियाणा बागवानी में बनेगा इंटरनेशनल मार्केट का हब- कृषि मंत्री
बागवानी के विस्तार को लेकर प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल दावा कर रहे हैं कि सरकार के प्रयास से जल्द ही हरियाणा बागवानी में इंटरनेशनल मार्केट का हब बनेगा. कृषि मंत्री ने कहा कि बागवानी को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने किसानों को कई तरह की छूट दी हैं. आज किसान भी समझ गए हैं कि गेहूं और चावल की खेती से हालात बदलने वाले नहीं हैं, जिसके चलते ही किसान फसलों के विविधीकरण की तरफ जा रहे हैं, और किसानों व राज्य सरकार के प्रयास से हरियाणा जल्द ही इंटरनेशनल मार्केट का हब बनेगा.
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