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Haryana Rajya Sabha elections: कांग्रेस के बाद बीजेपी-जेजेपी और निदर्लीय विधायकों की एक साथ बाड़ेबंदी

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Published : Jun 7, 2022, 10:50 PM IST

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव (Haryana Rajya Sabha elections) के लिए मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. हरियाणा की सभी प्रमुख पार्टियां अपने विधायकों की सुरक्षा में लग गई हैं. कांग्रेस ने जहां अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ में रखा है वहीं बीजेपी ने भी निर्दीलय समेत अपने सभी विधायकों को बुधवार को चंडीगढ़ बुलाया है.

Haryana Rajya Sabha elections
Haryana Rajya Sabha elections

चंडीगढ़: हरियाणा में राज्यसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने अपने समीकरण साधने में जुटे हुए हैं. एक तरफ जहां निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) के मैदान में उतरने की वजह से कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को रायपुर, छत्तीसगढ़ में एक होटल में रखा है. वहीं हरियाणा बीजेपी ने भी अपनी तैयारियों को पुख्ता करना शुरू कर दिया है. हालांकि बीजेपी के उम्मीदवार की जीत निश्चित है लेकिन जेजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की जीत को भी कहीं ना कहीं पार्टी सुनिश्चित करना चाह रही है. हालांकि बीजेपी ने भी कार्तिकेय शर्मा को अपने नौ विधायकों का समर्थन दे दिया है.

हरियाणा बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को बुधवार शाम 4 बजे तक चंडीगढ़ बुलाया है. इसके साथ ही निर्दलीय सात विधायकों को भी चंडीगढ़ आने के लिए कहा गया है. इन सभी को चंडीगढ़ के एक निजी रिजॉर्ट में बुलाया गया है. जानकारी ये भी है कि जननायक जनता पार्टी के विधायकों को भी इसी रिजॉर्ट में बुलाया गया है. हालांकि पार्टी की ओर से इसको लेकर कहा जा रहा है कि इसमें विधायकों को राज्यसभा चुनाव में कैसे वोटिंग करनी है इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी. लेकिन सूत्रों के मुताबिक इन सभी विधायकों को 10 जून तक इसी रिजॉर्ट में रखे जाने की तैयारी है. जिस तरीके से बीजेपी-जेजेपी विधायकों के साथ निर्दलीय विधायकों को बुलाया गया है उससे यह सवाल तो बनता ही है, क्या बीजेपी- जेजेपी को भी क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. क्योंकि कांग्रेस पार्टी पहले ही अपने सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ के रायपुर भेज चुकी है.

कांग्रेस के 28 विधायक रायपुर में- इधर कांग्रेस पार्टी निर्दलीय राज्यसभा प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा के मैदान में उतरने के बाद से क्रॉस वोटिंग से डरी हुई है. पार्टी को डर सता रहा है कि कहीं उसके विधायक आखिरी वक्त में पाला ना बदल लें. इसीलिए पार्टी ने सभी विधायकों को रायपुर के एक रिजॉर्ट में रखा है. वहीं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी रायपुर पहुंच चुके हैं. रायपुर में पार्टी के 31 विधायकों में से 28 विधायक मौजूद हैं. जबकि पार्टी से नाराज चल रहे विधायक कुलदीप बिश्नोई के साथ-साथ किरण चौधरी और चिरंजीव राव रायपुर नहीं गए हैं.

Haryana Rajya Sabha elections
बीजेपी-जेजेपी के समर्थन से निर्दलीय उतरे कार्तिकेय शर्मा अजय माकन के लिए खतरा बन गये हैं.

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव का समीकरण- राज्यसभा की 2 सीटों के लिए हरियाणा में 10 जून को मतदान होना है. जिसमें बीजेपी के प्रत्याशी कृष्ण लाल पंवार की जीत तय है. उनको 31 वोट जीत के लिए चाहिए. जबकि विधानसभा में बीजेपी के 40 विधायक हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अजय माकन का खेल जननायक जनता पार्टी के समर्थन से निर्दलीय मैदान में उतरे कार्तिकेय शर्मा बिगड़ते हुये नजर आ रहे हैं. अजय माकन को जीत के लिए 30 विधायकों की जरूरत होगी. जबकि कांग्रेस पार्टी के सदन में 31 विधायक हैं. सामान्य तौर पर उनकी जीत आसान दिखाई देती है लेकिन कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी और क्रॉस वोटिंग का डर कांग्रेस को सता रहा है. इसी डर की वजह से कांग्रेस ने अपने विधायकों को रायपुर भेजा है.

कृष्ण लाल पंवार हर हाल में जीत दर्ज कर रहे हैं. निर्दलीय मैदान में उतरे कार्तिकेय शर्मा भी इस चुनाव में जीत दर्ज करेंगे. जहां तक विधायकों को चंडीगढ़ बुलाने की बात है तो उसके पीछे किसी भी तरह का कोई डर की बात नहीं है. इन सभी विधायकों को सिर्फ इसलिए बुलाया जा रहा है ताकि राज्यसभा के लिए किस तरीके से मतदान करना है उसकी ट्रेनिंग दी जा सके. इससे ज्यादा और कुछ नहीं है. असल डर तो कांग्रेस को सता रहा है जिसने अपने विधायकों को रायपुर में बैठाया हुआ है. प्रवीण अत्रे, प्रवक्ता, बीजेपी


कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता केवल ढींगरा कहते हैं कि उनको अपनी पार्टी के प्रत्याशी की जीत का पूरा भरोसा है. उनका कहना है कि उनकी पार्टी के पास 31 विधायक हैं और जीत के लिए सिर्फ 30 विधायकों की जरूरत होगी. जबकि पार्टी के सभी 31 विधायक एक साथ हैं. ऐसे में उनकी पार्टी के प्रत्याशी की जीत निश्चित है. वे कहते हैं कि जहां तक विधायकों को रायपुर ले जाने का सवाल है तो पार्टी को किसी भी तरह की क्रॉस वोटिंग या खरीद-फरोख्त का डर नहीं था. उनकी पार्टी विधायकों को सिर्फ इसलिए रायपुर ले गई है ताकि उन्हें जयपुर चिंतन शिविर की रणनीति के बारे में बताया जा सके. केवल ढींगरा कहते हैं कांग्रेस के डर से ही बीजेपी, जेजेपी ने अपने विधायकों के साथ-साथ निर्दलीय विधायकों की भी बाड़ेबंदी कर रही है. इसी डर से उन्होंने अपने विधायकों को हरियाणा में रखने के बजाय पंजाब में एक निजी रिजॉर्ट में रखने का फैसला किया है.

राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि 2016 में जिस तरह से राज्यसभा चुनाव के दौरान स्याही की वजह से 14 वोट कांग्रेस के रद्द हो गए थे। वही डर इस वक्त कहीं ना कहीं सभी दलों को जरूर सता रहा होगा. क्योंकि उस वक्त भी तीसरे उम्मीदवार के मैदान में आने से सारे समीकरण बदल गए थे. इस बार भी तीसरे उम्मीदवार के मैदान में होने से सभी को अपने समीकरणों को साधने के लिए दम लगाना पड़ रहा है. वे कहते हैं कि सभी दल इस बात को पुख्ता करना चाह रहे हैं कि उनका कोई भी विधायक पार्टी से अलग लाइन पर न जाए. ऐसे में सभी की कोशिश होगी कि वह अपनी पार्टी के विधायकों को किसी भी तरह पार्टी लाइन पर बनाए रखें.

ये भी पढ़ें- मुश्किल में माकन, कार्तिकेय को जितायेगी कांग्रेस की कलह? जानिए आंकड़ों के खेल में कौन किस पर भारी

चंडीगढ़: हरियाणा में राज्यसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने अपने समीकरण साधने में जुटे हुए हैं. एक तरफ जहां निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) के मैदान में उतरने की वजह से कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को रायपुर, छत्तीसगढ़ में एक होटल में रखा है. वहीं हरियाणा बीजेपी ने भी अपनी तैयारियों को पुख्ता करना शुरू कर दिया है. हालांकि बीजेपी के उम्मीदवार की जीत निश्चित है लेकिन जेजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा की जीत को भी कहीं ना कहीं पार्टी सुनिश्चित करना चाह रही है. हालांकि बीजेपी ने भी कार्तिकेय शर्मा को अपने नौ विधायकों का समर्थन दे दिया है.

हरियाणा बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को बुधवार शाम 4 बजे तक चंडीगढ़ बुलाया है. इसके साथ ही निर्दलीय सात विधायकों को भी चंडीगढ़ आने के लिए कहा गया है. इन सभी को चंडीगढ़ के एक निजी रिजॉर्ट में बुलाया गया है. जानकारी ये भी है कि जननायक जनता पार्टी के विधायकों को भी इसी रिजॉर्ट में बुलाया गया है. हालांकि पार्टी की ओर से इसको लेकर कहा जा रहा है कि इसमें विधायकों को राज्यसभा चुनाव में कैसे वोटिंग करनी है इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी. लेकिन सूत्रों के मुताबिक इन सभी विधायकों को 10 जून तक इसी रिजॉर्ट में रखे जाने की तैयारी है. जिस तरीके से बीजेपी-जेजेपी विधायकों के साथ निर्दलीय विधायकों को बुलाया गया है उससे यह सवाल तो बनता ही है, क्या बीजेपी- जेजेपी को भी क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. क्योंकि कांग्रेस पार्टी पहले ही अपने सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ के रायपुर भेज चुकी है.

कांग्रेस के 28 विधायक रायपुर में- इधर कांग्रेस पार्टी निर्दलीय राज्यसभा प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा के मैदान में उतरने के बाद से क्रॉस वोटिंग से डरी हुई है. पार्टी को डर सता रहा है कि कहीं उसके विधायक आखिरी वक्त में पाला ना बदल लें. इसीलिए पार्टी ने सभी विधायकों को रायपुर के एक रिजॉर्ट में रखा है. वहीं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी रायपुर पहुंच चुके हैं. रायपुर में पार्टी के 31 विधायकों में से 28 विधायक मौजूद हैं. जबकि पार्टी से नाराज चल रहे विधायक कुलदीप बिश्नोई के साथ-साथ किरण चौधरी और चिरंजीव राव रायपुर नहीं गए हैं.

Haryana Rajya Sabha elections
बीजेपी-जेजेपी के समर्थन से निर्दलीय उतरे कार्तिकेय शर्मा अजय माकन के लिए खतरा बन गये हैं.

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव का समीकरण- राज्यसभा की 2 सीटों के लिए हरियाणा में 10 जून को मतदान होना है. जिसमें बीजेपी के प्रत्याशी कृष्ण लाल पंवार की जीत तय है. उनको 31 वोट जीत के लिए चाहिए. जबकि विधानसभा में बीजेपी के 40 विधायक हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अजय माकन का खेल जननायक जनता पार्टी के समर्थन से निर्दलीय मैदान में उतरे कार्तिकेय शर्मा बिगड़ते हुये नजर आ रहे हैं. अजय माकन को जीत के लिए 30 विधायकों की जरूरत होगी. जबकि कांग्रेस पार्टी के सदन में 31 विधायक हैं. सामान्य तौर पर उनकी जीत आसान दिखाई देती है लेकिन कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी और क्रॉस वोटिंग का डर कांग्रेस को सता रहा है. इसी डर की वजह से कांग्रेस ने अपने विधायकों को रायपुर भेजा है.

कृष्ण लाल पंवार हर हाल में जीत दर्ज कर रहे हैं. निर्दलीय मैदान में उतरे कार्तिकेय शर्मा भी इस चुनाव में जीत दर्ज करेंगे. जहां तक विधायकों को चंडीगढ़ बुलाने की बात है तो उसके पीछे किसी भी तरह का कोई डर की बात नहीं है. इन सभी विधायकों को सिर्फ इसलिए बुलाया जा रहा है ताकि राज्यसभा के लिए किस तरीके से मतदान करना है उसकी ट्रेनिंग दी जा सके. इससे ज्यादा और कुछ नहीं है. असल डर तो कांग्रेस को सता रहा है जिसने अपने विधायकों को रायपुर में बैठाया हुआ है. प्रवीण अत्रे, प्रवक्ता, बीजेपी


कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता केवल ढींगरा कहते हैं कि उनको अपनी पार्टी के प्रत्याशी की जीत का पूरा भरोसा है. उनका कहना है कि उनकी पार्टी के पास 31 विधायक हैं और जीत के लिए सिर्फ 30 विधायकों की जरूरत होगी. जबकि पार्टी के सभी 31 विधायक एक साथ हैं. ऐसे में उनकी पार्टी के प्रत्याशी की जीत निश्चित है. वे कहते हैं कि जहां तक विधायकों को रायपुर ले जाने का सवाल है तो पार्टी को किसी भी तरह की क्रॉस वोटिंग या खरीद-फरोख्त का डर नहीं था. उनकी पार्टी विधायकों को सिर्फ इसलिए रायपुर ले गई है ताकि उन्हें जयपुर चिंतन शिविर की रणनीति के बारे में बताया जा सके. केवल ढींगरा कहते हैं कांग्रेस के डर से ही बीजेपी, जेजेपी ने अपने विधायकों के साथ-साथ निर्दलीय विधायकों की भी बाड़ेबंदी कर रही है. इसी डर से उन्होंने अपने विधायकों को हरियाणा में रखने के बजाय पंजाब में एक निजी रिजॉर्ट में रखने का फैसला किया है.

राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि 2016 में जिस तरह से राज्यसभा चुनाव के दौरान स्याही की वजह से 14 वोट कांग्रेस के रद्द हो गए थे। वही डर इस वक्त कहीं ना कहीं सभी दलों को जरूर सता रहा होगा. क्योंकि उस वक्त भी तीसरे उम्मीदवार के मैदान में आने से सारे समीकरण बदल गए थे. इस बार भी तीसरे उम्मीदवार के मैदान में होने से सभी को अपने समीकरणों को साधने के लिए दम लगाना पड़ रहा है. वे कहते हैं कि सभी दल इस बात को पुख्ता करना चाह रहे हैं कि उनका कोई भी विधायक पार्टी से अलग लाइन पर न जाए. ऐसे में सभी की कोशिश होगी कि वह अपनी पार्टी के विधायकों को किसी भी तरह पार्टी लाइन पर बनाए रखें.

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