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एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग का डेडीकेटेड सेल संदिग्ध लेनदेन की निगरानी करेगा

प्रदेश के एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग की ओर से संदिग्ध लेनदेन के लिए जीएसटी के तहत 138 नए पंजीकृत करदाताओं को जीरो कर दिया गया है

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Published : Sep 3, 2020, 11:35 AM IST

एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग का डेडीकेटेड सेल संदिग्ध लेनदेन की निगरानी करेगा
एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग का डेडीकेटेड सेल संदिग्ध लेनदेन की निगरानी करेगा

चंडीगढ़: हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग की कर अनुसंधान इकाई ने राज्य के 138 नए पंजीकृत करदाताओं को उनके संदिग्ध लेनदेन के लिए जीएसटी के तहत जीरो कर दिया है. इन करदाताओं की पहचान टैक्स रिटर्न यूनिट की डेटा विश्लेषणात्मक क्षमताओं द्वारा की गई है.

इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि इन संदिग्ध करदाताओं को विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा भौतिक सत्यापन (फिजिकल वेरिफिकेशन) के अधीन किया गया था. जिसमें बताया गया कि 138 मामलों में से 69 मामले फर्जी या गैर मौजूद हैं.

उन्होंने बताया कि इन संस्थानों के अभिलेखों के सत्यापन से पता चला है कि इन करदाताओं की 1182.23 करोड़ रुपए की क्रेडिट राशि पारित हुई है. इन मामलों को संबंधित जिला कार्यालय को आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा गया है.

उन्होंने बताया कि अनुसंधान इकाई के एक डेडीकेटेड सेल नियमित अंतराल पर इन मामलों की प्रगति की निगरानी करेगा. अब तक विभाग द्वारा 15 करदाताओं को रद्द कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इन 69 करदाताओं से 28.54 लाख रुपए की वसूली प्रभावित हुई और 31.63 करोड़ रुपए का क्रेडिट हुआ है.

ये भी पढ़ें- जालंधर की नेटवर्क कंपनी का बड़ा फर्जीवाड़ा, 16 करोड़ रुपये के गबन का आरोप

चंडीगढ़: हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग की कर अनुसंधान इकाई ने राज्य के 138 नए पंजीकृत करदाताओं को उनके संदिग्ध लेनदेन के लिए जीएसटी के तहत जीरो कर दिया है. इन करदाताओं की पहचान टैक्स रिटर्न यूनिट की डेटा विश्लेषणात्मक क्षमताओं द्वारा की गई है.

इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि इन संदिग्ध करदाताओं को विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा भौतिक सत्यापन (फिजिकल वेरिफिकेशन) के अधीन किया गया था. जिसमें बताया गया कि 138 मामलों में से 69 मामले फर्जी या गैर मौजूद हैं.

उन्होंने बताया कि इन संस्थानों के अभिलेखों के सत्यापन से पता चला है कि इन करदाताओं की 1182.23 करोड़ रुपए की क्रेडिट राशि पारित हुई है. इन मामलों को संबंधित जिला कार्यालय को आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा गया है.

उन्होंने बताया कि अनुसंधान इकाई के एक डेडीकेटेड सेल नियमित अंतराल पर इन मामलों की प्रगति की निगरानी करेगा. अब तक विभाग द्वारा 15 करदाताओं को रद्द कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इन 69 करदाताओं से 28.54 लाख रुपए की वसूली प्रभावित हुई और 31.63 करोड़ रुपए का क्रेडिट हुआ है.

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