भिवानी: हरियाणा प्रदेश में कम छात्र संख्या वाले 1000 स्कूलों को बंद किए जाने के निर्णय के बाद अब विभिन्न सामाजिक संगठन सरकार के विरोध में खड़े होने शुरू हो गए हैं. इसी के तहत भिवानी में अंबेडकर सभा द्वारा शिक्षा में निजीकरण को लेकर रोष रैली निकाली गई तथा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या 25 से कम है उनको बंद करने का निर्णय लिया है और जिले में ऐसे लगभग 1000 के करीब स्कूल हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार ने मॉडल स्कूल के नाम से प्रदेश के सरकारी स्कूलों को सीबीएसई में कन्वर्ट किया है.
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हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से सीबीएसई बोर्ड में जाने के बाद अब इन स्कूलों का संचालन निजी हाथों में होगा. इसी बात से डर कर भिवानी के सामाजिक संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं कि निजी हाथों में जाने के बाद जो शिक्षा उन्हें सरकारी स्कूल के माध्यम से निशुल्क मिल रही थी अब उसके लिए पैसा देना पड़ेगा.
भिवानी के अंबेडकर सभा ने आज इस बात के विरोध में भिवानी के प्रमुख चौराहों से होते हुए रोष प्रदर्शन किया. राज्य सरकार से मांग की कि शिक्षा में निजीकरण ना करें तथा हरियाणा प्रदेश के किसी भी स्कूल को बंद ना करें. इसके साथ ही सीबीएसई को स्कूल देने पर भी संगठन ने एतराज जताया.
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अंबेडकर सभा भिवानी के सदस्य सुनील गोलपुरिया ने कहा कि सरकार निजी करण की आड में एक हजार स्कूलों को बंद करके हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से जुड़े स्कूलों को सीबीएसई से जोड़कर प्राइवेट हाथों में देकर शिक्षा को महंगा करने का कार्य कर रही है.
प्राइवेट हाथों में जाने के बाद अब तक एससी-एसटी समाज के जो बच्चे निशुल्क शिक्षा सरकारी स्कूल में प्राप्त करते थे उन्हें भारी भरकम फीस देनी होगी. इसी बात को लेकर के उनका संकेतिक प्रदर्शन है. सरकार यदि फैसले को वापस नहीं लेती है तो भविष्य में उनका प्रदर्शन और भी तेज होगा.