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बिना सीआईडी के गृह मंत्रालय बिना आंख कान वाले व्यक्ति की तरह: अनिल विज - गृह विभाग से सीआईडी के अधीन

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि अगर सीआईडी गृह विभाग से बाहर की जाती है तो ये विभाग बगैर आंख, कान वाले एक व्यक्ति की तरह हो जाएगा.

anil vij
अनिल विज, कैबिनेट मंत्री
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Published : Jan 15, 2020, 7:18 PM IST

चंडीगढ़: गृह विभाग से सीआईडी को अलग करने की तैयारी को लेकर गृह मंत्री अनिल विज साफ तौर पर ना खुश दिखाई दे रहे हैं. इस मामले में उन्होंने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर सीआईडी गृह विभाग से बाहर की जाती है तो ये विभाग बगैर आंख, कान वाले एक व्यक्ति के तौर पर हो जाएगा.

मुख्यमंत्री को अधिकार- विज

हालांकि विज ने अपनी प्रतिक्रिया को संतुलित रखते हुए कहा कि संसदीय प्रणाली में मुख्यमंत्री को अधिकार है कि वो किसी भी विभाग को अपने नजरिया से चला सकते हैं. मुख्यमंत्री सीआईडी को गृह विभाग से अलग करके स्वतंत्र विभाग बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि सीआईडी के कामकाज में सुधार के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी की अधिसूचना जारी कर दी है. कमेटी अपना काम करने में लग गई है.

अनिल विज ने सीआईडी पर दिया बयान, देखें वीडियो

विज ने इससे पहले मंगलवार को एक बयान में कहा था कि सीआईडी को लेकर चल रही भागम-भाग के पीछे कोई अलग ही इरादा लगता है. सीआईडी मुख्यमंत्री के अधीन है या गृह मंत्री के अधीन है इस मुद्दे पर एक बहस सियासी और प्रशासनिक हलकों में इस समय चल रही है. इसी दौरान हरियाणा सरकार और विधानसभा की वेबसाइट पर सीआईडी को मुख्यमंत्री के अधीन दिखाया गया और बाद में इस सूचना को हटा भी लिया गया.

सीआईडी पुलिस की गुप्तचर शाखा- विज

विज ने कहा कि सीआईडी कोई अलग विभाग नहीं बल्कि पुलिस संगठन की ही गुप्तचर शाखा है. मुख्यमंत्री चाहे तो नियम बदलकर सीआईडी को अपने अधीन कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इस बयान के बाद संकेत मिलने शुरू हुए हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय में नियम बदलकर सीआईडी को मुख्यमंत्री के अधीन लाने की कवायद चल रही है. योजना ये है कि पहले कैबिनेट में सीआईडी को अलग विभाग बनाने के लिए प्रस्ताव मंजूर कराया जाएगा और बाद में विधानसभा में विधायक पारित करवा लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- नहीं लिया Fastag, तो आज रात से होगा डबल जुर्माना

चंडीगढ़: गृह विभाग से सीआईडी को अलग करने की तैयारी को लेकर गृह मंत्री अनिल विज साफ तौर पर ना खुश दिखाई दे रहे हैं. इस मामले में उन्होंने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर सीआईडी गृह विभाग से बाहर की जाती है तो ये विभाग बगैर आंख, कान वाले एक व्यक्ति के तौर पर हो जाएगा.

मुख्यमंत्री को अधिकार- विज

हालांकि विज ने अपनी प्रतिक्रिया को संतुलित रखते हुए कहा कि संसदीय प्रणाली में मुख्यमंत्री को अधिकार है कि वो किसी भी विभाग को अपने नजरिया से चला सकते हैं. मुख्यमंत्री सीआईडी को गृह विभाग से अलग करके स्वतंत्र विभाग बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि सीआईडी के कामकाज में सुधार के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी की अधिसूचना जारी कर दी है. कमेटी अपना काम करने में लग गई है.

अनिल विज ने सीआईडी पर दिया बयान, देखें वीडियो

विज ने इससे पहले मंगलवार को एक बयान में कहा था कि सीआईडी को लेकर चल रही भागम-भाग के पीछे कोई अलग ही इरादा लगता है. सीआईडी मुख्यमंत्री के अधीन है या गृह मंत्री के अधीन है इस मुद्दे पर एक बहस सियासी और प्रशासनिक हलकों में इस समय चल रही है. इसी दौरान हरियाणा सरकार और विधानसभा की वेबसाइट पर सीआईडी को मुख्यमंत्री के अधीन दिखाया गया और बाद में इस सूचना को हटा भी लिया गया.

सीआईडी पुलिस की गुप्तचर शाखा- विज

विज ने कहा कि सीआईडी कोई अलग विभाग नहीं बल्कि पुलिस संगठन की ही गुप्तचर शाखा है. मुख्यमंत्री चाहे तो नियम बदलकर सीआईडी को अपने अधीन कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इस बयान के बाद संकेत मिलने शुरू हुए हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय में नियम बदलकर सीआईडी को मुख्यमंत्री के अधीन लाने की कवायद चल रही है. योजना ये है कि पहले कैबिनेट में सीआईडी को अलग विभाग बनाने के लिए प्रस्ताव मंजूर कराया जाएगा और बाद में विधानसभा में विधायक पारित करवा लिया जाएगा.

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Intro:चंडीगढ, हरियाणा सरकार के अंदर खाते चल रही गृह विभाग से सीआईडी को अलग करने की तैयारी को लेकर गृह मंत्री अनिल विज साफ तौर पर ना खुश दिखाई दे रहे हैं । इस मामले में उन्होंने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर सीआईडी गृह विभाग से बाहर की जाती है तो यह विभाग बगैर आंख, कान वाले एक व्यक्ति के तौर पर हो जाएगा ।


Body:हालांकि विज ने अपनी प्रतिक्रिया को संतुलित रखते हुए कहा कि संसदीय प्रणाली में मुख्यमंत्री को अधिकार है कि वह किसी भी विभाग को अपने नजरिया से चला सकते हैं मुख्यमंत्री सीआईडी को गृह विभाग से अलग करके स्वतंत्र विभाग बना सकते हैं । उन्होंने कहा कि सीआईडी के कामकाज में सुधार के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी की अधिसूचना जारी कर दी है कमेटी अपना काम करने में लग गई है ।

विज ने इससे पहले मंगलवार को एक बयान में कहा था कि सीआईडी को लेकर चल रही भागम भाग के पीछे कोई अलग ही इरादा लगता है , सीआईडी मुख्यमंत्री के अधीन है या गृह मंत्री के अधीन है इस मुद्दे पर एक बहस सियासी और प्रशासनिक हलकों में इस समय चल रही है । इसी दौरान हरियाणा सरकार और विधानसभा की वेबसाइट पर सीआईडी को मुख्यमंत्री के अधीन दिखाया गया और बाद में इस सूचना को हटा भी लिया गया विज ने कहा कि सीआईडी कोई अलग विभाग नहीं बल्कि पुलिस संगठन की ही गुप्तचर शाखा है मुख्यमंत्री चाहे तो नियम बदलकर सीआईडी को अपने अधीन कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि इस बयान के बाद संकेत मिलने शुरू हुए हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय में नियम बदलकर सीआईडी को मुख्यमंत्री के अधीन लाने की कवायद चल रही है योजना यह है कि पहले कैबिनेट में सीआईडी को अलग विभाग बनाने के लिए प्रस्ताव मंजूर कराया जाएगा और बाद में विधानसभा में विधायक पारित करवा लिया जाएगा ।


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