चंडीगढ़: 'कर्णनगरी' करनाल और यमुनागर के लिए खुशखबरी है. हरियाणा में नई रेल परियोजना (karnal yamunanagar new rail line project) को मंजूरी मिल गई है. ये परियोजना कोई और नहीं बल्कि 'करनाल-यमुनानगर’ नई रेल लाइन परियोजना है, जिसकी मांग करनाल और यमुनानगर के लोग सालों से कर रहे थे.
इस रेल सेवा के शुरू होने से दोनों जिलों के बीच न सिर्फ आवाजाही सुगम होगी, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी रफ्तार मिलेगी. जानकारी के मुताबिक इस संबंध में सितंबर,2019 में रेल मंत्रालय को मसौदा भेजा गया था, जिसके बाद मंत्रालय की ओर से कुछ सुझाव दिए गए थे. अब इन सभी सुझावों को शामिल करने के बाद हरियाणा सरकार ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दे दी है.
परियोजना की अनुमानित लागत 883.78 करोड़ रुपये है और ये परियोजना लगभग चार साल में क्रियान्वित होगी. प्रस्तावित करनाल-यमुनानगर नई रेल लाइन, दिल्ली-अंबाला रेलवे लाइन पर मौजूदा करनाल रेलवे स्टेशन से शुरू होगी और अंबाला-सहारनपुर रेलवे लाइन पर मौजूदा जगाधरी-वर्कशॉप रेलवे स्टेशन से जुड़ेगी.
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सीएम मनोहर लाल ने बताया कि करनाल, पानीपत और मध्य हरियाणा के अन्य हिस्सों को सीधा संपर्क प्रदान करते हुए ये नई लाइन पूर्वी डीएफसी के लिए एक फीडर मार्ग के रूप में कार्य करेगी, जिसमें कलानौर स्टेशन (यमुनानगर के साथ) पर रेलवे के साथ इंटरचेंज प्वॉइंट होगा.
मुख्यमंत्री ने बताया कि अंबाला छावनी के रास्ते करनाल से यमुनानगर तक मौजूदा रेल मार्ग से दूरी 121 किलोमीटर है. करनाल और यमुनानगर के बीच सड़क मार्ग से दूरी 67 किलोमीटर है. इसी तरह 64.6 किलोमीटर लंबी ये प्रस्तावित नई रेलवे लाइन, इन दोनों शहरों के बीच सबसे छोटा लिंक प्रदान करेगी और यात्रियों के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए यात्रा के समय को बहुत कम कर देगी.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के फायदे ये हैं कि इससे करनाल और यमुनानगर के बीच सीधी और त्वरित कनेक्टिविटी, यात्रियों के लिए त्वरित आवाजाही की सुविधा, क्योंकि यात्रा की दूरी 50 किलोमीटर कम हो जाएगी और इंद्री, लाडवा और रादौर जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से कृषि उपज, प्लाईवुड और लकड़ी, औद्योगिक उत्पादों, धातु उद्योग, उर्वरकों आदि के लिए बाजार तक त्वरित पहुंच सुनिश्चित होना शामिल है. इसके अलावा, ये परियोजना हरियाणा के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों को पवित्र शहर हरिद्वार से सीधे जोड़ेगी.