चंडीगढ़: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति शान्तिपूर्ण और नियंत्रण में है. कानून और व्यवस्था के सभी मुद्दों को हरियाणा पुलिस द्वारा प्रभावी ढंग से और कानून अनुसार निपटाया गया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि विधायकों को जबरन वसूली के कॉल/धमकी मिलने की सूचना के बाद विधायकों की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मी प्रदान किए गए (Threats to MLAs in Haryana) हैं. विधायकों के सुरक्षाकर्मियों को एके 47 जैसे उन्नत हथियार भी प्रदान किए गए है.
गृह मंत्री अनिल विज ने इस बात की जानकारी सोमवार को हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान (Monsoon session of Haryana Legislative Assembly) दी. गृह मंत्री ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का उत्तर देते हुए बताया कि हरियाणा में कुछ विधायकों को जबरन वसूली के कॉल/धमकी मिलने की सूचना मिली थी. इसकी सूचना मिलते ही संबंधित थाना क्षेत्र में एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई और सदस्यों की सुरक्षा को बढ़ाया गया.
मंत्री विज ने बताया कि मामलों की जांच एसटीफ को सौंपी गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन मामलों को सर्वाेच्च प्राथमिकता मिले और अन्य राज्यों की जांच/खुफिया एजेंसियों और केन्द्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित किया जा सके. यह भी पता चला कि न केवल हरियाणा के विधायकों को बल्कि अन्य राज्य के विधायकों को भी इसी तरह की धमकी मिली थी. उन्हें उम्मीद थी कि सदन के सदस्य बहुत ही गंभीरता से इस मामले को उठाएंगे.
सरकार ने गंभीरता से करवाई मामले की जांच अनिल विज ने हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र (Haryana Assembly Monsoon Session) के दौरान कहा कि हमने भी इस मामले को गंभीरता से ही लिया क्योंकि धमकी भरे कॉल दुबई के नंबर से आ रहे थे. जब हमने रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि एक अफगानी नागरिक सिम लेकर गया है. वहां से उसके बाद हमने आईपी एड्रेस को चेस करना शुरू किया जिससे पता चला कि यह कॉल फैसलाबाद से आ रही थी. आईपी एड्रेस को चेस करने के बाद पता चला कि इसके बिहार के कुछ लोगों के तार जुड़े हुए हैं. जबकि कुछ लोगों के तार महाराष्ट्र से जुड़े हुए हैं. इन लोगों से 55 एटीएम कार्ड, 98 सिम कार्ड, 24 मोबाइल फोन, 22 बैंक पासबुक बरामद की गई.
हरियाणा पुलिस ने तोड़ा इंटरनेशनल गैंग- गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने बताया कि जब इस पर काम शुरू किया गया तो पता चला कि पंजाब के तीन विधायक और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 2 विधायकों को भी इस प्रकार की धमकी भरी कॉल आई थी. जांच करने पर पता चला कि 864 लोगों के खाते चेक किए गए और 55 बैंक के खातों से 2 करोड़ 77 लाख 3 हजार 756 की राशि को निकाला गया. हमारी पुलिस ने इंटरनेशनल गैंग को तोड़ने का काम किया.
देशभर में बंद करवा देंगे साइबर ठगी के धंधे- विज ने कहा कि किस-किस एटीएम से पैसे निकाले गए और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी बाकी है और सिम कार्ड का डाटा भी खंगाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पुलिस के जवानों ने अच्छा काम किया है. उन्होंने कहा कि हम एक-एक आदमी की छानबीन कर रहे हैं. हम सारे देश में साइबर ठगी के धंधे बंद करवा देंगे. उन्होंने कहा कि इस मामले में डाटा को एकत्रित किया जा रहा है.
कैसे मिलती थी विधायकों को धमकी- इस गिरोह के मोड्स ऑपरेंडी के बारे में बात करते हुए गृहमंत्री अनिल विज ने बताया कि यह लोग पहले खाता खोल दिया करते थे और 50 आदमी को धमकी देते थे. उनमें से जो भी आदमी इनके झांसे में आ जाता था वह खाते में पैसे जमा करा दिया करता था. अपनी बारी के हिसाब से इस गिरोह के लोग पैसों को निकाल लिया करते थे. हमने फर्जी कॉल करके इस गैंग को पकड़ लिया. उन्होंने कहा कि पार्टी बाजी को भूल कर हमें आज अपने लोगों को शाबाशी देने के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए. इसी कड़ी में हमने 30 ईनामों को रखा है जिसके तहत 10 मुख्यमंत्री, 10 गृहमंत्री और 10 डीजीपी मेडल दिए जाएंगे और ऐसे पुलिसकर्मियों को 21000 की राशि और 6 महीने का सेवा भी विस्तार दिया जाएगा.
विज ने राज्य में हुए अपराधों का पेश किया आंकड़ा- गह मंत्री अनिल विज ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान राज्य में हत्या, लूट, छिनैती, जैसी वारदातों के (Crime Statistics in Haryana) आंकड़े भी पेश किए. विज ने मर्डर (आईपीसी 302) के मुकदमों का ब्यौरा देते हुए कहा कि साल 2005 में 791 साल 2014 में 1104 थे जो 313 (39.57 प्रतिशत) बढे़ लेकिन 2014 में 1104 और 2021 में एक हजार एक सौ ग्यारह थे, जो 7 ( 0.63 प्रतिशत) थे. उन्होंने कहा कि गैर इरादतन हत्या (आईपीसी 304) के केस साल 2005 में 51 और 2014 में 65 थे जो 14 (27.45 प्रतिशत) बढ़े लेकिन 2014 में 65 केस और 2021 में 43 केस थे, जिसमें 22 ( 33.85 प्रतिशत) की कमी आई है.
रेप की वारदातों में आई कमी- अनिल विज ने कहा कि रेप केस आईपीसी 376 के तहत साल 2005 में 480 केस व साल 2014 में 1088 केस दर्ज हुए थे जो 608 केस अंतर 126.67 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी लेकिन साल 2014 में 1088 केस व 2021 में सत्रह सौ छिहत्तर केस दर्ज हुए जो 688 केस अंतर 63.24 प्रतिशत दर्ज किए गए है. विज ने कहा कि डैकती केस आईपीसी 395,396,397 के तहत 2005 में 88 केस व 2014 में एक सौ बहत्तर केस दर्ज किए गए थे जो चौरासी केस अंतर 95.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, लेकिन 2014 में एक सौ बहत्तर केस और 2021 में 156 केस दर्ज किए गए जिसमें 16 केस अंतर 9.30 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है.