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अशोक अरोड़ा कांग्रेस में हुए शामिल, ईटीवी भारत की खबर पर लगी मुहर

पूर्व इनेलो नेता अशोक अरोड़ा आज कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. अशोक अरोड़ा के इनेलो छोड़ने के बाद शुरू में कयास लगाए जा रहे थे कि वो बीजेपी में जा सकते हैं. वहीं ईटीवी भारत ने अशोक अरोड़ा के कांग्रेस में जाने की खबर सबसे पहले दी थी, जिस पर अब मुहर लग गई है.

ashok arora joined congress
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Published : Sep 15, 2019, 3:45 PM IST

Updated : Sep 16, 2019, 12:13 AM IST

चंडीगढ़/दिल्ली: अशोक अरोड़ा ने आज शाम को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस का हाथ थामा. हरियाणा कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद, प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और सीएलपी लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में अरोड़ा कांग्रेस में शामिल हुए.

अशोक अरोड़ा के अलावा कलायत से निर्दलीय विधायक जय प्रकाश, पूर्व मंत्री सुभाष चौधरी ( हांसी) , कालका से पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी, पेहवा से पूर्व स्वर्गीय विधायक जसविंद्र संधु के बेटे गगनजोत सिंह संधू ने भी कांग्रेस ज्वाइन की.

अशोक अरोड़ा कांग्रेस में हुए शामिल


इनेलो को दिया था झटका
बता दें कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को बड़ा झटका देते हुए पूर्व मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने पांच दिन पहले इनेलो छोड़ने का ऐलान किया था. पार्टी छोड़ते हुए उन्होंने कहा था कि वह अब क्षेत्रीय दलों की राजनीति नहीं करेंगे और किसी राष्ट्रीय दल में शामिल होंगे.

ईटीवी भारत की खबर पर लगी मुहरअशोक अरोड़ा की इस घोषणा ने प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल मचा दी थी. जिसके बाद उनके बीजेपी में जाने की चर्चा शुरू हो गई थी. हालांकि ईटीवी भारत ने सबसे पहले बताया था कि अशोक अरोड़ा कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और रविवार देर शाम अशोक अरोड़ा के कांग्रेस में शामिल होते ही हमारी इस खबर पर मुहर भी लग गई है.

चौटाला परिवार के करीबी और 4 बार रहे विधायकअशोक अरोड़ा 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद करीब चार माह के अज्ञातवास के बाद मंगलवार को अपने समर्थकों के बीच आए थे, जहां रायशुमारी के बाद उन्होंने चुप्पी तोड़ी थी. हरियाणा में थानेसर से करीब तीन दशक पहले पहली बार विधायक चुने गये अरोड़ा, 1990 के बाद 1996, 2000, 2009 में विधायक रह चुके हैं. ताऊ देवीलाल और चौटाला परिवार के बेहद करीब होने के कारण उन्हें लगातार 15 वर्ष तक इनेलो का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया.

ये भी पढ़ेंः चुनाव आचार संहिता लगने के बाद बीजेपी अपने उम्मीदावरों का ऐलान करेगीः सुभाष बराला

हार की जिम्मेदारी ले, दिया था इस्तीफा
2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था, जिसे पहले तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने मंजूर नहीं किया था लेकिन बाद में पार्टी का पुर्नगठन करते हुए जहां प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी बीरबल दास ढ़ोलिया को सौंपी थी. वहीं अशोक अरोड़ा को पार्टी का वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था.

पूर्व सीएम हुड्डा से है दोस्ती
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ अरोड़ा की गहरी मित्रता भी जग जाहिर है. अरोड़ा के इनेलो छोड़ने के बाद अभय चौटाला ने अशोक अरोड़ा पर इनेलो सुप्रीमो और पार्टी से विश्वासघात का आरोप भी लगाया. अभय चौटाला ने कहा था कि अरोड़ा पिछले दो साल से हुड्डा के संपर्क में थे और डेढ साल से लगातार इनेलो को कमजोर करने का काम कर रहे थे.

ये भी पढ़ेंः पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कृष्णमूर्ति हुड्डा के बगावती सुर, भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर वादाखिलाफी का आरोप

संघ चाहता था बीजेपी में आए

अरोड़ा के इनेलो छोड़ने के बाद ये भी चर्चा थी कि अरोड़ा का लंबे समय से बीजेपी हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन व कई नेताओं से सीधा संपर्क बना हुआ था और संघ की ओर से अरोड़ा के लिए बीजेपी के दरवाजे लंबे समय से खोले हुए थे. इसलिए ये चर्चा भी जोरों पर थी कि अरोड़ा संघ के दबाव के कारण बीजेपी में जा सकते हैं. हालांकि इन सभी चर्चओं पर अब विराम लग गया है और आज अरोड़ा कांग्रेस में शामिल हो गए.

चंडीगढ़/दिल्ली: अशोक अरोड़ा ने आज शाम को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस का हाथ थामा. हरियाणा कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद, प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और सीएलपी लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में अरोड़ा कांग्रेस में शामिल हुए.

अशोक अरोड़ा के अलावा कलायत से निर्दलीय विधायक जय प्रकाश, पूर्व मंत्री सुभाष चौधरी ( हांसी) , कालका से पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी, पेहवा से पूर्व स्वर्गीय विधायक जसविंद्र संधु के बेटे गगनजोत सिंह संधू ने भी कांग्रेस ज्वाइन की.

अशोक अरोड़ा कांग्रेस में हुए शामिल


इनेलो को दिया था झटका
बता दें कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को बड़ा झटका देते हुए पूर्व मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने पांच दिन पहले इनेलो छोड़ने का ऐलान किया था. पार्टी छोड़ते हुए उन्होंने कहा था कि वह अब क्षेत्रीय दलों की राजनीति नहीं करेंगे और किसी राष्ट्रीय दल में शामिल होंगे.

ईटीवी भारत की खबर पर लगी मुहरअशोक अरोड़ा की इस घोषणा ने प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल मचा दी थी. जिसके बाद उनके बीजेपी में जाने की चर्चा शुरू हो गई थी. हालांकि ईटीवी भारत ने सबसे पहले बताया था कि अशोक अरोड़ा कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और रविवार देर शाम अशोक अरोड़ा के कांग्रेस में शामिल होते ही हमारी इस खबर पर मुहर भी लग गई है.

चौटाला परिवार के करीबी और 4 बार रहे विधायकअशोक अरोड़ा 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद करीब चार माह के अज्ञातवास के बाद मंगलवार को अपने समर्थकों के बीच आए थे, जहां रायशुमारी के बाद उन्होंने चुप्पी तोड़ी थी. हरियाणा में थानेसर से करीब तीन दशक पहले पहली बार विधायक चुने गये अरोड़ा, 1990 के बाद 1996, 2000, 2009 में विधायक रह चुके हैं. ताऊ देवीलाल और चौटाला परिवार के बेहद करीब होने के कारण उन्हें लगातार 15 वर्ष तक इनेलो का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया.

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हार की जिम्मेदारी ले, दिया था इस्तीफा
2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था, जिसे पहले तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने मंजूर नहीं किया था लेकिन बाद में पार्टी का पुर्नगठन करते हुए जहां प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी बीरबल दास ढ़ोलिया को सौंपी थी. वहीं अशोक अरोड़ा को पार्टी का वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था.

पूर्व सीएम हुड्डा से है दोस्ती
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ अरोड़ा की गहरी मित्रता भी जग जाहिर है. अरोड़ा के इनेलो छोड़ने के बाद अभय चौटाला ने अशोक अरोड़ा पर इनेलो सुप्रीमो और पार्टी से विश्वासघात का आरोप भी लगाया. अभय चौटाला ने कहा था कि अरोड़ा पिछले दो साल से हुड्डा के संपर्क में थे और डेढ साल से लगातार इनेलो को कमजोर करने का काम कर रहे थे.

ये भी पढ़ेंः पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कृष्णमूर्ति हुड्डा के बगावती सुर, भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर वादाखिलाफी का आरोप

संघ चाहता था बीजेपी में आए

अरोड़ा के इनेलो छोड़ने के बाद ये भी चर्चा थी कि अरोड़ा का लंबे समय से बीजेपी हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन व कई नेताओं से सीधा संपर्क बना हुआ था और संघ की ओर से अरोड़ा के लिए बीजेपी के दरवाजे लंबे समय से खोले हुए थे. इसलिए ये चर्चा भी जोरों पर थी कि अरोड़ा संघ के दबाव के कारण बीजेपी में जा सकते हैं. हालांकि इन सभी चर्चओं पर अब विराम लग गया है और आज अरोड़ा कांग्रेस में शामिल हो गए.

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अशोक अरोड़ा कांग्रेस में होंगे शामिल, ईटीवी भारत की खबर पर लगी मुहर



दिल्ली: पूर्व इनेलो नेता अशोक अरोड़ा आज कांग्रेस में शामिल होंगे. अशोक अरोड़ा के इनेलो छोड़ने के बाद शुरू में कयास लगाए जा रहे थे कि वो बीजेपी में जा सकते हैं. वहीं ईटीवी भारत ने अशोक अरोड़ा के कांग्रेस में जाने की खबर सबसे पहले दी थी जिस अब मुहर लग गई है.

दिल्ली: अशोक अरोड़ा आज शाम 6 बजे दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा और सीएलपी लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ थामेंगे.

इनेलो को दिया था झटका

बता दें कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को बड़ा झटका देते हुए पूर्व मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने पांच दिन पहले इनेलो छोड़ने का एलान किया था. पार्टी छोड़ते हुए उन्होंने कहा था कि वह अब क्षेत्रीय दलों की राजनीति नहीं करेंगे और किसी राष्ट्रीय दल में शामिल होंगे.

ईटीवी भारत की खबर पर लगी मुहर

अशोक अरोड़ा की इस घोषणा ने प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में उथल-पुथल मचा दी थी. जिसके बाद उनके बीजेपी में जाने की चर्चा शुरू हो गई थी. हालांकि ईटीवी भारत ने सबसे पहले बताया था कि अशोक अरोड़ा कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. हमारी इस खबर पर अब मुहर भी लग गई है.

चौटाला परिवार के करीबी और 4 बार रहे विधायक

अशोक अरोड़ा 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद करीब चार माह के अज्ञातवास के बाद मंगलवार को अपने समर्थकों के बीच आए थे, जहां रायशुमारी के बाद उन्होंने चुप्पी तोड़ी थी. हरियाणा में थानेसर से करीब तीन दशक पहले पहली बार विधायक चुने गये अरोड़ा, 1990 के बाद 1996, 2000, 2009 में विधायक रह चुके हैं. ताऊ देवीलाल और चौटाला परिवार के बेहद करीब होने के कारण उन्हें लगातार 15 वर्ष तक इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया.

हार की जिम्मेदारी ले, दिया था इस्तीफा

2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था, जिसे पहले तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने मंजूर नहीं किया था लेकिन बाद में पार्टी का पुर्नगठन करते हुए जहां प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी बीरबल दास ढ़ोलिया को सौंपी थी. वहीं अशोक अरोड़ा को पार्टी का वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था.

पूर्व सीएम हुड्डा से है दोस्ती

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ अरोड़ा की गहरी मित्रता भी जग जाहिर है. अरोड़ा के इनेलो छोड़ने के बाद अभय चौटाला ने अशोक अरोड़ा पर इनेलो सुप्रीमो और पार्टी से विश्वासघात का आरोप भी लगाया. अभय चौटाला ने कहा था कि अरोड़ा पिछले दो साल से हुड्डा के संपर्क में थे और डेढ साल से लगातार इनेलो को कमजोर करने का काम कर रहे थे. 

संघ चाहता था बीजेपी में आए

अरोड़ा के इनेलो छोड़ने के बाद ये भी चर्चा थी कि अरोड़ा का लंबे समय से बीजेपी हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन व कई नेताओं से सीधा संपर्क बना हुआ था और संघ की ओर से अरोड़ा के लिए बीजेपी के दरवाजे लंबे समय से खोले हुए थे. इसलिए ये चर्चा भी जोरों पर थी कि अरोड़ा संघ के दबाव के कारण बीजेपी में जा सकते हैं. हालांकि इन सभी चर्चओं पर अब विराम लग गया है और आज अरोड़ा कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे.

 


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Last Updated : Sep 16, 2019, 12:13 AM IST
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