भिवानी: प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद भी शहरवासियों को बरसाती जलभराव से निजात नहीं मिल रही है. शहर की अनेक ऐसी कॉलोनियां हैं, जहां पर बरसाती जलभराव का दंश हर साल शहरवासी झेलते हैं. इसी गंभीर मुद्दे को लेकर अब स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में संगठन की तरफ से जनहित याचिका डालेंगे.
बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि उनका संगठन शहर में बरसाती जलभराव को लेकर जनहित याचिका डालेगा. इसके लिए शहरवासी अपने आसपास हुए जलभराव की वीडियो बनाकर व्हाट्सएप नंबर 9728270038 पर भेजे. वीडियो बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि जहां पर बरसाती जलभराव हुआ है, उस जगह का जिक्र उस वीडियो में जरूर किया जाए.
उन्होंने बताया कि हर साल बाढ़ नियंत्रण प्रबंधों के साथ-साथ शहर से बरसाती जलभराव को निजात दिलाने के लिए संबंधित विभागों द्वारा भी बजट खर्च किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद जलभराव की समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि पब्लिक हेल्थ विभाग भी लोगों की सेहत बिगाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है, क्योंकि अधिकांश इलाके में बरसाती जलभराव ठप सीवर की वजह होता है.
उन्होंने बताया कि हैरानी की बात तो ये भी है कि हर साल बरसात सिर पर आने के बाद ही संबंधित विभाग शहर के बरसाती नालों और सीवरेज की सफाई का ठेका देते हैं, इस संबंध में भी आरटीआई के जरिए तथ्य जुटाए जा रहे हैं. जबकि सीवरेज व बरसाती नालों की सफाई कार्य बारिश से करीब एक महीनें पहले तक पूरा होना जरूरी है.
लघु सचिवालय के पास जलभराव
पूरे शहर को बरसाती जलभराव से बचाने का जिम्मा जिन प्रशासनिक अधिकारियों पर हैं और वे जहां पर बैठकर कामकाज करते हैं वो पूरा इलाका भी बारिश के पानी में डूबा हुआ है. लघु सचिवालय के न्यायिक परिसर गेट नंबर एक पर बरसाती जलभराव की वजह से रास्ता बंद हैं. जबकि तहसील कार्यालय व एसडीएम कार्यालय की तरफ लघु सचिवालय की चारदीवारी के अंदर और बाहर भी बारिश का पानी सड़क पर परिसर में जमा है. यहां पर बरसाती पानी निकासी के प्रबंध कई बार किए गए, मगर जलभराव से कोई निजात नहीं मिली. ऐसा ही हाल पूरे शहर का हैं, जहां पर बजट तो खर्च हुआ हैं, मगर हालातों में तनिक भी सुधार नहीं हुआ.
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