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अभय चौटाला से लेकर मुख्यमंत्री तक की विधानसभा में मतदान बहिष्कार, लेकिन क्यों ? - कुत्ताबढ़ गांव पुल

5 साल बाद एक बार फिर राजनेता जनता की अदालत में हैं. और कई जगह जनता अपने नुमाइंदों से नाराज है. इतनी नाराज कि उन्हें सुनना तक नहीं चाहती. यही वजह है कि कई स्थानों पर मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान लोगों ने किया है.

election boycott in haryana
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Published : Oct 15, 2019, 5:04 PM IST

चंडीगढ़ः दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के एक प्रदेश हरियाणा में जम्हूरियत का सबसे बड़ा त्योहार होने वाला है. चुनाव आयोग से लेकर तमाम सामाजिक संगठन तक लोगों से वोट डालने की अपील कर रहे हैं. ईटीवी भारत भी लगातार लोगों को वोट डालने के लिए प्रोरित कर रहा है लेकिन प्रदेश में कई जगहें ऐसी भी हैं जहां लोग वोट डालना नहीं चाहते.

अबकी बार, मतदान बहिष्कार
सिरसा के कुत्ताबढ़ गांव में लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया है. करनाल की कॉलोनी वासियों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है. गुरुग्राम के सेक्टर 37 की हाइटेक सोसायटी ने वोट न देने की बात की है. दादरी के दातौली गांव के लोग भी वोट नहीं डालना चाहते और यमुनानगर की दर्जनभर कॉलोनियों की जनता भी चुनाव का बहिष्कार कर रही है.

अभय चौटाला से लेकर मुख्यमंत्री तक की विधानसभा में मतदान बहिष्कार, लेकिन क्यों ?

38 साल से पुल का इंतजार, करना पड़ा चुनाव बहिष्कार
ऐलनाबाद विधानसभा में आने वाले कुत्ताबढ़ गांव के लोग 38 साल से घग्घर नदी पर पुल बनने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन आज तक यहां पक्का पुल नहीं बन पाया है. 2014 में यहां से इनेलो के अभय चौटाला चुनाव जीते थे और ऐलनाबाद इनेलो का गढ़ माना जाता रहा है. लेकिन चौटाला की सरकार में भी ये पुल नहीं बना. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुनीता दुग्गल ने पुल बनवाने का वादा किया लेकिन अभी तक उस वादे का भी कुछ नहीं हुआ. कुत्ताबढ़ गांव के लोगों को घग्घर पर पक्का पुल न होने की वजह से 22 किलो मीटर ज्यादा सफर करना पड़ता है. कुत्ताबढ़ गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव में भी मतदान बहिष्कार किया था और अब विधानसभा चुनाव में भी मतदान के बहिष्कार का ऐलान किया है.

35 साल से प्यासा है ये गांव! अब किया मतदान बहिष्कार का ऐलान
दादरी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले दातौली गांव की पंचायत ने एकमत से चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में 35 साल से पेयजल की समस्या है लेकिन आज तक इसका समाधान नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने ये भी कहा कि वो हर नेता के दर पर जा चुके हैं लेकिन आश्वासन के अलावा कहीं से कुछ हाथ नहीं लगा. दातौली गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव में भी मतदान बहिष्कार का ऐलान किया था. जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री ने इनकी समस्या को हल करने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी भी समस्या जस की तस बनी हुई है इसीलिए दातौली गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. 2014 में दादरी विधानसभा से इनेलो के राजदीप फोगाट ने जीत हासिल की थी. राजदीप फोगाट अब इनेलो छोड़कर जेजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.

गुरुग्राम विधानसभा में सड़क के लिए मतदान बहिष्कार
गुरुग्राम विधानसभा में सेक्टर-37 की हाइटेक सोसायटी और क्रोना अपार्टमेंट की जनता ने मतदान बहिष्कार का ऐलान किया है. यहां के लोग सड़क की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि नई सड़क नहीं बना सकते तो इसी की मरम्मत करवा दो. 2014 में गुरुग्राम से बीजेपी के उमेश अग्रवाल ने जीत दर्ज की थी जिन्हें इस बार बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: जानिए किन मुद्दों पर अपना विधायक चुनेगी कुरुक्षेत्र की जनता

यमुना नगर विधानसभा में अवैध निर्माण की वजह से मतदान बहिष्कार
यमुना नगर विधानसभा की लगभग दर्जनभर कॉलोनियों के लोगों ने अवैध निर्माण से तंग आकर मतदान बहिष्कार का ऐलान किया है. यहां के लोगों का कहना है कि अवैध निर्माण की वजह से हम जाम की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन हमारी गुहार कोई नहीं सुन रहा है इसलिए हम मतदान का बहिष्कार करते हैं.

करनाल विधानसभा में भी सड़क के लिए मतदान बहिष्कार
करनाल विधानसभा से 2014 में मनोहर लाल विधायक चुने गए थे और वो मुख्यमंत्री भी बने लेकिन करनाल विधानसभा की आरएएस कॉलोनी, प्लान एंकलेव, पालम रेजीडेंसी, जेजेबी और विकास कॉलेनी के लोगों ने मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. यहां के लोगों का कहना है कि वो लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी सड़क नहीं बन पाई है इसलिए वो मतदान का बहिष्कार करेंगे.

चंडीगढ़ः दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के एक प्रदेश हरियाणा में जम्हूरियत का सबसे बड़ा त्योहार होने वाला है. चुनाव आयोग से लेकर तमाम सामाजिक संगठन तक लोगों से वोट डालने की अपील कर रहे हैं. ईटीवी भारत भी लगातार लोगों को वोट डालने के लिए प्रोरित कर रहा है लेकिन प्रदेश में कई जगहें ऐसी भी हैं जहां लोग वोट डालना नहीं चाहते.

अबकी बार, मतदान बहिष्कार
सिरसा के कुत्ताबढ़ गांव में लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया है. करनाल की कॉलोनी वासियों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है. गुरुग्राम के सेक्टर 37 की हाइटेक सोसायटी ने वोट न देने की बात की है. दादरी के दातौली गांव के लोग भी वोट नहीं डालना चाहते और यमुनानगर की दर्जनभर कॉलोनियों की जनता भी चुनाव का बहिष्कार कर रही है.

अभय चौटाला से लेकर मुख्यमंत्री तक की विधानसभा में मतदान बहिष्कार, लेकिन क्यों ?

38 साल से पुल का इंतजार, करना पड़ा चुनाव बहिष्कार
ऐलनाबाद विधानसभा में आने वाले कुत्ताबढ़ गांव के लोग 38 साल से घग्घर नदी पर पुल बनने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन आज तक यहां पक्का पुल नहीं बन पाया है. 2014 में यहां से इनेलो के अभय चौटाला चुनाव जीते थे और ऐलनाबाद इनेलो का गढ़ माना जाता रहा है. लेकिन चौटाला की सरकार में भी ये पुल नहीं बना. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुनीता दुग्गल ने पुल बनवाने का वादा किया लेकिन अभी तक उस वादे का भी कुछ नहीं हुआ. कुत्ताबढ़ गांव के लोगों को घग्घर पर पक्का पुल न होने की वजह से 22 किलो मीटर ज्यादा सफर करना पड़ता है. कुत्ताबढ़ गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव में भी मतदान बहिष्कार किया था और अब विधानसभा चुनाव में भी मतदान के बहिष्कार का ऐलान किया है.

35 साल से प्यासा है ये गांव! अब किया मतदान बहिष्कार का ऐलान
दादरी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले दातौली गांव की पंचायत ने एकमत से चुनाव बहिष्कार का फैसला लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में 35 साल से पेयजल की समस्या है लेकिन आज तक इसका समाधान नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने ये भी कहा कि वो हर नेता के दर पर जा चुके हैं लेकिन आश्वासन के अलावा कहीं से कुछ हाथ नहीं लगा. दातौली गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव में भी मतदान बहिष्कार का ऐलान किया था. जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री ने इनकी समस्या को हल करने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी भी समस्या जस की तस बनी हुई है इसीलिए दातौली गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. 2014 में दादरी विधानसभा से इनेलो के राजदीप फोगाट ने जीत हासिल की थी. राजदीप फोगाट अब इनेलो छोड़कर जेजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.

गुरुग्राम विधानसभा में सड़क के लिए मतदान बहिष्कार
गुरुग्राम विधानसभा में सेक्टर-37 की हाइटेक सोसायटी और क्रोना अपार्टमेंट की जनता ने मतदान बहिष्कार का ऐलान किया है. यहां के लोग सड़क की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि नई सड़क नहीं बना सकते तो इसी की मरम्मत करवा दो. 2014 में गुरुग्राम से बीजेपी के उमेश अग्रवाल ने जीत दर्ज की थी जिन्हें इस बार बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: जानिए किन मुद्दों पर अपना विधायक चुनेगी कुरुक्षेत्र की जनता

यमुना नगर विधानसभा में अवैध निर्माण की वजह से मतदान बहिष्कार
यमुना नगर विधानसभा की लगभग दर्जनभर कॉलोनियों के लोगों ने अवैध निर्माण से तंग आकर मतदान बहिष्कार का ऐलान किया है. यहां के लोगों का कहना है कि अवैध निर्माण की वजह से हम जाम की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन हमारी गुहार कोई नहीं सुन रहा है इसलिए हम मतदान का बहिष्कार करते हैं.

करनाल विधानसभा में भी सड़क के लिए मतदान बहिष्कार
करनाल विधानसभा से 2014 में मनोहर लाल विधायक चुने गए थे और वो मुख्यमंत्री भी बने लेकिन करनाल विधानसभा की आरएएस कॉलोनी, प्लान एंकलेव, पालम रेजीडेंसी, जेजेबी और विकास कॉलेनी के लोगों ने मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. यहां के लोगों का कहना है कि वो लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी सड़क नहीं बन पाई है इसलिए वो मतदान का बहिष्कार करेंगे.

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