चंडीगढ़: निजी बसों को हायर करने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई किलोमीटर स्कीम योजना के अंतर्गत 510 बसों के टेंडर प्रक्रिया के दौरान हुए घोटाले को खुद सीएम मनोहर लाल ने स्वीकार कर लिया है. सीएम ने कहा कि 510 निजी बसें हायर करने के रेट और बाद में 190 बसों के टेंडर के दौरान आए रेट में भारी अंतर है, जो इस घोटाले का मुख्य आधार बना है. इस दौरान उन्होंने कहा कि विजिलेंस रिपोर्ट के अध्ययन के बाद सरकार इस संदर्भ में हाईकोर्ट में चल रहे केस में भी जवाब देगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी करेगी.
'रद्द नहीं होगी योजना'
सीएम ने कहा कि यह योजना रद्द नहीं होगी और 190 निजी बसों हायर करने के दूसरे टेंडर के अंतर्गत ठेकेदारों से मोलभाव करके कम दर के लिए बातचीत की जा रही है. बकौल सीएम, 510 बसों के टेंडर में खामियां सामने आई हैं, लेकिन योजना गलत नहीं है. 190 बसों के दूसरे टेंडर में पहले टेंडर की तरह खामियां न हों इसका पूरा ध्यान रखा गया है.
सरकार हट जाएगी पीछे
510 निजी बसों का भविष्य अब हाईकोर्ट के फैसले पर टिका है. सीएम ने कहा कि अगर हाईकोर्ट कहता है कि ये टेंडर पूरी तरह खारिज समझा जाए, तो सरकार पीछे हट जाएगी और यदि 510 बसें खरीद चुके ठेकेदारों के पक्ष में हाईकोर्ट कोई फैसला सुनाता है, तो सरकार इन प्राइवेट बसों को खरीदकर अपने रोडवेज का बेड़ा बढ़ा लेगा.
बेड़े में आएंगी नई बसें
इसके अलावा सीएम ने कहा कि हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 867 नई बसें और आएंगी. 500 बसों का टेंडर जारी हो चुका है और 367 का टेंडर अभी जारी होना है.