ETV Bharat / city

दावेदारों से ज्यादा बीजेपी-कांग्रेस में टिकट की टक्कर, दोनों पार्टियां एक दूसरे का कर रही इंतजार

author img

By

Published : Sep 30, 2019, 2:30 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 2:51 PM IST

बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां टिकटों के ऐलान को लेकर इंतजार की रणनीति अपनाए हुए हैं. मैराथन मीटिंगों के बाद भी दोनों पार्टियों ने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया है.

congress and bjp ticket strategy

दिल्ली/चंडीगढ़ः हरियाणा से चंडीगढ़ पहुंचने के लिए दिल्ली में मैराथन मीटिंगों का दौर चल रहा है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां टिकट फाइनल करने की बात कह रही हैं लेकिन टिकटों का ऐलान नहीं कर रही हैं.

क्यों नहीं हो रहा टिकटों का ऐलान ?
दरअसल दोनों पार्टियां एक दूसरे का इंतजार कर रही हैं. क्योंकि दोनों पार्टियां अपनी रणनीति पहले सामने नहीं रखना चाहती हैं. बीजेपी चाहती है कि पहले कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर ले ताकि बीजेपी उनके उम्मीदवारों के हिसाब से अपनी रणनीति बदल सके. उधर कांग्रेस का भी यही प्लान है इसीलिए दोनों पार्टियों ने अभी तक टिकटों का ऐलान नहीं किया है.

दावेदारों से ज्यादा बीजेपी-कांग्रेस में टिकट की टक्कर?

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा ?
सुभाष बराला का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व को प्रत्याशियों की लिस्ट फाइनल करके दे दी है. अब केंद्रीय नेतृत्व के हाथ में है कि वो कब प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करता है. सुभाष बराला का कहना था कि उनकी राज्य इकाई ने सभी प्रत्यशियों के नामों पर चर्चा करके केंद्रीय नेतृत्व को बता दिया है.

ये भी पढ़ें- बीजेपी के 'मिशन 75 प्लस' में रोड़ा बन सकता है '75 पार' प्याज, कई सरकारें चढ़ चुकी हैं प्याज की भेंट!

क्या है बीजेपी की रणनीति ?
भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के बड़े नेताओं को हराना चाहती है. उसके लिए बीजेपी को कांग्रेस के बड़े नेताओं के सामने अच्छे उम्मीदवार चाहिए होंगे. इसलिए बीजेपी चाहती है कि पहले वो देख लें कि कौन-कहां से चुनाव लड़ रहा है क्योंकि हो सकता है भूपेंद्र सिंह हुड्डा दो जगह से चुनाव लड़ें तो उस स्थिति से निपटने के लिए भी बीजेपी के पास रणनीति तैयार है बस वो पहले कांग्रेस के पत्ते खुलने का इंतजार कर रही है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा ?
कुमारी सैलजा का कहना है कि पार्टी ने लगभग सभी उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा कर ली है. अब फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है. सोनिया गांधी के सामने प्रदेश कांग्रेस अपनी लिस्ट रखेगी और उसमें फैसला होगा कि किसे टिकट मिलेगा और कौन कहां से लड़ेगा.

क्या है कांग्रेस की रणनीति ?
कांग्रेस बीजेपी की रणनीति को समझ रही है. पार्टी को पता है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव की तरह इस चुनाव में भी कांग्रेस के बड़े नेताओं पर ज्यादा फोकस करेगी. इसलिए कांग्रेस पहले बीजेपी के पत्ते देख लेना चाहती है ताकि उनकी रणनीति की काट निकाल सके. क्योंकि बीजेपी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ में विशेष तौर पर ज्यादा ताकत लगाई है इसीलिए कांग्रेस इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है.

दिल्ली/चंडीगढ़ः हरियाणा से चंडीगढ़ पहुंचने के लिए दिल्ली में मैराथन मीटिंगों का दौर चल रहा है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां टिकट फाइनल करने की बात कह रही हैं लेकिन टिकटों का ऐलान नहीं कर रही हैं.

क्यों नहीं हो रहा टिकटों का ऐलान ?
दरअसल दोनों पार्टियां एक दूसरे का इंतजार कर रही हैं. क्योंकि दोनों पार्टियां अपनी रणनीति पहले सामने नहीं रखना चाहती हैं. बीजेपी चाहती है कि पहले कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर ले ताकि बीजेपी उनके उम्मीदवारों के हिसाब से अपनी रणनीति बदल सके. उधर कांग्रेस का भी यही प्लान है इसीलिए दोनों पार्टियों ने अभी तक टिकटों का ऐलान नहीं किया है.

दावेदारों से ज्यादा बीजेपी-कांग्रेस में टिकट की टक्कर?

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा ?
सुभाष बराला का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व को प्रत्याशियों की लिस्ट फाइनल करके दे दी है. अब केंद्रीय नेतृत्व के हाथ में है कि वो कब प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करता है. सुभाष बराला का कहना था कि उनकी राज्य इकाई ने सभी प्रत्यशियों के नामों पर चर्चा करके केंद्रीय नेतृत्व को बता दिया है.

ये भी पढ़ें- बीजेपी के 'मिशन 75 प्लस' में रोड़ा बन सकता है '75 पार' प्याज, कई सरकारें चढ़ चुकी हैं प्याज की भेंट!

क्या है बीजेपी की रणनीति ?
भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के बड़े नेताओं को हराना चाहती है. उसके लिए बीजेपी को कांग्रेस के बड़े नेताओं के सामने अच्छे उम्मीदवार चाहिए होंगे. इसलिए बीजेपी चाहती है कि पहले वो देख लें कि कौन-कहां से चुनाव लड़ रहा है क्योंकि हो सकता है भूपेंद्र सिंह हुड्डा दो जगह से चुनाव लड़ें तो उस स्थिति से निपटने के लिए भी बीजेपी के पास रणनीति तैयार है बस वो पहले कांग्रेस के पत्ते खुलने का इंतजार कर रही है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा ?
कुमारी सैलजा का कहना है कि पार्टी ने लगभग सभी उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा कर ली है. अब फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है. सोनिया गांधी के सामने प्रदेश कांग्रेस अपनी लिस्ट रखेगी और उसमें फैसला होगा कि किसे टिकट मिलेगा और कौन कहां से लड़ेगा.

क्या है कांग्रेस की रणनीति ?
कांग्रेस बीजेपी की रणनीति को समझ रही है. पार्टी को पता है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव की तरह इस चुनाव में भी कांग्रेस के बड़े नेताओं पर ज्यादा फोकस करेगी. इसलिए कांग्रेस पहले बीजेपी के पत्ते देख लेना चाहती है ताकि उनकी रणनीति की काट निकाल सके. क्योंकि बीजेपी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ में विशेष तौर पर ज्यादा ताकत लगाई है इसीलिए कांग्रेस इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है.

Intro:Body:

congress and bjp ticket strategy for assembly elections 2019


Conclusion:
Last Updated : Sep 30, 2019, 2:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.