भिवानी: राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा के खिलाड़ी अपने खेल के माध्यम से देश व प्रदेश का नाम रोशन करते रहे हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के प्रभाव से खिलाड़ी भी अछूते नहीं रहे हैं. इस बीमारी का प्रभाव इन खिलाड़ियों के प्रशिक्षण व प्रतियोगिताओं पर पड़ा है, जिससे खिलाड़ियों के बीच भविष्य में होने वाली खेल प्रतियोगिताओं को लेकर असमंजस का माहौल है. ऐसे में खिलाड़ी ध्यान केंद्रित कर अपनी प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं.
खिलाड़ियों को सता रहा भविष्य का डर
वहीं ओलंपिक समेत कई बड़े टूर्नामेंट रद्द होने के कारण इन प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहे खिलाड़ियों को भविष्य का डर सता रहा है. धीरे-धीरे कई जगह प्रैक्टिस तो शुरू हो गई है, लेकिन अब पहले जैसा जोश नजर नहीं आ रहा. इस बीच किसी भी खेल के आयोजन का कोई शेड्यूल जारी ना होने के कारण खिलाड़ी बेहद परेशान भी हैं. ईटीवी भारत ने ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों से बात की और उनकी परेशानी जानी.
शूटिंग प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर रहे एक युवा शूटर अजय ने बताया कि पहले जो लय थी वो अब टूट चुकी है, पहले जो फोकस था वो अब कम हो गया है. अब स्टेडियम खुलने के बाद प्रैक्टिस करने तो आ रहे हैं, लेकिन पहले जैसी बात नहीं है. आगे खेल का कोई शेड्यूल ना आने से अपने भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं कि कब किसी टूर्नामेंट का आयोजन होगा, कि हम तैयारी कैसे करेंगे. खिलाड़ियों ने सरकार से अपील की है कि आगे से इस तरह की बीमारी को लेकर सरकार पहले से तैयार रहे और कोई पॉलिसी बनाई जाई.
खेलों के शेड्यूल ना आने से खिलाड़ी परेशान
वहीं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी मोहित ने बताया कि पिछले चार माह के दौरान वे खेल के मैदान से कोविड-19 महामारी के चलते दूर थे. जिसके कारण उनकी खेल में निरंतरता व रूटीन का अभ्यास छूट गया. इसके साथ ही भविष्य में होने वाली प्रतियोगिताओं को लेकर जो अनिश्चितता है, उसको लेकर अपने खेल को जारी रखने को लेकर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें अब तक भी ये स्पष्ट नहीं है कि स्टेट व नेशनल गेम्स कब होंगे. इसीलिए उनकी मांग है कि सरकार एक रूट मैप बनाकर भविष्य में होने वाली प्रतियोगिताओं की तिथि निर्धारित करें.
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वहीं जब इस बारे में कोच प्रदीप बेनीवाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि घर पर रहकर खिलाड़ी सीख नहीं पाएंगे उसके लिए मैदान में आना जरूरी है. खेलों का कोई शेड्यूल ना आने के कारण बच्चे मानसिक रूप से तैयार नहीं हो पा रहे हैं. कोई भी खिलाड़ी या खिलाड़ी के अभिभावक खेल के प्रति अपना 100 फीसदी तभी दे पाते हैं, जब भविष्य में होने वाली प्रतियोगिताओं का खाका उनके दिमाग में हो, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सभी खिलाड़ी व उनके अभिभावक असमंजस में हैं कि आखिर प्रतियोगिताएं कब होंगी. उन्हें अपनी खेल की तैयारी का ट्रैक क्या बनाना है, ये निश्चित कर पाने में खिलाड़ियों को मुश्किल हो रही है.
गौरतलब है कि चीन में जब कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी थी तब शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि धीरे-धीरे ये पूरी दुनिया में इस तरह पैर पसार लेगा कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा. इस महामारी ने खिलाड़ियों से लेकर नेताओं तक को घर पर रहने को मजबूर कर दिया है. किसी भी स्थिति में रद्द न होने वाले समारोह, टूर्नामेंट रद्द हो चुके हैं. ऐसे में खिलाड़ियों को भविष्य की चिंता सता रही है और उनका ध्यान खेल से हटने लगा है. ऐसे में इन खिलाड़ियों को मोटिवेट करने के लिए सरकार को भी कोई कदम उठाना चाहिए.
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