चंडीगढ़: चरखी दादरी में फाटक के पास आरयूबी यानि रोड अंडर ब्रिज के निर्माण का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पहुंचा है. इस मामले को लेकर याचिका दायर कर बताया गया है कि चरखी दादरी में फाटक के पास आरयूबी के दो साल पहले मंजूर होने के बाद भी निर्माण ना हुआ है. जिस पर हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वह इस मामले में याची पक्ष की रिप्रेजेंटेशन पर विचार कर उचित निर्णय लें.
इस मामले में दादरी के एक गैर सरकारी संगठन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि चरखी दादरी रेलवे स्टेशन के पास 2018 में आरयूबी केंद्र सरकार ने मंजूर किया था. इसके निर्माण से पहले राज्य सरकार को इस क्षेत्र में अतिक्रमण हटाना था. शुरुआत में एमसी चरखी दादरी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू भी कर दी, लेकिन बाद में काम रोक दिया गया. अतिक्रमण होने के कारण आरयूबी शुरू नहीं हो पाया. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
अधिक रेल यातायात के कारण फाटक बंद रहता है जिस कारण आसपास के 20 गांवों के लोग मंडी के रास्ते आते जाते हैं, जो जाम की स्थिति पैदा करता है. इस बाबत याची संगठन ने केंद्र व राज्य सरकार को कानूनी नोटिस भी भेजा था. रेलवे की तरफ से देरी का कारण स्थानीय प्रशासन द्वारा अतिक्रमण ना हटाना बताया गया. याची ने कोर्ट को बताया कि एक पॉलिटिकल मास्टर के इशारे पर यह सब हो रहा है.
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सुनवाई के दौरान राज्य के एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक बलिया ने चीफ जस्टिस रवि शंकर झा की बेंच के सामने आश्वासन दिया कि अगर याची सरकार को रिप्रेजेंटेशन देते हैं तो सरकार इस मामले में तुरंत उचित कदम उठाएगी. सरकार के इस जवाब पर हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए याची को कहा कि वह सरकार को रिप्रेजेंटेशन दें और सरकार को आदेश दिया कि उस पर जल्द निर्णय लें.