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चंडीगढ़ बिजली संकट: 36 घंटे बाद शहर में बहाल हुई बिजली, कर्मचारियों और प्रशासन के बीच इस बात पर बनी सहमति

तकरीबन 36 घंटे बिना बिजली के गुजारने के बाद चंडीगढ़ शहर के लोगों ने राहत की सांस ली है. बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी हड़ताल (Protest against privatization) पर बैठे थे. बुधवार को चंडीगढ़ बिजली कर्मचारी संघ (Chandigarh Electricity Union) और प्रशासन के बीच सहमति बन गई. हड़ताल खत्म होने के बाद शहर के ज्यादातर इलाकों में बिजली बहाल हो गई है. जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है.

Electricity workers strike
चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म.
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Published : Feb 23, 2022, 9:18 PM IST

Updated : Feb 23, 2022, 9:49 PM IST

चंडीगढ़: पिछले 36 घंटे से पंजाब हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ ब्लैकआउट से जूझ रही थी. आखिरकार हाई कोर्ट और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद कर्मचारी अपनी हड़ताल वापस लेने पर सहमत हो गए. हालांकि कुछ कर्मचारी अभी भी काम पर नहीं लौटे. शाम 4 बजे तक शहर के 80 फीसदी इलाकों में बिजली बहाल कर दी गई थी. बाकी अन्य इलाकों में भी बिजली जल्द बहाल कर दी जाएगी. बिजली आने से शहरवासियों की जिंदगी एक बार फिर पटरी पर लौटती नजर आ रही है.

डीसी के साथ बैठक में बनी बात- हड़ताल पर बैठे बिजली कर्मचारियों और डीसी विनय प्रताप सिंह के साथ हुई बैठक में हड़ताल वापस लेने पर सहमति बनी. बैठक के बाद चंडीगढ़ बिजली कर्मचारी संघ (Chandigarh Electricity Union) के नेता सुभाष लांबा ने बताया कि बिजली यूनियन और प्रशासन के बीच सहमति बन गई है. कर्मचारी काम पर वापस लौट जाएंगे.

हाई कोर्ट से फैसला आने तक नहीं होगा निजीकरण- बिजली विभाग के निजीकरण का मामला हरियाणा हाई कोर्ट में चल रहा है. प्रशासन और बिजली यूनियन के बीच इस बात पर सहमति बनी की हाई कोर्ट से फैसला होने तक बिजली विभाग का निजीकरण नहीं किया जाएगा. इसकी प्रक्रिया पूरी तरह से रोक दी जाएगी. हाई कोर्ट से जो भी फैसला आएगा उसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी.

हड़तालियों पर होगी सख्त कार्रवाई- चंडीगढ़ में यूटी प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल सिंह ने बताया कि हड़ताल वापस लेने के बाद जो कर्मचारी बुधवार शाम 4 बजे तक ड्यूटी पर वापस आ गए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी. जो लोग हड़ताल का हिस्सा बने रहेंगे उनके खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा.

व्यवस्था बहाल करने के लिए बुलाई गई थी सेना- धर्मपाल ने बताया कि मंगलवार देर रात ही चंडीगढ़ में बिजली व्यवस्था को बहाल करने के लिए सेना को बुला लिया गया था. प्रशासन के आग्रह पर 1 घंटे में ही सेना के जवानों ने अपना काम शुरू कर दिया था. फिलहाल सेना के 100 से ज्यादा, पंजाब से 50, हरियाणा से 10, सरकारी कंपनी से 25 और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड से 10 कर्मचारी पहुंच चुके हैं.

सेक्टर 16-32 में बिजली कट की पुलिस कर रही जांच- चंडीगढ़ प्रशासन ने सेक्टर 16 और 32 में बिजली काटे जाने की घटना को भी गंभीरता से लिया है. इस मामले में पुलिस को जांच के आदेश दिए गए हैं. क्योंकि यहां मेडिकल कॉलेज है, जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित और आईसीयू में गंभीर मरीज दाखिल होते हैं. ऐसे में यहां की बिजली काटना अमानवीय है. पुलिस ने इस मामले में नामजद और बिना नाम के एक एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ बिजली संकट पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, प्रशासन ने कहा- रात 10 बजे तक बहाल हो जाएगी बिजली

हाई कोर्ट ने स्वत: लिया था संज्ञान- चंडीगढ़ बिजली संकट (Chandigarh power crisis) पर हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए बिजली व्यवस्था के पूरे मामले में प्रशासन के सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल से यूटी में बिगड़े हालातों के बारे में और बिजली बहाल करने को लेकर किए जा रहे प्रबंधों के बारे में जानकारी देने को कहा था. बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई और चंडीगढ़ प्रशासन ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा.

शहरवासियों को करना पड़ा परेशानियों का सामना- शहर में 36 घंटे से बिजली नहीं होने से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. शहर के लोगों का कहना है कि कंपनियां कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे रही हैं. लेकिन, बिजली ना होने की वजह से उनके कंप्यूटर और लैपटॉप नहीं चल पाए. जिससे उनका काम रुक गया. साथ ही साथ मोबाइल भी चार्ज नहीं हो पाए. इससे उनका कामकाज तो रुका ही, लोगों से संपर्क भी टूट गया. बिजली नहीं होने की वजह से उन्हें रात अंधेरे में गुजारनी पड़ी. घरों में पानी की सप्लाई भी नहीं हो सकी. हालांकि कुछ इलाकों में पानी की सप्लाई हुई, लेकिन फोर्स कम होने की वजह से पानी टंकी तक नहीं पहुंच सका.

ये भी पढ़ें: बिजली कर्मचारियों की हड़ताल: लोगों को अंधेरे में गुजारनी पड़ी रात, पानी के लिए भी होना पड़ा परेशान

निजीकरण के विरोध में हड़ताल- बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ (Protest against privatization) 22 फरवरी को शहर के सभी बिजली कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. जिससे शहर की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी. पूरे 36 घंटे शहर में बिजली नहीं होने से (Chandigarh Power Crisis) उद्योग धंधों को काफी नुकसान पहुंचा और ट्रैफिक व्यवस्था भी चरमरा गई. बिगड़ते हालात को देखते हुए मंगलवार देर रात चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने शहर में एस्मा लागू कर दिया था.

ये भी पढ़ें: खत्म हुई हड़ताल, चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों की डीसी के साथ बैठक में बनी सहमति

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चंडीगढ़: पिछले 36 घंटे से पंजाब हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ ब्लैकआउट से जूझ रही थी. आखिरकार हाई कोर्ट और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद कर्मचारी अपनी हड़ताल वापस लेने पर सहमत हो गए. हालांकि कुछ कर्मचारी अभी भी काम पर नहीं लौटे. शाम 4 बजे तक शहर के 80 फीसदी इलाकों में बिजली बहाल कर दी गई थी. बाकी अन्य इलाकों में भी बिजली जल्द बहाल कर दी जाएगी. बिजली आने से शहरवासियों की जिंदगी एक बार फिर पटरी पर लौटती नजर आ रही है.

डीसी के साथ बैठक में बनी बात- हड़ताल पर बैठे बिजली कर्मचारियों और डीसी विनय प्रताप सिंह के साथ हुई बैठक में हड़ताल वापस लेने पर सहमति बनी. बैठक के बाद चंडीगढ़ बिजली कर्मचारी संघ (Chandigarh Electricity Union) के नेता सुभाष लांबा ने बताया कि बिजली यूनियन और प्रशासन के बीच सहमति बन गई है. कर्मचारी काम पर वापस लौट जाएंगे.

हाई कोर्ट से फैसला आने तक नहीं होगा निजीकरण- बिजली विभाग के निजीकरण का मामला हरियाणा हाई कोर्ट में चल रहा है. प्रशासन और बिजली यूनियन के बीच इस बात पर सहमति बनी की हाई कोर्ट से फैसला होने तक बिजली विभाग का निजीकरण नहीं किया जाएगा. इसकी प्रक्रिया पूरी तरह से रोक दी जाएगी. हाई कोर्ट से जो भी फैसला आएगा उसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी.

हड़तालियों पर होगी सख्त कार्रवाई- चंडीगढ़ में यूटी प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल सिंह ने बताया कि हड़ताल वापस लेने के बाद जो कर्मचारी बुधवार शाम 4 बजे तक ड्यूटी पर वापस आ गए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी. जो लोग हड़ताल का हिस्सा बने रहेंगे उनके खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा.

व्यवस्था बहाल करने के लिए बुलाई गई थी सेना- धर्मपाल ने बताया कि मंगलवार देर रात ही चंडीगढ़ में बिजली व्यवस्था को बहाल करने के लिए सेना को बुला लिया गया था. प्रशासन के आग्रह पर 1 घंटे में ही सेना के जवानों ने अपना काम शुरू कर दिया था. फिलहाल सेना के 100 से ज्यादा, पंजाब से 50, हरियाणा से 10, सरकारी कंपनी से 25 और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड से 10 कर्मचारी पहुंच चुके हैं.

सेक्टर 16-32 में बिजली कट की पुलिस कर रही जांच- चंडीगढ़ प्रशासन ने सेक्टर 16 और 32 में बिजली काटे जाने की घटना को भी गंभीरता से लिया है. इस मामले में पुलिस को जांच के आदेश दिए गए हैं. क्योंकि यहां मेडिकल कॉलेज है, जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित और आईसीयू में गंभीर मरीज दाखिल होते हैं. ऐसे में यहां की बिजली काटना अमानवीय है. पुलिस ने इस मामले में नामजद और बिना नाम के एक एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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हाई कोर्ट ने स्वत: लिया था संज्ञान- चंडीगढ़ बिजली संकट (Chandigarh power crisis) पर हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए बिजली व्यवस्था के पूरे मामले में प्रशासन के सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल से यूटी में बिगड़े हालातों के बारे में और बिजली बहाल करने को लेकर किए जा रहे प्रबंधों के बारे में जानकारी देने को कहा था. बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई और चंडीगढ़ प्रशासन ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा.

शहरवासियों को करना पड़ा परेशानियों का सामना- शहर में 36 घंटे से बिजली नहीं होने से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. शहर के लोगों का कहना है कि कंपनियां कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे रही हैं. लेकिन, बिजली ना होने की वजह से उनके कंप्यूटर और लैपटॉप नहीं चल पाए. जिससे उनका काम रुक गया. साथ ही साथ मोबाइल भी चार्ज नहीं हो पाए. इससे उनका कामकाज तो रुका ही, लोगों से संपर्क भी टूट गया. बिजली नहीं होने की वजह से उन्हें रात अंधेरे में गुजारनी पड़ी. घरों में पानी की सप्लाई भी नहीं हो सकी. हालांकि कुछ इलाकों में पानी की सप्लाई हुई, लेकिन फोर्स कम होने की वजह से पानी टंकी तक नहीं पहुंच सका.

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निजीकरण के विरोध में हड़ताल- बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ (Protest against privatization) 22 फरवरी को शहर के सभी बिजली कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. जिससे शहर की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी. पूरे 36 घंटे शहर में बिजली नहीं होने से (Chandigarh Power Crisis) उद्योग धंधों को काफी नुकसान पहुंचा और ट्रैफिक व्यवस्था भी चरमरा गई. बिगड़ते हालात को देखते हुए मंगलवार देर रात चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने शहर में एस्मा लागू कर दिया था.

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Last Updated : Feb 23, 2022, 9:49 PM IST
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