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भिवानी में नौकारी से निकाले गए पीटीआई अध्यापकों का प्रदर्शन - bhiwani pti protest

बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने कहा कि जब तक हमारी नौकरी बहाल नहीं होगी, हम तब तक सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते रहेंगे.

removed pti teachers protest in bhiwani
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Published : Aug 9, 2020, 4:28 PM IST

भिवानी: अपनी बहाली के लिए बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने शहर में मुख्य मार्गों पर प्रदर्शन करते हुए बीजेपी-जेजेपी सरकार विरोधी नारे लगाए.

बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने कहा कि जब तक हमारी नौकरी बहाल नहीं होगी, हम जब तक सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते रहेंगे. हरियाणा सरकार अपनी हठधर्मिता को छोड़कर विधानसभा में विधेयक लाकर सभी 1983 पीटीआई की सेवा बहाल करें नहीं तो 1983 शारीरिक शिक्षक हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति और तालमेल कमेटी के साथ मिलकर एक बहुत बड़ा आंदोलन सरकार के खिलाफ करेंगे.

राजेश ढाडा, बलवान डीपीई वीरेंद्र घनघस, राजपाल तंवर, जरनैल सिंह, विनोद पिंकू, विनोद बॉक्सर, रामपाल सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि स्कूलों में बच्चों को खेल के हुनर सिखाकर हरियाणा के बच्चों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेजकर शारीरिक शिक्षक अपनी और परिवार की रोजी-रोटी बचाने के लिए सड़कों पर उतरे हुए हैं. बीजेपी-जेजेपी सरकार के विधायक, मंत्री और सांसदों से सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिल रहा. पिछले साल खेलो इंडिया में हरियाणा को ऑल ओवर ट्रॉफी जितवाने का श्रेय भी शारीरिक शिक्षकों को जाता है.

बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने कहा कि हरियाणा का नाम खेलों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले पीटीआई अध्यापक आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहे हैं. हद तो जब हो गई जब दिवंगत पीटीआई की विधवा पत्नियों को सरकार की तरफ से मिलने वाली पेंशन को बंद कर दिया.

ये भी पढ़ें- शराब घोटाले में निष्पक्ष जांच के लिए उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री दें इस्तीफा- दीपेंद्र हुड्डा

भिवानी: अपनी बहाली के लिए बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने शहर में मुख्य मार्गों पर प्रदर्शन करते हुए बीजेपी-जेजेपी सरकार विरोधी नारे लगाए.

बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने कहा कि जब तक हमारी नौकरी बहाल नहीं होगी, हम जब तक सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते रहेंगे. हरियाणा सरकार अपनी हठधर्मिता को छोड़कर विधानसभा में विधेयक लाकर सभी 1983 पीटीआई की सेवा बहाल करें नहीं तो 1983 शारीरिक शिक्षक हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति और तालमेल कमेटी के साथ मिलकर एक बहुत बड़ा आंदोलन सरकार के खिलाफ करेंगे.

राजेश ढाडा, बलवान डीपीई वीरेंद्र घनघस, राजपाल तंवर, जरनैल सिंह, विनोद पिंकू, विनोद बॉक्सर, रामपाल सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि स्कूलों में बच्चों को खेल के हुनर सिखाकर हरियाणा के बच्चों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेजकर शारीरिक शिक्षक अपनी और परिवार की रोजी-रोटी बचाने के लिए सड़कों पर उतरे हुए हैं. बीजेपी-जेजेपी सरकार के विधायक, मंत्री और सांसदों से सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिल रहा. पिछले साल खेलो इंडिया में हरियाणा को ऑल ओवर ट्रॉफी जितवाने का श्रेय भी शारीरिक शिक्षकों को जाता है.

बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने कहा कि हरियाणा का नाम खेलों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले पीटीआई अध्यापक आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो रहे हैं. हद तो जब हो गई जब दिवंगत पीटीआई की विधवा पत्नियों को सरकार की तरफ से मिलने वाली पेंशन को बंद कर दिया.

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